जगदीश शर्मा सहज Tag: छंद काव्य 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 8 Jan 2023 · 1 min read पौष की सर्दी/ तनुस कँप रहा हाड़-मांस का। उड़ रहा धुआँ गर्म सांस का ।। प्रखर सूर्य भी लापता हुआ । शिशिर में मनुज तापता हुआ।। ठिठुरती हुई पुष्प की कली। बिखरकर कहीं... Hindi · छंद काव्य 1 1 214 Share