जयशंकर नाविक Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जयशंकर नाविक 3 Jan 2022 · 1 min read आओ ऐसा पवित्र स्नेह दिवस मनायें... 14 फरवरी समाजमें जो लोग सम्मान चाहते हों। अगर सबका मंगल,भला चाहते हों।। जो हितकारी हो सबके मनको भाये। प्रेमशब्द का सच्चा सही अर्थ लगायें।। आओ ऐसा पवित्र स्नेह दिवस मनायें... हम... Hindi · कविता 539 Share जयशंकर नाविक 1 Jan 2022 · 1 min read मुझे तो अपनी तलब है... बस करो अब चुप रहो, मुझको भी चुपहो जाने दो। व्यर्थ ना भटको भटकाओ, ना अब समय गवाने दो।। मुझे तो अपनी तलब है... मनमुखता बस बहुत हुई, अब गुरुमुख... Hindi · कविता 278 Share जयशंकर नाविक 31 Dec 2021 · 1 min read मेरे आत्मदेव का ही विलास जहाँ देखूं; तहां बस मेरे, आत्मदेव का ही विलास | साधो! दूर नहीं दुर्लभ कहीं, हरदम पिया मेरा पास || तन - मन बुद्धि, इन्द्रियों, चित्तादि से भी चिति पार... Hindi · कविता 1 504 Share जयशंकर नाविक 31 Dec 2021 · 1 min read जब हम बच्चे थे जब हम बच्चे थे, कितने अच्छे थे। बुद्धि के कच्चे थे, पर मन के सच्चे थे।। मां के हांथों खाना छोड़ आधूरे जाना। लौट दुबारा आना, कहना मां खिलाना।। चीखना... Hindi · कविता 828 Share