JAGMOHAN SAXENA 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid JAGMOHAN SAXENA 6 Jul 2021 · 2 min read When you say yourself retire when you're telling yourself that i'm retired So you look at digging up roots of that dense shady tree on the shady tree,where no body knows How many new hopes,... English · Poem 1 1 596 Share JAGMOHAN SAXENA 5 Jul 2021 · 1 min read Wedding farewell song Taking some memories of childhood, you get a new glow every moment The love you got in paternal house you get more love than that at your in law s... English · Poem 1 2 518 Share JAGMOHAN SAXENA 18 Sep 2018 · 1 min read हिन्दी की बहन उर्दु जो बन्दिशें बाँधी थी तेरी जुगल बन्दी में वो आज सिसकती हैं नफरत की बारिश में किसी की खाला थी किसी की मईया थी हम तो सगी बहन थी तू... Hindi · कविता 1 535 Share JAGMOHAN SAXENA 17 Sep 2018 · 1 min read शेर-दीन ने कब सिखाया हाँ मैं बुत परस्त हूं काफिर ही सही, तेरे दीन ने कब सिखाया नफरत का कारोबार -जगमोहन सक्सेना Hindi · दोहा 422 Share JAGMOHAN SAXENA 16 Sep 2018 · 1 min read माँ तमसा नदी सफाई महा अभियान आजमगढ़ लेकर कुदाल लो कूद पड़े करने कल्याण वो जूझ पड़े माँ तमसा को आज़ाद कराने कलुशित बेड़ी से छुड़वाने कलजुग के भागीरथ जैसे हो मांझी दशरथ जुड़ती गयी कड़ी से... Hindi · गीत 1 750 Share JAGMOHAN SAXENA 29 Aug 2018 · 1 min read रिजर्वड सीट जच्चा वार्ड में रोज की तरह चहल पहल थी । ड़ाक्टर अपनी ड्यूटी पे मुस्तैदी के साथ महिलाऑ की सश्रुषा मे व्यस्त थी।अचानक वार्ड मे सरगर्मियां बढ़ जाती हैं।दो महिलाओं... Hindi · लघु कथा 501 Share JAGMOHAN SAXENA 29 Aug 2018 · 1 min read गज़ल-सागर ओ मीना मंजर-ए-तमाशा -ए -दुनिया मेरे आगे होता है हर रोज़ नया तमाशा मेरे आगे इक खेल ए हार जीत है मासूम ज़िन्दगी क़िस्मत भी खिलाती है क्या गुल मेरे आगे गुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share JAGMOHAN SAXENA 29 Aug 2018 · 1 min read गज़ल-सागर ओ मीना मंजर-ए-तमाशा -ए -दुनिया मेरे आगे होता है हर रोज़ नया तमाशा मेरे आगे इक खेल ए हार जीत है मासूम ज़िन्दगी क़िस्मत भी खिलाती है क्या गुल मेरे आगे गुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 619 Share