Anshul Kulshrestha Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anshul Kulshrestha 1 May 2018 · 1 min read काश मुझे वो मिल जाते ज़िक्र उनका आने से पहले, महफिल को छोड़ देते हैं हम ! वो ना रहे नज़दीक हमारे, रह गया बस उनका ग़म !! गमे जुदाई किसे सुनाऊँ, बात समझ ना... Hindi · कविता 1 248 Share Anshul Kulshrestha 5 Mar 2018 · 1 min read मंज़िल अपनी ख्वाहिशों को अपने हौंसलों की लगाम देदे, तू जाकर अपनी मंजिल को ये पैगाम देदे, कि पालूंगा तुझे इक रोज़ तेरा घौंसला बन कर, तू चाहे कितना भी अपने... Hindi · कविता 262 Share