हरीश लोहुमी Tag: कविता 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हरीश लोहुमी 3 Apr 2018 · 1 min read हे बापू ! यह क्या कर गए तुम ? हे बापू ! यह क्या कर गए तुम ? ******************************* हे बापू ! यह क्या कर गए तुम ? बुरा बोलने वाले को- जरूरत ही क्यों पड़ती बुरा बोलने की... Hindi · कविता 1 634 Share हरीश लोहुमी 31 Jul 2016 · 1 min read बड़ा हाथ (लघु कथा) बड़ा हाथ ******* .….आइये बाबू जी आइये। ये लीजिये सवा पांच रुपये का प्रसाद पैक करके रखा है आपके लिए। आपको दूर से ही देख लिया था ना ! इसलिए... Hindi · कविता 2 633 Share हरीश लोहुमी 28 Jul 2016 · 1 min read अधजले दीये की लौ से.… अधजले दीये की लौ से.… ********************* अधजले दीये की लौ से, जल उठा पवन, और आया..एक झौंका बन । रच दिया चक्रव्यूह, कहने लगा मौन बन, .... हट जा पथ... Hindi · कविता 6 599 Share हरीश लोहुमी 25 Jul 2016 · 1 min read चूहा, हाथी और दुल्हन (बाल-कविता) चूहा, हाथी और दुल्हन (बाल-कविता) ****************************** एक रोज चूहे राजा के दिल नें बात समाई, अब तो मैं भी जवां हो गया कर लूं एक सगाई. सोच-विचार गए चूहे जी... Hindi · कविता 3 898 Share हरीश लोहुमी 24 Jul 2016 · 1 min read तुम.... तब और अब (हास्य-कविता) तुम.... तब और अब **************************************** तब तुम अल्हड़ शोख कली थी, अब पूरी फुलवारी हो, तब तुम पलकों पर रहती थी, अब तुम मुझ पर भारी हो । तब तुम... Hindi · कविता 2 1k Share हरीश लोहुमी 2 Jul 2016 · 1 min read "नाक" **************************** "नाक" **************************** दर्ज़ा होंठों के ऊपर का, अगल-बगल रहती दो आँख , खडी बीच मे बडी शान से, देखो रौब जमाती नाक । किसी-किसी की लम्बी होती, किसी –किसी... Hindi · कविता 2 962 Share हरीश लोहुमी 6 Jun 2016 · 1 min read हे प्रिये ! अपना कान लाओ तो जरा... हे प्रिये, ये मेरे हस्ताक्षर की हुईं कुछ खाली चेकें हैं, मेरे बैंक अकाउंट की स्टेटमेंट के साथ, इन्हें तुम इस्तेमाल कर लेना, जब-जब तुम्हारा हाथ तंग सा लगे तुम्हें... Hindi · कविता 444 Share हरीश लोहुमी 27 May 2016 · 1 min read छोटी सी भूल ************************************ छोटी सी भूल ************************************ मैं इक झौंका मस्त पवन का, तू फूलों की शहजादी, मैंने थोड़ी सी हलचल की, तूने खुशबू फैला दी । स्वयं निमंत्रण भी दे डाला,... Hindi · कविता 725 Share हरीश लोहुमी 18 May 2016 · 1 min read जी करता है..... फैला कर बाहें, बिखरे हुए जज्बात को समेट लूं, जी करता है, तुम्हें अंग-अंग में लपेट लूं. बदल दूं फाल्गुनी राग, नई मल्हार जगा दूं, दिल की धुन में बहक-बहक,... Hindi · कविता 1 652 Share