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259 posts
आहत मन !
आहत मन !
Jaikrishan Uniyal
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
Jaikrishan Uniyal
कान्हा ओ कान्हा!
कान्हा ओ कान्हा!
Jaikrishan Uniyal
फर्क पड़ता है!!
फर्क पड़ता है!!
Jaikrishan Uniyal
आओ बच्चों तुम्हे बताएं,बातें हिन्दुस्तान की,
आओ बच्चों तुम्हे बताएं,बातें हिन्दुस्तान की,
Jaikrishan Uniyal
लौकिक से अलौकिक तक!
लौकिक से अलौकिक तक!
Jaikrishan Uniyal
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
Jaikrishan Uniyal
पारा !!
पारा !!
Jaikrishan Uniyal
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
Jaikrishan Uniyal
नहीं हो रहा है भरोसा उन पर!
नहीं हो रहा है भरोसा उन पर!
Jaikrishan Uniyal
आओ बौंड बौंड खेलें!
आओ बौंड बौंड खेलें!
Jaikrishan Uniyal
न्याय के मंदिर में!
न्याय के मंदिर में!
Jaikrishan Uniyal
त्यौहारों का संदेश!
त्यौहारों का संदेश!
Jaikrishan Uniyal
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
Jaikrishan Uniyal
मेरा भारत बदल रहा है,
मेरा भारत बदल रहा है,
Jaikrishan Uniyal
सत्तर की दहलीज पर!
सत्तर की दहलीज पर!
Jaikrishan Uniyal
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
Jaikrishan Uniyal
हमारे धर्म ध्वज के वाहक !
हमारे धर्म ध्वज के वाहक !
Jaikrishan Uniyal
धर्म कर्म
धर्म कर्म
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असहज सवाल!
असहज सवाल!
Jaikrishan Uniyal
ये वो हैं जो हिसाब मांगते !
ये वो हैं जो हिसाब मांगते !
Jaikrishan Uniyal
अजन्मा है वो,जन्मा है जो!
अजन्मा है वो,जन्मा है जो!
Jaikrishan Uniyal
बात गरीब गुरबों की!
बात गरीब गुरबों की!
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गुरबत में है निम्न मध्यम वर्ग!
गुरबत में है निम्न मध्यम वर्ग!
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उलझन में मध्यम वर्ग!
उलझन में मध्यम वर्ग!
Jaikrishan Uniyal
धारणा बनाता उच्च मध्यम वर्ग!
धारणा बनाता उच्च मध्यम वर्ग!
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ये किस्तम नहीं तो और क्या है?
ये किस्तम नहीं तो और क्या है?
Jaikrishan Uniyal
कैसा चल रहा आज!देश का ये राज काज!!
कैसा चल रहा आज!देश का ये राज काज!!
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चिंता डायन!
चिंता डायन!
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एक उम्र के बाद!
एक उम्र के बाद!
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गन्ना ना दे,भेली देंवे!
गन्ना ना दे,भेली देंवे!
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गृहस्थ प्रबंधन!
गृहस्थ प्रबंधन!
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सकारात्मकता का बोध!
सकारात्मकता का बोध!
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पल भर की खबर नहीं!
पल भर की खबर नहीं!
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छलकते आंसू
छलकते आंसू
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रे मनुवा!
रे मनुवा!
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हो जाए ना बत्ती गुल!
हो जाए ना बत्ती गुल!
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झम झमा झम हुई बरसात!
झम झमा झम हुई बरसात!
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निन्यानबे के फेर में!
निन्यानबे के फेर में!
Jaikrishan Uniyal
चले जाना है इक दिन!!
चले जाना है इक दिन!!
Jaikrishan Uniyal
महानगरों का तिलिस्म कहें या चकाचौंध!
महानगरों का तिलिस्म कहें या चकाचौंध!
Jaikrishan Uniyal
एक डोज सच का भी!
एक डोज सच का भी!
Jaikrishan Uniyal
पक्ष-विपक्ष एवं निष्पक्ष!
पक्ष-विपक्ष एवं निष्पक्ष!
Jaikrishan Uniyal
आपदा को अवसर में बदलने की कला!
आपदा को अवसर में बदलने की कला!
Jaikrishan Uniyal
मनुष्य का चरित्र: है कितना विचित्र!
मनुष्य का चरित्र: है कितना विचित्र!
Jaikrishan Uniyal
ये भेदभाव क्यों हुआ!
ये भेदभाव क्यों हुआ!
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वो भी क्या दिन थे!
वो भी क्या दिन थे!
Jaikrishan Uniyal
सच कहूं, डर तो लगता है!
सच कहूं, डर तो लगता है!
Jaikrishan Uniyal
माता का दरबार सजा है!
माता का दरबार सजा है!
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लो लौट आया कोरोना !
लो लौट आया कोरोना !
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