Ghanshyam Poddar 97 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Ghanshyam Poddar 10 Feb 2024 · 1 min read तुम आए कि नहीं आए तुम आए कि नहीं आए दुवा लाए कि दुआ लाए मीठा लाए कि तीखा लाए अपने आए कि पराए आए मैं पुकारता चला गया। तुम आराधना करते रह गए तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 106 Share Ghanshyam Poddar 9 Feb 2024 · 1 min read खबरदार होना चाहिए कोई कितना ही दमदार हो डरकर नहीं , हमेशा डटकर रहना चाहिए । सामने वाला कितना ही ओहदेदार हो नजरें झुकाकर नहीं, सर उठाकर रहना चाहिए । दोस्त कितना ही... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 55 Share Ghanshyam Poddar 8 Feb 2024 · 1 min read इल्म कुछ ऐसा दे इल्म कुछ ऐसा दे मेरे मालिक कि काम आऊं सबों के हौंसला भी कुछ ऐसा दे कि गंगा जमुनो सदा नाज करे. आधे -रास्ते पर न रुक जाएं किसी मुसाफिर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 58 Share Ghanshyam Poddar 7 Feb 2024 · 1 min read शोख लड़की ए शोख लड़की, मुझसे तुम यूं ही इतना खफा क्यों है जी चाहे तो खता बता के सजा दे दो या माफ कर दो । आंखों में काजल तुम लगाती... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 75 Share Ghanshyam Poddar 6 Feb 2024 · 1 min read अपना बन जायेगा नाम के पीछे मत भाग रे बंदे, काम के पीछे तू मन से भाग, लगन से पूरा कर दिया काम, दूर- दूर नाम सहज ही जायेगा । तुम किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 37 Share Ghanshyam Poddar 5 Feb 2024 · 1 min read भज ले भजन भज ले , भजन कर ले अरे प्राणी , जीवन निश्चय ही तेरा संवार जायेगा , नाम ले ले अरे अपने प्रभु का तुम , कल आज और कल सुधर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 117 Share Ghanshyam Poddar 4 Feb 2024 · 1 min read *एक चूहा* एक चूहा दिनभर बिल के अंदर छिपकर - रहकर निकला बाहर रात में घरवालों के सोने के बाद । उसे नजर आया रोटी का टुकड़ा सोचने लगा: मालिक ने दी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 123 Share Ghanshyam Poddar 3 Feb 2024 · 1 min read कोहरा और कोहरा आप से मिलने जाना था मुझे, आपके आमंत्रण पर क्या बताऊं- कैसे आऊं ? कोहरा है बड़ा ही तगड़ा । बेशर्म होकर पसरा है , दूर दूर तक घना कोहरा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 87 Share Ghanshyam Poddar 2 Feb 2024 · 1 min read कोहरे के दिन सूरज तो उत्तरायण -दक्षिणायन करता रहता है घूमती रहती है घड़ी की सुई ,हर पल चहुं ओर । शीत ओस कुहासा कोहरा कब तक रहेगा यहां दोपहर हो गया है,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 88 Share Ghanshyam Poddar 1 Feb 2024 · 1 min read आंखें जुबां से न सही,आंखों से बोलना मुझे जो भी रह गया हो बांकी, कहना मुझे । में न भूलूंगा कभी,चाहे भूल जाओ मुझे जब -जहां मिले थे, ठिकाना याद है... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 80 Share Ghanshyam Poddar 31 Jan 2024 · 1 min read जिद बापू की नमन बापू ! नमन बापू ! आज हुआ था आपका गमन बापू ! अपने जो दिया हम हैं मगन बापू। इतनी जल्दी भी क्या थी तुम्हें जाने की जिद और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Ghanshyam Poddar 30 Jan 2024 · 1 min read कली को खिलने दो बचपन की बातें बचपन की यादें बचपन के सपने भुलाएं नहीं भूलते बचपन के अपने अहा! क्या कहने । आती है बारंबार यादें बीते दिन/ बीती बातें आंखों के सामने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 119 Share Ghanshyam Poddar 22 Jan 2024 · 1 min read राम की धुन श्रीराम जय राम जय जय राम श्रीराम जय राम जय जय राम श्रीराम जय राम जय जय राम सारा -जगत करता कोटि प्रणाम । सबकी है एक ही धुन सबकी... Hindi · कविता 115 Share Ghanshyam Poddar 18 Jan 2024 · 1 min read कोहरा उठने का साहस तो करता हूं मैं भेद नहीं पाता हूं कोहरे का पहरा । कोहरे ने कैद कर लिया है मुझे सर्दी का सागर है कितना गहरा । लिहाफ... Hindi · ग़ज़ल 130 Share Ghanshyam Poddar 18 Jan 2024 · 1 min read रामलला ! अभिनंदन है स्वागत है, अभिनंदन है "हे राम" ! तुम्हारा वंदन है 'रामलला' के स्वरूप के मस्तक पे तिलक -चंदन है । आओ हे प्रिय 'रामलला' ! समूर्ण है स्वरूप- कला योगी... Hindi · कविता 158 Share Ghanshyam Poddar 11 Jan 2024 · 1 min read * रामलाला का दर्शन से* सुनो साथियों ! सुनो साथियों !! चलो साथियों ! चलो साथियों !! रामलला श्री अयोध्या -धाम आए हैं उन्होंने जन -जन को सहर्ष बुलाएं है । अयोध्या ही अयोध्या -धाम... Hindi · कविता 103 Share Ghanshyam Poddar 15 Dec 2023 · 2 min read यमराज हार गया संसार का शाश्वत सत्य है: जन्म लिया है जिसने भी , होगा मारना कभी न कभी , छूट न सकता यहां कोई भी । कब लेना है जन्म किसे ?... Hindi 1 2 131 Share Ghanshyam Poddar 15 Jul 2023 · 1 min read शतरंज के मुहरे सूरज के गिर्द अपनी धुरी पर धरती हर पल घूमती है भ्रमण -पथ पर कभी इसके पास आती, दूर जाती है l दिन रात होती है, मौसम बदलता है, ऋतु... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 3 178 Share Ghanshyam Poddar 12 Jul 2023 · 1 min read फितरत नहीं बदलती है अपनी -अपनी फितरत है, कोई हँसता है, कोई रोता है विष -वमन करता है, कोई घड़ियाली आंसू बहाता है l 360 बार घूमती सेकंड की सुई, 60बार मिनट की सुई... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 72 Share Ghanshyam Poddar 10 Jul 2023 · 1 min read अंजुम भाई, अंजुम भाई, बधाई हो. 'साहित्यपीडिया ' में आपकी 'दोस्ती ' कहानी रंग लाई है. धन्यवाद. रीडर्स चॉइस कोटि में तृतीया पुरुस्कार प्राप्त किया है. एकबार फिर से बधाई. खूब लिखें... 182 Share Ghanshyam Poddar 15 Jun 2023 · 1 min read शिलालेख बेटे ! उठाओं उत्कर्णक और लिखों पाषाणों पर एक नया इतिहास सच सच l सोचो मत की कि पत्थर दिल वाले या सत्य का सामना न कर सकने वाले विकलांग... Poetry Writing Challenge · कविता 1 203 Share Ghanshyam Poddar 15 Jun 2023 · 1 min read मन का वृन्दावन प्रतिष्ठित हो - मीरा के श्याम की तरह मेरे मन के वृन्दावन में l तुम्हारे आगमन की पदचाप मोहित कर लेती है मन - प्राणों को मंदिर की घंटियों की... Poetry Writing Challenge · कविता 103 Share Ghanshyam Poddar 15 Jun 2023 · 1 min read कल तुम्हारा है समय के सीने पर नाम अपना लिख लो अपनी कृति लिख दो कुछ गढ़ लो l विज्ञानं की बातें गणित के सूत्र सामाजिकता के मूल सही -सही समझ लो l... Poetry Writing Challenge · कविता 230 Share Ghanshyam Poddar 15 Jun 2023 · 1 min read चाहत मेरी चाहत थी कि हम आस -पास होंगे l कि एक दूसरे के करीब होंगे लेकिन न हो सका अबतक जाने होगा ऐसा कब तक l हर पल देता है... Poetry Writing Challenge · कविता 86 Share Ghanshyam Poddar 15 Jun 2023 · 1 min read चल -चलों लेकर मशाल हाथ में चल चलो, चल चलो l अलोकित होगा पथ तिरोहित होगा तम सौभाग्य जागेगा दुर्भाग्य भागेगा l लेकर मशाल हाथ में चल चलो, चल चलो l जन... Poetry Writing Challenge · कविता 99 Share Ghanshyam Poddar 14 Jun 2023 · 1 min read प्रार्थना कृपा करों हे करुणा - निधान कृपा करों हे करुणा -निधान जो होना है, वह तो होगा ही जैसा लिखा है,भाग्य -विधान l हे हरि ! हर लो दुख हमारी... Poetry Writing Challenge · कविता 169 Share Ghanshyam Poddar 14 Jun 2023 · 1 min read मंजर मंजर ही ऐसा लगता है सबकुछ जर्ज़र सा लगता है किसी को कुछ भी कहना उसे खंजर सा - लगता है l क्या अमन की बात करें ? क्या चमन... Hindi · कविता 332 Share Ghanshyam Poddar 14 Jun 2023 · 2 min read पानी है अनमोल घर के घड़े खाली हैं, सरोवर सूखे हैं कुंआ सूखा है, नल भी न गीला है रेल गाड़ी आती है, टैंकर आता है आकर पानी दे जाता है, जब मन... Poetry Writing Challenge · कविता 98 Share Ghanshyam Poddar 13 Jun 2023 · 1 min read आओं बादल लौट गया बादल बिन बरसे तन - मन फिर कैसे हँसे, कैसे हरसे? स्वेद -कण सूख न पाया सर से घट - पनघट भर न पाया जल से ताल -... 53 Share Ghanshyam Poddar 13 Jun 2023 · 1 min read अबकी बार अबकी बार नहीं जाने दूंगी अपने पिया को परदेश. प्राणों से भी प्यारा है अपना घर, अपना गाँव अपना देश अपना स्वदेश. अकेले का जीवन भी कोई जीवन है न... Poetry Writing Challenge 216 Share Ghanshyam Poddar 13 Jun 2023 · 1 min read कब तक महफूज रहेंगे आप ? कोई जरुरी नहीं कि मैं जो कहूं, वही करें आप पर वह तो करें, जो निहायत ही जरुरी समझें आप l हो सकता है, मेरी बातों से सहमत नहीं हो... Poetry Writing Challenge 60 Share Ghanshyam Poddar 12 Jun 2023 · 1 min read मिल जाऊं कहीं यदि चला जाऊंगा एकदिन, शायद मैं तुम्हें छोड़कर दिल तोड़कर तुम्हारा नहीं, रिस्ता जोड़कर आना - जाना, जाना आना लगा रहता है यहाँ रखना याद हमें सदा, विनती है कर जोड़कर... Poetry Writing Challenge · कविता 178 Share Ghanshyam Poddar 12 Jun 2023 · 1 min read लथ -पथ है बदन तो क्या? लथ -पथ है बदन तो क्या? काम वतन के नहीं आएंगे क्या ? यह सत्य है कि दुश्मन की गोलियां हमने खाई है अपनी ख़ुशी से दुश्मन को हमने पीठ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 336 Share Ghanshyam Poddar 12 Jun 2023 · 1 min read उन्हें प्यार दो भले ही भूखे सो जाओं पानी पीकर सो जाओं लेकिन सुबह उठते ही अपने धुन में लग जाओं. पौधों को पानी दो फूलों को खिलने दो ठंडे पानी से नहाकर... Poetry Writing Challenge 53 Share Ghanshyam Poddar 11 Jun 2023 · 1 min read खुदा! तू है न! खुदा! तू है न! तो क्यों है खौफ का मंजर बन्दों से कहो कि फेंक दे दरिया में अपने खंजर. सन्नाटा है पसरा, कोई कुछ बोलता नहीं काना - फुसी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 68 Share Ghanshyam Poddar 10 Jun 2023 · 1 min read बेटी की विदाई अंगुली पकड़ कर हुई थी जो बेटी बड़ी दूल्हे राजा के साथ वह ससुराल चली चले. (1 ) सखियों के संग इन गलियों में खेल खेले चली जा रही है... Poetry Writing Challenge 92 Share Ghanshyam Poddar 9 Jun 2023 · 1 min read सही सलामत कितने हुए क़त्ल, कितने हुए लहू - लुहान कितने क़ी आबरू बची, कितने हुए हल्कान. कितने जेल गए, कितने कटघरे मे खड़े ल -दो के फेर में, अ -ब हो... Poetry Writing Challenge 1 288 Share Ghanshyam Poddar 8 Jun 2023 · 1 min read कहाँ हूँ मै पराई जब भी चोट खाया मैंने चिल्लाया - ओ मां ! जब भी आई संकट मैंने पुकारा -बाप रे ! जब भी छाई तन्हाई मैंने बजाई - बांसुरी कहाँ हो जी... Poetry Writing Challenge 224 Share Ghanshyam Poddar 7 Jun 2023 · 1 min read आज क़ी कविता फ़ास्ट फ़ूड क़ी तरह है फ़ास्ट कविता चलते -चलते गढ़ लिया. खाते - खाते पढ़ लिया सोते - सोते देख लिया न अर्थ जाना, न भावार्थ जाना न समझा, न... Poetry Writing Challenge 145 Share Ghanshyam Poddar 7 Jun 2023 · 1 min read सुपथ चल मत कुपथ -कुपथ चलना है तो चल सत्य -पथ, सत्य -पथ, सत्य - पथ l अरे अकिंचन! कर चिंतन - मनन प्रस्थान से पूर्व पहचान पथ, पहचान पथ, पहचान... Poetry Writing Challenge 2 275 Share Ghanshyam Poddar 17 May 2023 · 1 min read मुझे आशीष दो, माँ माँ ! तुम यहाँ हो, हो न माँ ! तुम यहीं हो, है न माँ! जहाँ मैं हूँ, है न माँ ! तुम जहाँ हो, वहीं मैं भी हूँ तुम्हारे... Hindi · कविता 354 Share Ghanshyam Poddar 22 Apr 2023 · 1 min read नेक मनाओ ईद मनाओं ईद मनाओं मीठी सेवईया मन से खाओं अपनों को अपने घर बुलाओं गले -गले मिलों -मिलाओं ll कल चाँद का दीदार हुआ था मिलकर आज ईद मनाओं नए... Hindi · कविता 165 Share Ghanshyam Poddar 21 Apr 2023 · 1 min read जहरीले धूप में (कविता ) कहाँ निकल पड़े चिलचिलाती गर्म धूप में घड़ी दो घड़ी ठहर के जाते नर्म धूप में छाता तो सही है, पानी भी रख लेते साथ में सलाह मेरी मानिए, बिन... Hindi 1 204 Share Ghanshyam Poddar 5 Apr 2023 · 2 min read अवध बिहारी (कविता ) 'श्रीराम' जी का हम सभी हैं आभारी मैं ही नहीं, कहती है दुनियां सारी आपके नाम से ही चलती है आगारी सन्मार्ग पर हमारे जीवन की गाड़ी ll चैत्र शुक्ल... Hindi 1 176 Share Ghanshyam Poddar 9 Jan 2023 · 1 min read सुबह -सुबह चलो निकलते हैं , अब कमल- दल से बिलम्ब से ही सही, रवि ऊष्मा लाएं है. सिरफिरा है, हकमार है, मधु -लोभी है तितलिओं ने कहा : "मुँह काला कर... Hindi · कविता 1 163 Share Ghanshyam Poddar 14 Jun 2022 · 1 min read महान है मेरे पिता प्रणय- बंधन में बंधने के बाद पुत्र बनकर मेरा पदार्पण हुआ सर्जक हैं- मेरे पिता । मैं तो रोना जनता था केवल हंसना - बोलना, पढ़ना- लिखना उन्होंने सिखाया शिक्षक... Hindi 3 2 321 Share Ghanshyam Poddar 13 Jun 2022 · 1 min read पिता जी ! प्रणाम तुम जीत जाओ मैं हार जाता हूं। तुम ढूंढों मुझे मैं छिप जाता हूं। और नवीन ऊर्जा से तुम्हें भर देता था/ हूं । जीवन एक संघर्ष है जीत- हार... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 4 172 Share Previous Page 2