Ravi Ranjan Goswami Tag: ग़ज़ल/गीतिका 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Ranjan Goswami 27 Jul 2017 · 1 min read अंधेरे में रोशनी अपने साये को नज़र अंदाज़ मत कर वो रहता है वक्त का हमराज़ बनकर। ज्यों ज्यों रात गहराई आँख खुलती गयी, दिन के करतबों की पोल खुलती गयी। अंधेरा छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Apr 2018 · 1 min read मयख्वारी शीशे से भरा नस नस में उठकर अब न चला जाये। कोई सहारा देकर उठाये मुझे, खुद से अब न उठा जाये। अक्सर सोचा है मैंने मय पिये, कि पीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 445 Share Ravi Ranjan Goswami 17 Aug 2017 · 1 min read गुमान सज़ा मिली है तो कोई गुनाह हुआ होगा, समझ नहीं आता ऐसा क्या हुआ होगा । हर कदम फूँक कर रखता है राह में , कितने फरेब खाया होगा इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share Ravi Ranjan Goswami 15 Sep 2016 · 1 min read बेमौसम वे तस्वीरें खींचते हैं मिटा देते हैं, मुझसे एक तस्वीर मिटायी न गयीं। दस्तक देके, इंतजार नहीं करता कोई, यहाँ उम्र कट गयी किसी इंतज़ार में । किस तरह जल्दी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share Ravi Ranjan Goswami 5 Jan 2017 · 1 min read क्या देखूँ कहीं गुजरे वक्त के निशां देखूँ । कहीं जाते हुए लम्हों के निशां देखूँ । अपनी दीवानगी में क्या देखूँ ! उम्मीद गिर गिर के उठती है । तिश्नगी बढ़ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share