Dr fauzia Naseem shad Tag: लेख 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr fauzia Naseem shad 27 May 2022 · 2 min read नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की फिलहाल में हमारे देश में जिस प्रकार का असंतोष का वातावरण बना और जिस प्रकार हमारे समाज और देश को तोड़ने वाली जो समस्याएं उत्पन्न हुई उसके पीछे राजनीति, नफ़रत,... Hindi · लेख 9 226 Share Dr fauzia Naseem shad 25 May 2022 · 1 min read ओवर पज़ेसिव होना कितना उचित ? अपने रिश्ते में अपने साथी के प्रति या कोई अन्य रिश्ते के प्रति पज़ेसिव होना जहाँ आपके प्रेम भाव को अभिव्यक्त करता है वहीं आपका ओवर पज़ेसिव होना आपके कमज़ोर... Hindi · लेख 7 176 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Apr 2022 · 3 min read रखें भावनाओं का ख़्याल इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारी जिंदगी को सरल और कठिन बनाने में हमारे द्वारा बोले गये और लिखे गये शकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह शब्द ही... Hindi · लेख 9 110 Share Dr fauzia Naseem shad 18 Apr 2022 · 3 min read एहसास एहसास एक ऐसा प्यारा लफ़्ज़ है जिसके लेने से हमारे दिल के नर्म एहसास जाग जातें हैं और यही वो एहसास होते हैं जिनकी बदौलत हमें इंसान होने का इतना... Hindi · लेख 9 202 Share Dr fauzia Naseem shad 13 Apr 2022 · 2 min read नारी समझना है ज़रूरी आज आधुनिक समाज में नारी की क्या हैसियत है वो किसी से छुपी नहीं है, कुछ अपवादों को छोड़ भी दिया जाए तो हमें ज्ञात होगा कि ज़माना चाहें कितना... Hindi · लेख 7 241 Share Dr fauzia Naseem shad 12 Apr 2022 · 3 min read धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि आज के समय में धर्म के विषय पर बात करना उस पर लिखना या किसी भी प्रकार की टीका -टिप्पणी करना बेहद संवेदनशील हो... Hindi · लेख 8 1 143 Share Dr fauzia Naseem shad 27 Mar 2022 · 2 min read सकारात्मक सोच प्राय: जीवन में मिलने वाले दुःख असफलताएं हमे निराशा से भर देते है वहीं हमारे जीवन की गतिशील्ला को भी पूर्णता अवरुद्ध कर देती हैं जो कि किसी भी रूप... Hindi · लेख 10 181 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Mar 2022 · 2 min read स्वयं को पहचानना ज़रूरी है मनुष्य इस संसार में असंख्य जीव-जन्तुओं के होते हुए भी सबसे अद्वितीय ही नहीं बल्कि ऊपर वाले की सबसे अनमोल कृति भी है। ईश्वर ने जिन विशेषताओं से मनुष्य को... Hindi · लेख 8 149 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Mar 2022 · 2 min read सोच ऐसी रखो, जो बदल दे ज़िंदगी को ' वक़्त बदला और इस बदलते वक्त ने हमारी जिंदगी के मायने भी बदल के रख दिये है आज आलम यह है कि लोग जिंदगी को जी कम रहे है और... Hindi · लेख 10 339 Share Dr fauzia Naseem shad 8 Mar 2022 · 3 min read एक प्रयास अपने लिए भी वर्तमान में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसात्मक, अपराधिक घटनाओं को देख कर उनकी सुरक्षा का प्रश्न परिवार, समाज, देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए भी चिंता का... Hindi · लेख 7 162 Share Dr fauzia Naseem shad 1 Mar 2022 · 2 min read समझना है ज़रूरी आज आधुनिक समाज में नारी की क्या हैसियत है वो किसी से छुपी नहीं है, कुछ अपवादों को छोड़ भी दिया जाए तो हमें ज्ञात होगा कि ज़माना चाहें कितना... Hindi · लेख 9 168 Share Dr fauzia Naseem shad 1 Mar 2022 · 2 min read ज़िन्दगी क्या है कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में चाहें कितनी भी दौलत, शौहरत हासिल क्यों न कर ले, लेकिन जब तक उसकी खुशियों को बांटने वाले, उसकी हौसला अफज़ाई करने वाले, उस... Hindi · लेख 8 237 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Feb 2022 · 2 min read प्रयास ''अपने अस्तित्व की पहचान का प्रयास भी करते रहना । केवल जीवित रहने के लिए शाद न कभी जीवित रहना ।।'' निस्संदेह इंसान के जीवन में प्रयास उतना ही महत्व... Hindi · लेख 17 468 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Feb 2022 · 3 min read धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि आज के समय में धर्म के विषय पर बात करना उस पर लिखना या किसी भी प्रकार की टीका -टिप्पणी करना बेहद संवेदनशील हो... Hindi · लेख 20 588 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Feb 2022 · 2 min read बेटियां तो बेटियां हैं आपकी हों या मेरी बलात्कार केवल शारीरिक भूख की संतुष्टि का माध्यम नहीं हैं बल्कि ये एक माध्यम है बदले की आग को शान्त करने का, सामने वाले को उसकी नज़रों में गिराने का,... Hindi · लेख 9 165 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Feb 2022 · 2 min read ज़रूरत है सोचने की क्या आपके दस, बीस, पचास, सौ रुपए की भीख देने से अल्लाह या भगवान खुश हो जाता है.? क्या आपके द्वारा दान की गई इस अल्प रिश्वत के बदले वह... Hindi · लेख 8 178 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 3 min read क्या भीड़ का चेहरा नहीं होता ? कहते हैं कि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता वास्तव में देखा जाए तो यह बात अपनी जगह सही भी है जब एक जगह बहुत अधिक संख्या में लोग एकत्रित... Hindi · लेख 20 600 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 2 min read सवालों के घेरे में देश का भविष्य खेलने की उम्र में कूड़े के ढेर से कूड़ा बीनते बच्चे, ट्रैफिक सिगनल पर कला बाज़ियां खाते, तमाशा दिखाते, भीख मांगते, खिलौने, पेन्सिल, अखबार, गुब्बारे, फूल आदि बेचते बच्चे, देखने... Hindi · लेख 12 358 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read आपका स्वभाव जीवन में मान-सम्मान केबल पद और दौलत से नहीं कमाया जाता बल्कि अपने अच्छे कर्मों और अपने अच्छे व्यवहार से भी अर्जित किया जाता है जीवन बहुत सरल हो जाता... Hindi · लेख 11 266 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 3 min read बाल विवाह समस्या हमारे भारतीय समाज में नारियों का यह दुर्भाग्य रहा है कि इस देश में नारी को देवी बना कर पूजने की प्रथा तो रही है लेकिन इसके साथ ही उसके... Hindi · लेख 21 2k Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 2 min read कितना बदल रहे हैं हम ? कितना बदल रहे हैं हम ? ये ऐसा विचारणीय प्रश्न है, जिसकी गहराई में जाकर ही हम इसका सही उत्तर दे सकते हैं, ये सही है कि आज वक़्त ही... Hindi · लेख 18 430 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 2 min read न टूटे रिश्तो की मर्यादा आज जिस तीव्रता के साथ हमारे नैतिक व सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ रही है, वह वास्तव में चिंता का विषय है, रिश्तों को कलंकित करती समाज में दिन प्रतिदिन... Hindi · लेख 11 561 Share Dr fauzia Naseem shad 19 Feb 2022 · 2 min read खत्म होती मानवीय संवेदनाएं आज समाज में व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना का जिस तीव्रता से विकास हो रहा है वह बहुत शर्मनाक और चिन्ता का विषय है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि... Hindi · लेख 17 1k Share Dr fauzia Naseem shad 16 Feb 2022 · 4 min read किन्नर बेबसी कब तक ? किन्नर बेबसी कब तक ? ******************** किन्नर जिन्हें हमारे सभ्य समाज में ट्रांसजेंडर, थर्ड जेंडर, हिजडे व किन्नर आदि नामों से भी संबोधित किया जाता है इनकी खुशी जहाँ आपके... Hindi · लेख 8 263 Share Dr fauzia Naseem shad 15 Feb 2022 · 3 min read गुस्सा कितना उचित ? इच्छा के विरुद्ध किसी अपने का कोई कार्य जब मन में रोष उत्पन्न करता है तो उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप मन में जो उग्र मनोभाव उत्पन्न होता है उसे गुस्सा कहते... Hindi · लेख 19 494 Share Dr fauzia Naseem shad 15 Feb 2022 · 3 min read कैसे इंसान हैं हम ? आज जो हमारे देश के हालात हैं वो किसी से छुपे नहीं, विश्वास और अविश्वास का ऐसा वातावरण शायद कभी देखने को मिला हो, लेकिन इस बीच लोग खुल कर... Hindi · लेख 8 347 Share Dr fauzia Naseem shad 9 Feb 2022 · 2 min read इस ज़िंदगी को जीने का अंदाज़ ऐसा रखना इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि यह जिंदगी आपकी है और आपका पूरा हक बनता है कि आप अपनी जिंदगी को अपने अंदाज में और अपने हिसाब से जिये, और... Hindi · लेख 8 371 Share Dr fauzia Naseem shad 7 Feb 2022 · 3 min read ज़रूरत है सोचने की आज की निरन्तर बदलती लाइफ स्टाइल और भौतिकवादी युग में रिश्तों के मायने ही बदल गये हैं, इंसान की अपेक्षाएं इतनी बढ़ गई हैं कि संस्कार, कर्तव्य, प्यार, विश्वास व... Hindi · लेख 9 280 Share Previous Page 2