Godambari Negi 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Godambari Negi 2 Aug 2022 · 1 min read 'हे सबले!' कला की अनोखी मिशाल ड्रीमगर्ल , जोड़ा जग से नाता अभिनय कर । या पन्त की तोड़ती पत्थर , इलाहबाद के पथ पर, जो बना वस्त्र की इक झोली ,... Hindi · कविता 434 Share Godambari Negi 2 Aug 2022 · 1 min read 'धरती माँ' माँ धरती कितना सहे, करे न मुख से हाय। सहके हजारों कष्टभी, हमको देती जाय।। हमको देती जाय, अन धन से रहते भरे। गर्भ में माणिक मोती, जीव पर उपकार... Hindi · कुण्डलिया 3 490 Share Godambari Negi 1 Aug 2022 · 1 min read 'कभी तो' कभी तो भूले भटके इस राह से भी गुज़रा करो, कि एक रास्ता तुम्हारे घर का यहाँ से रोज़ गुज़रता है। Hindi · कोटेशन 2 386 Share Godambari Negi 1 Aug 2022 · 1 min read 'बंधन' ये कैसा अदृष्ट बंधन है जिसमें डोर न छोर, जाने कैसे बंधा है इसमें पागल सा मन मोर। विषमता का भार नहीं द्वेष की कोई दीवार नहीं, तीन रंग में... Hindi · मुक्तक 249 Share Godambari Negi 31 Jul 2022 · 1 min read 'नील गगन की छाँव' नील गगन की छाँव में, लगा है मेला गाँव में। लगा भीड़ का रेला है, कोई नहीं अकेला है। चर्खी झूला लगा वहाँ, झूलें बच्चे और जवाँ। गोल जलेबी घेवर... Hindi · कविता 1 502 Share Godambari Negi 31 Jul 2022 · 1 min read 'सनातन ज्ञान' सनातन धर्म की जड़ें इतनी गहरी हैं जैसे अमर बेल की जड़ अदृष्य रहती है शिवत्व का भेद जानना दुष्कर है।तभी तो दुनिया का एक विशिष्ट धर्म है। बाकी देशों... Hindi · लेख 1 823 Share Godambari Negi 30 Jul 2022 · 1 min read 'याद' तुझे याद न करूँ तो क्या करूँ... तू ही तो रोशनाई है मेरी नज़्मों की इससे ज्यादा बता क्या बयां करूँ... Hindi · ग़ज़ल · शेर 1 293 Share Godambari Negi 30 Jul 2022 · 1 min read 'इरशाद' एक शायरी तेरी हमको याद आई, वो न आए पर याद बरसों बाद आई। भूल ही गए थे तेरी उल्फ़त के सिले, कि नज़्म तेरी बनके इरशाद आई। Hindi · शेर 1 173 Share Godambari Negi 29 Jul 2022 · 1 min read 'संबंध और संबंधी' पत्नी को पति के परिवार वाले पसंद नहीं आते पर पति को इससे कोई दिक्कत नहीं आती अतिथि के रूप में । पर इनमें थोड़ा फर्क होता है। पति के... Hindi · लेख 236 Share Godambari Negi 29 Jul 2022 · 1 min read 'तू-तू मैं-मैं' संसद में ये तू-तू मैं-मैं वाली प्रथा कब समाप्त होगी ?कब तक हल्का-गुल्ला करके कार्यवाही को स्थगित किया जाता रहेगा ? क्या पक्ष-विपक्ष में मधुर व्यवहार से देश हित के... Hindi · लेख 148 Share Godambari Negi 28 Jul 2022 · 4 min read "वफादार शेरू" बात बहुत साल पुरानी है। हमारा परिवार गाँव में ही रहता था। पिताजी गढ़वाल आर्मी में एक सैनिक थे कुछ महीनों पहले ही वे सेवा निवृत होकर घर लौट आए... Hindi · Story · कहानी 1 439 Share Godambari Negi 28 Jul 2022 · 1 min read सुविचार आज का विचार "निंदा के सिवा इस जग में आसानी से कुछ नहीं मिलता। मूल्यवान पदार्थ के लिए कुछ तो संघर्ष करना ही पड़ता है" -Gn Hindi · कोटेशन 149 Share Godambari Negi 27 Jul 2022 · 1 min read 'हरि नाम सुमर' (डमरू घनाक्षरी) भुव विलय प्रलय, झष प्रकट सदय, ऋषि स्वधर कमर, कर जलधि तरण। कर दमन असुर, मुदित वदन सुर, हरि भजत भजन, गज विपद हरण। हृदय दरिद दुख, हरि भज भर... Hindi · कविता 1 488 Share Godambari Negi 26 Jul 2022 · 1 min read 'विजय दिवस' भारत भूमि के लाल, कर गये थे कमाल, काट गए पाक जाल, वाह-वाह जग कहे। काल से बरस पड़े, हिम श्रृंग चढ़ चले, कथा नव गढ़ चले, शत्रु के बंकर... Hindi · कविता 3 554 Share Godambari Negi 26 Jul 2022 · 2 min read 'कई बार प्रेम क्यों ?' प्रेम दुबारा क्या तिबारा चौबारा भी हो जाता है। पर तब जब वो अधूरा मर जाता है या मार दिया जाता है। रूह या आत्मा भटकती रहती है एक ही... Hindi · लेख 1 354 Share Godambari Negi 25 Jul 2022 · 2 min read '%पर न जाएं कम % योग्यता का पैमाना नहीं है' आजकल बोर्ड की परीक्षाओं के धड़ाधड़ परिणाम आ रहे हैं। कोई भी बोर्ड हो सबमें होड़ है । सबके बच्चे 100% रिजल्ट दे रहे हैं। अब इसका श्रेय बच्चों को... Hindi · लेख 969 Share Godambari Negi 24 Jul 2022 · 1 min read 'भारत की प्रथम नागरिक' देश के प्रथम नागरिक के पद पर एक आदिवासी नारी का होना निश्चित रूप से सामाजिक समरसता एवं नागरिक समनाता का प्रतीक है। दुनिया भर के लिए आदर्श रूप में... Hindi · लेख 3 686 Share Godambari Negi 24 Jul 2022 · 1 min read 'नर्क के द्वार' (कृपाण घनाक्षरी) नरक के तीन द्वार, कहे यही वेद सार, तज तीनों ही की रार, ज्ञानियों का है विचार। लोभ-क्रोध अरु काम, रख इन पे लगाम, तभी जाये हरि धाम, विष्णु रथ... Hindi · कविता 2 2 677 Share Godambari Negi 23 Jul 2022 · 1 min read 'ख़त' हमने खत भेजा, उसने देखा, फाड़ा और फेंका... उसे हम रोज खत लिखेंगे, लाज़मी उसे हम खत फाड़ने का काम देंगे... Hindi · हास्य-व्यंग्य 1 256 Share Godambari Negi 23 Jul 2022 · 1 min read 'कृषि' (हरिहरण घनाक्षरी) हल रख काँधे पर, छोड़ चला प्रातः घर, बहे स्वेद सर-सर, जोते खेत खेतिहर। कृषि ही कृषक जग, स्वर्ण जड़ित नग, प्रेम बसे रग-रग, पाये फल भर-भर। कृषि से ही... Hindi · कविता 1 401 Share Godambari Negi 23 Jul 2022 · 1 min read 'जियो और जीने दो' न इंसान को मारो न जानवर को काटो ।जीयो और जीने दो। यही श्रेष्ठ धर्म है। अत्याचार का विरोध करो।श्रेष्ठ योनी में जन्म मिला है तो कर्म भी श्रेष्ठ करो।... Hindi · लेख 1 2 333 Share Godambari Negi 19 Jul 2022 · 1 min read 'खिदमत' अश्क किसी के आँखों में देखो अगर, पोंछ लेना उन्हें तुम अपना समझकर। पेट खाली कभी कोई दिख जाए राह में, तो कभी दो निवाले खिला देना अपना समझकर। हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share Godambari Negi 18 Jul 2022 · 1 min read 'चिराग' रोशन हरेक राह हुई सब हर लिया अंधेरा, मन खुशियों में हुआ मग्न आया नया सवेरा। स्नेह में पगा सूत्र लेके संग रह दिन रात जगे, औरों को दिखाता राह... Hindi · कविता · मुक्तक 392 Share Godambari Negi 17 Jul 2022 · 1 min read 'हकीकत' हकीकत में किसी से कौन मिलने आता है। कभी कभी बस ऑनलाइन दिख जाता है। बरसों से चेहरा देखा न हो जिसका उसका यहाँ मैसेज जरूर दिख जाता है। न... Hindi · हास्य-व्यंग्य 3 1 278 Share Godambari Negi 17 Jul 2022 · 1 min read 'कैसी घबराहट' खत फाड़ देने से दर्द तेरे कभी कम न होंगे, डिपी ब्लॉक कर, पेज डिलीट कर गम कम न होंगे, मैसेज ब्लॉक कर कुछ न होगा, हार्ट ब्लाक नहीं कर... Hindi · कोटेशन 2 1 425 Share Godambari Negi 17 Jul 2022 · 1 min read 'जिंदगी' हर घड़ी हर मोड़ पर,जिन्दगी हैरान करती है, हंसते-रोते कैसे-कैसे,जिन्दगी तू काम करती है। बीत जाते हैं रगड़ते-रगड़ते,एड़ियाँ बरस कई यहाँ, पलभर में ही कभी तू,अपना ऊँचा नाम करती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 311 Share Godambari Negi 16 Jul 2022 · 1 min read 'रूप बदलते रिश्ते' रिश्ते बदल गए समय की रफ़्तार में संसार डूबा है मोबाइल की धार में। छूट गई पगडंडियाँ थी जो पाँव तले, अब पैदल नहीं घूमते हैं सब कार में। मेल-मिलाप... Hindi · मुक्तक 1 412 Share Godambari Negi 16 Jul 2022 · 1 min read 'सावन'(विजया घनाक्षरी) रुत आई सावन की, कजरी के गावन की, निर्झर झरक झरे, उफन रही नदिया। पपीहा पुकार रहा, केकी मद झूम रहा, पिय इत उत डोले, नैनों में नहीं निंदिया। झूलन... Hindi · कविता 157 Share Godambari Negi 15 Jul 2022 · 1 min read 'कैसे जीवन जिएँ' जिंदगी एक रंग मंच है।जहाँ जीव अलग अलग चरित्र निभाता है।ये चरित्र प्राणी के विचारों पर निर्भर करते हैं। और ये विचार जगत की परिस्थिति और व्यवहार के कारण और... Hindi · लेख 1 2 149 Share Godambari Negi 15 Jul 2022 · 1 min read 'अच्छे नागरिक बनों' श्री लंका का कठिन समय और जनता का हुडदंग सभ्य नागरिकों की श्रेणी में नहीं आता।तोड़-करके क्या देश का अहित नहीं कर रहे।माना सरकार से चूक हुई है पर जनता... Hindi · लेख 108 Share Godambari Negi 14 Jul 2022 · 1 min read 'पूरब की लाल किरन' मैं पूरब की लाल किरन , तुम हिमगिरी के स्वेत भाल। वन-उपवन से बहते आये, लेकर धवल दुग्ध सी माल। तम से नहाकर मैं निकली , अनजान डगर पर बढ़ती... Hindi · मुक्तक 1 276 Share Godambari Negi 14 Jul 2022 · 1 min read 'बेवजह' मिलना तो था तुम से.. पर कैसे कहूँ... कहीं तुम ये न पूछ बैठो... किस लिए? क्या कहेंगे... हम को भी नहीं पता।। काम तो कुछ नहीं.. पर यों ही... Hindi · मुक्तक 1 1 226 Share Godambari Negi 14 Jul 2022 · 1 min read 'सुख-दुख के साथी' कौन यहाँ सुख-दुख का साथी, यहाँआये सभी बनकर बाराती। मीनमेख बताकर कुछ पल साथ निभा लेते, बन-ठनकर नाच-नाचकर बाहरी शान दिखा देते। तुम ही साथी सुख-दुख के अपने, करने हैं... Hindi · मुक्तक 276 Share Godambari Negi 13 Jul 2022 · 1 min read वाक्यांश "गुरु" "ज्ञानवान, पथ प्रदर्शक, हितैषी" Hindi · कोटेशन 232 Share Godambari Negi 13 Jul 2022 · 1 min read 'देवरापल्ली प्रकाश राव' यथा नाम तथा काम, बेच चाय प्रातः शाम, ऐसी शक्ति को प्रणाम, किया जन सेवा काम।। नाम था प्रकाश राव, लोक सेवा का था चाव, मृदु सरल स्वभाव, भाया कभी... Hindi · कविता 2 2 421 Share Godambari Negi 13 Jul 2022 · 1 min read 'पूर्णिमा' (सूर घनाक्षरी) पूनम का चाँद आया, जग उजियारा छाया, रजनी अनूप लगे, ले लूँ मैं बलैया। व्रत उपवास लेके, लोक हित दान देके, करलो नहान जाके, सुरसरि मैया। घर में हवन कर,... Hindi · कविता 2 3 270 Share Godambari Negi 12 Jul 2022 · 1 min read ,बरसात और बाढ़' गर्मी से त्रस्त मानव बरसात चाहता है। क्या बरसात की तैयारी करते हैं हम लोग उसके बचाव के उपाय भी कहाँ करते हैं। नदी नालों की सफाई पहले ही कर... Hindi · लेख 1 330 Share Godambari Negi 11 Jul 2022 · 1 min read 'वर्षा ऋतु' काली घटाएँ नभ में मडराती, शोर मचाती उछलती टकराती, तब बिजली सी कौंध जाती, पूरवा सनसनाती चलती, वृक्षों को झकझोरती तोड़ती। धरती का खिल जाता तृण-तृण, मेघ जब करते नन्ही... Hindi · मुक्तक 2 333 Share Godambari Negi 11 Jul 2022 · 1 min read 'विश्व जनसंख्या दिवस' आज विश्व में जनसंख्या ने भयावह रूप ले लिया है। यद्यपि आज शिक्षा के कारण व्यक्ति जनसंख्या पर नियंत्रण करने की कोशिश तो कर रहा है पर उतनी सफलता नहीं... Hindi · लेख 1 2 642 Share Godambari Negi 11 Jul 2022 · 1 min read 'मृत्यु' मृत्यु अटल सत्य है । आप कहीं भी रहो वो ढूँढ ही निकालती है। हाँ उसका निमित अलग अलग होता है। वो हमें निमित में उलझा कर अपना काम कर... Hindi · कोटेशन 3 4 437 Share Godambari Negi 10 Jul 2022 · 1 min read 'प्यारी ऋतुएँ' प्रकृति के देखो खेल अजब हैं, इसके तो हर दृश्य ग़जब हैं। प्रत्येक ऋतु होती अलबेली, अपने में ही होती है पहेली। आए ग्रीष्म तो छाया भाए, हमने छायादार वृक्ष... Hindi · कविता 1 209 Share Godambari Negi 10 Jul 2022 · 1 min read 'चाँद गगन में' लुक-छिप करता चाँद गगन में, श्वेत स्याम घन बीच। तारावली वदन मलिन हुआ, जलधर फेन उलीच। पल में झलके पलमें ढलके, चले निराली चाल। पुरवा पवन चले मदमाती, बजा बजाकर... Hindi · कविता 5 2 513 Share Godambari Negi 9 Jul 2022 · 1 min read 'गुरु' (देव घनाक्षरी) गुरु चरणों में सदा झुका रहे यह शीश, गुरु को प्रथम जपूँ फिर भागवत भजन। गुरु दिए ब्रम ज्ञान मैं अनाड़ी अनजान, गति नहीं गुरू बिन सत्य ही है यह... Hindi · कविता 186 Share Godambari Negi 8 Jul 2022 · 1 min read जीव हत्या क्यों? मनुष्य की हत्या अपराध और पाप है तो जीव हत्या के लिए भी दंड निर्धारित होना चाहिए। सब प्राणी ईश्वर ने बनाए हैं । माना प्राण रक्षा के लिए किसी... Hindi · लेख 171 Share Godambari Negi 8 Jul 2022 · 1 min read 'बदला जग मौसम भी बदला' बदला जग बदला पल-पल, बदला मौसम करता है छल। रिस गई सावन की रिमझिम, बुझी लगे जुगुनू की टिम-टिम। कहाँ ढल गई डाल नीम की, वो झूले वो उड़ान पींग... Hindi 2 2 480 Share Godambari Negi 7 Jul 2022 · 1 min read 'बादल' (जलहरण घनाक्षरी) मेघ की बारात चली, गगन में गली गली, दिनकर दिखे नहीं, धूप जाने है किधर। दामिनी लपक चले, चाल वो चपल चले, काली घटा मुख ढले, डोल रहा जलधर। मयूर... Hindi · कविता 1 2 466 Share Godambari Negi 6 Jul 2022 · 1 min read 'नटखट नटवर'(डमरू घनाक्षरी) 1- मुख मुदित वचन, मचल सचल तन, पनघट अहिरन, भर घट रख सर। उछल उछल सब, ढलक-मलक तब, हरख फरख जब, लख मिल सहचर। लखत झलक फट, चढ़ द्रुत तरु... Hindi · कविता 1 2 302 Share Godambari Negi 6 Jul 2022 · 1 min read 'शशिधर'(डमरू घनाक्षरी) दहक दहक तल, बदन सदन झल गरल लहर चल, सकल जगत पर। दरक दरक धर , विकट विपद पर , छड़ तप शशि धर, विष घट रख कर। गटक गटक... Hindi 1 2 311 Share Godambari Negi 21 Apr 2022 · 1 min read 'बेदर्दी' आँगन में जख़म पर मरहम लगाने क्या बैठे , बेदर्दी ने सारे बाजार को बेमरहम कर दिया.... Hindi · शेर 1 965 Share Godambari Negi 20 Apr 2022 · 1 min read 'सती' थी दक्ष की सुता सती, त्रिलोकी को निहारती, स्वीकारा शिव को पति, उचारे शिवम-शिवम। माने न पिता की बात, समझाती उसे मात, बीत जाए सारी रात, रहते नैन नम-नम। शिव... Hindi · कविता 1 262 Share Previous Page 2 Next