Dr. Girish Chandra Agarwal Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Girish Chandra Agarwal 12 Jan 2023 · 1 min read मुक्तक फील बैड हुआ फील गुड राष्ट्रवादियों को सत्ता सुख छूट गया दुखित बिचारे है। दाग दार खुद हैं प्रमाणित किया तहलका ने दाग दार मुद्दा फिर भी संसद में उठाते... Hindi · Muktak · कविता · कुण्डलिया 2 1 528 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 10 Jan 2023 · 1 min read जीवन की सांझ चारों तरफ अंधेरा खोया कहीं सबेरा। पथ में बहुत हैं काँटे खल तामसी सताते। कोई लगे न अपना जीवन है एक सपना।। कैसे मैं राह पाऊं डूबूँ या पार जाऊं।... Hindi · कविता · गीत · गीतिका 2 265 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 9 Jan 2023 · 1 min read बापू देश सिसकता था पीड़ित हो गोरों के हाथों में जान। कसक रही थी भारत माता अपने सुत का यों दुख जान। उन अत्याचारों को तुमने, बातों ही बातों में रोका।... Hindi · Deshbhakti Geet · कविता · गीत 333 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 6 Jan 2023 · 1 min read आओ नमन करे अर्जुन रण में अजय हो गया कृष्ण बने जब सारथी। आओ नमन करें भारत का चलो उतारें आरती।। भगत सिंह आजाद राज गुरू मरे देश की शान पर। जलियां वाले... Hindi · Deshbhakti Geet · कविता · गीत 257 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 4 Jan 2023 · 1 min read नंदक वन में पाप की गठरी बढ़ती जाये भूला भूल भुलैया रे। नंदक वन में राधा नाचें कृष्ण करें ता-थइयां रे।। ढोलक और नगाड़े बाजें राह चले शमशान की। रोये बाबुल तड़पी माता... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 1 238 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 2 Jan 2023 · 1 min read लो विदा अब दीप की लौ थकी सी उनींदी हुई कूकती कोकिला मधु मिलन के लिये। डूबते चाँद ने चाँदनी से कहा लो विदा अब प्रभा की किरन के लिये।। पुष्प की पंखड़ी... Hindi · कविता · गीत 1 387 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 31 Dec 2022 · 2 min read नव बर्ष 2023 काआगाज फतवा - उसके नाम - मानव हो अनमोल रहा मेरे प्रभु तेरी जगती में | है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल - दल भक्ति में || वो... Hindi · कविता · गीत · नववर्ष · वर्ष 2023 3 272 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 30 Dec 2022 · 1 min read बंधन दो इनकार नहीं है भटकी नौका खोया माझी मन मचला पतवार नहीं है। चलो निमंत्रण आज दे रहा बंधन दो इनकार नहीं है।। पड़ी फुआरें गरजे बादल दिल ने तुमको याद किया था। नई... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 326 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 29 Dec 2022 · 1 min read पिया मिलन की आस बदरवा घिर - घिर कर आयो थम . थम पड़े फुहार रे। रग . रग में पर मोहे सताये पिया मिलन की आस रे।। गोरी चलि कटि पर छैन रखी।... Hindi · कविता 2 290 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 28 Dec 2022 · 1 min read बाती दीप आज जल न पाया बुझ न पाया, रोशनी भी दे न पाया कसमसाया फ़कफ़काया खो गयी है कौन, उसकी सिर्फ बाती। खा गयी उसको रूपहली निष्ठुर सी, अमावस की... Hindi · कविता 2 1 258 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 27 Dec 2022 · 1 min read तुम दोषी हो? गूँज सुनाई पड़ती है मेरे कानों को। टकरा कर जो मानवता के पिछवाड़े से चिल्लाती है। कह कर केवल तुम दोषी हो। सरमन की गुर्राहट पेटन की मक्कारी । ताशकंद... Hindi · कविता 1 218 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 26 Dec 2022 · 1 min read नई दिल्ली बैठा हुआ था पास खिड़की के। रहा था देख- पथ पर जा रहे, रोते कलपते चीखते कुछ दीन-दुखियों को। दिल नहीं माना बढ़े ये डग स्वयम् ही। किसी से पूछ... Hindi · कविता 2 262 Share Dr. Girish Chandra Agarwal 25 Dec 2022 · 1 min read सलीन पर लटके मानवता के मसीहा जीसस के स्वागत में अभिव्यक्ति दिल बड़ा दिन बड़ा बनाया मानवता जीवन छोड़ा पच्चीस बारह जीसस जन्मे जन जन का तन मन मोड़ा जन्म सदा न्योछावर माना दीन दुखित के थे रखवाले पथ जीवन का... Hindi · कविता 3 199 Share