गौरव उनियाल 'नादान' 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid गौरव उनियाल 'नादान' 4 Aug 2019 · 1 min read दोस्ती मानते हैं की हम दोस्त पैसे से गरीब हैं वो निक्कमे परिवार से ज्यादा करीब हैं हर बात का गलत मतलब निकालते हैं हाँ वो गाली देना जैसे कोई तहज़ीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 617 Share गौरव उनियाल 'नादान' 30 May 2019 · 1 min read चरम प्रेम! सौंदर्य शशि हो भूषण कनक का मोती रंग स्वभाव का हरियाली नव-पल्लव सी नजरिया बगुला हृदय हंस सा सीता रुप, मर्यादा राम की श्याम सी लीला, राधा सा मन अयोध्या... Hindi · मुक्तक 264 Share गौरव उनियाल 'नादान' 26 May 2019 · 1 min read 'स्त्री-पुरुष' अंश जग विधान के दोनों ये नजर स्त्री जाति को, बुरी लगी है राम तन के भक्त कलियुग में, बढ़ रहे सुबह शाम।।1।। हवस वासना दृष्टि से, देखना हुआ आम माँ की ममता प्रेम का,... Hindi · दोहा 1 449 Share