gaurav pandey 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid gaurav pandey 10 Sep 2020 · 1 min read आंखें नम हैं। तुम रहो साथ मेरे तो मुझको क्या ग़म है, है दिल परेशान तेरा साथ इतना क्यूं कम है। वक़्त वक़्त की बात है हां मुझको पता है, फिर भी तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 236 Share gaurav pandey 6 May 2020 · 1 min read हां लगता तो है। हां लगता तो है,मेरे बिन जिंदगी चल तो रही होगी, फर्क कहां है मेरे होने या ना होने का। हां लगता तो है, खुश होगी वह अपनी दुनिया में, फुर्सत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 454 Share gaurav pandey 4 May 2020 · 1 min read तेरे नाम हर कहानी की है। अश्कों ने भी खूब मेहरबानी की है, जब भी गिरे, दिल के हसरतों को पानी पानी की है, है आज भी ख्वाबों में उसका ही असर, नींद खुलते ही मौसिकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 624 Share gaurav pandey 3 May 2020 · 1 min read वक़्त बेवक्त यूं ना याद आया करो.... हम भी है इंसान तेरी तरह, कुछ तो खुद सा महसूस कराया करो, वक़्त बेवक्त यूं ना याद आया करो। लफ्जो से नहीं आंखो से ही सही, कुछ तो सब्र... Hindi · कविता 1 1 397 Share gaurav pandey 1 May 2020 · 1 min read कारवां बन जाने दो। अब कहां किसे फिक्र है तुम्हारी, जो बीत गई रात बीत जाने दो, जहन में रखो कि जो हुआ अच्छा हुआ, मुठ्ठी भर रेत ही थी फिसल गई फिसल जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 331 Share gaurav pandey 30 Apr 2020 · 1 min read इश्क की फजा चल फिर से तेरे इश्क की फजा बहाते हैं, सितम तुम करती रहो हम खुद को आजमाते हैं। मोहब्बत में वफाई जरूरी ना लगी जिनको, जफा के दर्द पर क्यों... Hindi · कविता 1 610 Share gaurav pandey 9 Jun 2017 · 1 min read आँखों में प्यार भरा इक लड़की है भोली सी, जिसके आँखों में प्यार भरा। होठों पे हरदम मीठे स्वर, ममता का आँचल में ज्वार भरा।। मुस्कान है उसकी इतनी तीछ्ण, वसुधा भी जिस पर... Hindi · कविता 1 583 Share gaurav pandey 14 Mar 2017 · 1 min read तुम याद आ रही हो तन्हाईयों में मेरे, तुम दूर जा रही हो, कैसे मैं कह दूँ कितना, तुम याद आ रही हो। जज्बात गए थम, अब हुई आँखें नम, इतना तो बता जाओ, कब... Hindi · कविता 738 Share gaurav pandey 29 Jan 2017 · 1 min read मुझमें निर्झर सी बहती है ह्रदय विषाद हुआ है जितना, उतना उससे चाह बढी, वछ प्रान्त के भीतर -भीतर, मलयज सी वो व्याप्त हुई। अपरिहार्य कारणों के कारण, आने को हृदय अगार में डरती है,... Hindi · कविता 400 Share