कवि अनिल कुमार पँचोली Tag: मुक्तक 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read NEP :2020 भविष्य के लिए जरूरी नई शिक्षा नीति, नए सपने सजाती है, बच्चों की तालीम में नयी राह दिखाती है। ज्ञान की झरने को खोलती है ये नदी, समझ की गहराई में छोटे बच्चों को... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 235 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read नई शिक्षा नीति :2020 शिक्षा की राह पर नए सपने हैं जगमगाते, नई शिक्षा नीति लेकर अब हम सब जुटाते। ज्ञान की उच्छवास बरसा रही है वर्षा, स्वभाविक विकास को दे रही है जर्नलिस्टा।... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 252 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत रचनात्मकता की ज्वाला, हमें जगा दो, आविष्कार के पथ पर, हमें ले चला दो। अद्भुत कला के रंग में, हमें लिपटा दो, अभिव्यक्ति की आग में, हमें जला दो। अविचारित... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक · लेख 267 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read व्यथित ह्रदय व्यथित ह्रदय विरह के अँधेरे में, धड़कता है बेमतलब बिन प्रेम के। आहटों की सन्नाटी रात में, अवसाद की घाटी में रहता है ये दिल अकेले। विषाद की बूँदों से... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 1 168 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read निपुण भारत पर कविता जगमगाते सूरज की किरणों के संग, उठता भारत गर्व से अपने रंग, निपुण भारत हमारा देश प्यारा, जहां बसती है विचारों की आपारा। यहां धर्म की नहीं, जाति-पाति की परवाह,... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 1k Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read ग्लोबल वार्मिंग ; मानवीय करतूतों का फल प्रकृति की पुकार, ग्लोबल वार्मिंग का संघर्ष, हमें जगाती है सच्चाई, देती है संकेत वर्षा का। धरती की तपती धुप, जलती हुई ज्वालाएं, प्राकृतिक संतुलन को है ध्वस्त करती ये... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 253 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read देश प्रेम पर कविता सूरज की किरणों से प्रज्वलित हो जाता, भारत का देश प्रेम, सदा हृदय में समाता। धरती की गोद में खिलती है वीर भूमि, हर क्षण में उमंग, गर्व का आनंद... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 313 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति पर कविता प्रकृति की अनूठी सुंदरता, देवी की अपार काया, सृष्टि का रहस्यमयी नाट्य, है सर्वश्रेष्ठ अभिनय। पहाड़ों की मधुर चट्टानें, उच्च स्थानों की गरिमा, नदियों की सुरमई लहरें, हरा-भरा महाशान्ति का... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 1 543 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 14 Jun 2023 · 1 min read मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित आओ चलें सब मिलकर गीत गाएं, नरेंद्र मोदी जी की गरिमा गाएं। एक दिग्गज नेता, विश्वविख्यात राजनीतिज्ञ, जिन्हें प्रशंसा करती है सभी महान्यायिजन। करिश्माई भाषणों से जनता को मोहित करते... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 237 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 2 min read खेल और यौन शोषण : विकृत मानसिकता दरिंदगी का आलम देखो, खेल और यौन शोषण में छिपे रंज देखो। खेल की लड़ाई में बह जाते हैं खून, यौन शोषण के घाव देखो, न रास्ता, न सुन। क्रीड़ा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 275 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read तन्हाई के बसेरे में बह रहा है तन्हाई के बसेरे में बह रहा है, यादों का आलम गहरा उतर रहा है। दिल की तरंगों में अब बहक जाएँ, एक गुनगुनाहट सुनहरी मधुर उठ रही है। आहटें एक... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 2 196 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read प्रदूषण और प्रदूषण धरणी के आँचल पर, क्यों दाग लगाते हो। नदियों को कर प्रदूषित , क्यों गरल बनाते हो । । मेघ घुमड़ कर आते, निष्ठुरता दिखलाते ; सरिता रूठी रहती, सब... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · मुक्तक 1 161 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read विश्व का संगठन G-20, विश्व का संगठन G-20, दुनिया का मुख्य संगठन। एकता और सहयोग का प्रतीक, इससे है उम्मीद जन-जन की। बीस विश्वासघाती राष्ट्रों का समूह, ग्लोबल मुद्दों पर रखता है नज़र। साझा... Hindi · कविता · मुक्तक · लेख 326 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read जल प्रदूषण पर कविता देखो वह नदी, जल से बहती हुई, पानी की धार चढ़ाकर जाती हुई। परियों की दुनिया, पक्षियों का आसरा, प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण यहाँ है सबकुछ हमारा। लेकिन मनुष्य ने... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 2 1 3k Share कवि अनिल कुमार पँचोली 8 Jan 2022 · 4 min read राष्ट्र निर्माण और युवा मुकद्दर से हारकर राह बदलने वालों की कमी नहीं है, गुज़र गए देश के कई वीर फिर भी देशवासियों की आँखों मेंv नमी नहीं है.... भले ही जाहिर ना करे... Hindi · मुक्तक 4k Share