कवि लोकेन्द्र ज़हर Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक कौंन जानता कैसे कैसे, ख्वाब सजा लेते हैं लोग, पसंद किसी के हाथों की, चाय बना लेते हैं लोग ! साँसों में घुलकर धड़कन की, चुस्की लेकर देखो तो, कभी-कभी... Hindi · मुक्तक 415 Share