Dushyant Singh 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dushyant Singh 17 Jun 2020 · 1 min read एक शहीद एक शहीद : अभी ना दफ़नाना मुझे, क़र्ज़ मेरा बाक़ी है, वादा था माँ से मेरा, हिफ़ाज़त इसकी बाक़ी है, दुश्मन उस पार छिपा, निशाँ मिटाना बाक़ी है, इसलिए अभी... Hindi · कविता 3 3 495 Share Dushyant Singh 11 May 2020 · 1 min read मेरी माते नमन तुझे हैं तन मन मेरा , जग रचित भाग्य रचित मेरी माते कैसे भूलूँ गुज़ारी भूखी, तूने दर्द भरी वो रातें तन को मेरे आकार दिया, ख़ुद को तूने... Hindi · कविता 4 1 459 Share