Dr.sima Tag: कविता 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr.sima 31 Jan 2022 · 1 min read बिहारी चुपचाप सहन करना। मनोधैर्य का परिचय ॥ नहीं चाहिए , अपमान। स्वयं स्वामी है स्वाभिमानी भूखों में शान । गलियों की आन । बाढ़, नक्सलियों से परेशान, देता है ,फिर... Hindi · कविता 316 Share Dr.sima 29 Jan 2022 · 1 min read अंधेरों से विमुक्त हो। हर कोशिश अंदर -बाहर ज्ञान मे प्रज्ञान हो । एतेरेय उपनिषद में है,प्रज्ञा ही बह्य है । ज्ञानी , संत, ऋषि बोलते उपनिषद सत्य है । सब महसूस करते है... Hindi · कविता 1 189 Share Dr.sima 23 Jan 2022 · 1 min read नेताजी (सुभाष चन्द्र बोस ) आजादीके लिए गुमनाम हुएं। अपना सर्वस्व देश के नाम किए । ये नारा सरेआम दिए, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। ये नारा लगे बहुत ही प्यारा ।... Hindi · कविता 2 234 Share Dr.sima 22 Jan 2022 · 1 min read बापू (गाँधी जी ) सत्य-अहिंसा - प्रेम लिए, अभय का पाठ सिखाते थे, बापू। अपना कर्तव्य , अधिकार दिखाते थे,बापू । सत्य के अर्पण में , अहिंसा के समर्पण में , सादगी भरी जीवन... Hindi · कविता 2 195 Share Dr.sima 20 Jan 2022 · 1 min read पाठ लिखते हैं अहसास जोड़ते हैं शब्द छू पाते आपकी भावना हो जाती सफल कामना। कितने दूर कितने पास, लम्हों की बरसात होता यकीन , जी लेते सभी अपनी जिंदगी दूर... Hindi · कविता 2 2 239 Share Dr.sima 20 Jan 2022 · 1 min read मासूम निर्बोध तन मन लिए I खिलते हुए जन्मते है। अपने में सिमटकर, रोते- हँसते है । बहुत खूब दिया है। ईश्वर ने उपहार, मानव तन- मन को। मानव तन के... Hindi · कविता 2 2 635 Share Dr.sima 19 Jan 2022 · 1 min read पुरूष पिता, पति,भाई, बेटा का कर्मठ रूप है। वो पुरुष हैं। जिम्मेदारियों के साथ कर्तव्य निभाता, मेहनत,दर्द सहता । वो पुरुष हैं। दुनियाँ में पहले वो उत्पादक वाले स्वरूप है ।... Hindi · कविता 1 278 Share Dr.sima 18 Jan 2022 · 1 min read मानवी दर्द मानवी दर्द बरकरार (कायम )है। यह समाज का ईजाद है। सम्मानाओं का गुलामी लेकर । अपमानों का घूंट पीकर। चुप स्वयं अकेले। ना कोई रिश्तेदार ना समाज। अथाह जिंदगी के... Hindi · कविता 1 222 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read फैसला दुआएँ कुबूल हो गई ,उनकी इश्क से पहले इबादत, कर गई थी जिसकी, सौ बार सोचती हूँ उसे हर लम्हा पूजती थी, जिसे सबसे बड़ा सत्य यह भी है। औरत... Hindi · कविता 1 279 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read शिव - शक्ति से, ना राजा की बेटी जनक दुलारी हूँ। ना पति परमेश्वर पुजारिन हूँ। कैसे कहूँ शिव मैं तुम ही तरह , भोली-भाली विष पीने वाली हूँ। युगों से सैकड़ों दंश सहे... Hindi · कविता 3 411 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read प्रतिमान ( मॉडल ) सरेआम खड़ी हैं। मग्न - अर्द्ध नग्न , लिए तेवर खड़ी हैं। ये सुन्दर चेहरे , जिसके साथ खड़ी हैं। कुछ कर दिखाने की कोशिश जिसमें सुन्दर मुस्कान लिए ,... Hindi · कविता 2 2 387 Share Dr.sima 15 Jan 2022 · 1 min read अस्तित्व क्या मेरी मौत होनी चाहिए ? प्रश्न बनकर कौंधता आज मैं क्यों मरू, राम से रावण तक सिर्फ मेरे लिए रेखा , मर्यादा , धोखा कैसे जीये, तुम्हीं बता दें... Hindi · कविता 1 361 Share Dr.sima 14 Jan 2022 · 1 min read आतंकी कभी शौक,कभी नासमझ तबाही।भटक रहे हैं क्यो भाई। सवाल तो उठता है,जेहन में, बसती जिंदगी इनकी भी, ख्वाब संजोती इंसानियत का । क्यों उजड़नें। हैवानियत का बीज बोया करते ।... Hindi · कविता 1 173 Share Dr.sima 12 Jan 2022 · 1 min read प्रतियोगिता परीक्षा प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता। देता खुशी नौकरी पेशा (जॉब ) प्रतियोगिता परीक्षा में असफलता, देता दर्द , तनाव गहरा । लगता जीवन ही बेकार है । विफलता ही सार हैं।... Hindi · कविता 1 236 Share Dr.sima 12 Jan 2022 · 1 min read विवेकानंद भारतवासी वो युवा सन्यासी । अनुपम भगवा चोला। उस युवा जूनून गहरा। अनुपम भगवा चोला । मंच पर हुआ प्यारे,भाई, बहनों का उद्घोष । भारतवासी वो युवा सन्यासी । अनोखा... Hindi · कविता 205 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read शरीर ( व्यक्ति )। आज भी ये शरीर अद्भूत ,अचंभा हैं मुनि से लेकर विज्ञान तक , रहस्यमय खजाना है। अज्ञात से ज्ञात तक, अज्ञान से प्रकाश तक तन - मन लिए , पंचभूत... Hindi · कविता 1 237 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read आत्महत्या बेश कीमती जिंदगी की अमूल्य साँसें , यूँ मत उखाड़ । कहते हैं पापों में पाप आत्महत्या यानि महापाप मत बन इसका भागीदार सत् (आत्मा ) और साहस ( शरीर... Hindi · कविता 383 Share Dr.sima 10 Jan 2022 · 1 min read अपमानित स्त्री मुकाम मेरा सरेआम हैं। गैरों से नहीं अपनों से बदनाम है । लज्जित हूँ, खण्डित हूँ । नारी स्वरूप बन निज स्वांस आहें भरती हूँ। घुट कर जीती हूँ ।... Hindi · कविता 1 368 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read विद्योत्तमा विदुषी विद्योत्तम विदुषी थी। पराजित विद्वान स्वीकार ना पाया । अहंकार का हार इतना कि महामूर्ख ढूंढ लाया । ये बदला है,बदलाव की हैं जरूरत । ये इतिहास है । राजा... Hindi · कविता 1 502 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read सरकारी स्कूल स्कूल गढ़ते है बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए बच्चे ( छात्र, छात्रा ) अक्षर में ही निरक्षर हैं। हालत बद से बदतर है सच्चाई दब ना पाती है। दबाई... Hindi · कविता 2 4 300 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read मानवी हृदय मानवी हृदय बोल उठी धरती डोल उठी कहकर सीता (नारी ) हे राम कहती हूँ सत्य वचन, अभिश्राप बनकर उभरी, विरह की वेदी पर जली ये जीवन तमाम_ हे राम... Hindi · कविता 186 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read भाग्यहीन मैं नारी ,हे राम प्रेम पूर्ण परिणय टूट चूकी लो मैं सर पीट चूकी। किंवदंती (जन श्रुति, अफवाह ) कयास (कल्पना ) यहीं भाग्यहीन मैं नारी , हे राम। कहते सब बेचारी, बोझ बन... Hindi · कविता 1 194 Share Dr.sima 8 Jan 2022 · 1 min read आधुनिक राजनीति व्यक्ति के लहू नस नस मे, अहंकार के बस में, आधुनिक राजनीति, विकास का गाथा लिए। वेबस वक्त में, द्वेष और कलह में,बन गयी हैं खास । आज का व्यक्तित्व... Hindi · कविता 1 477 Share Dr.sima 8 Jan 2022 · 1 min read स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी, बडी गहराई से खोज लाया । एक नई सोच साध लाया । राष्ट्र की पीड़ा , उनकी बीड़ा जीकर समझाने आया । गीत में गीता का गाता था। हृदय... Hindi · कविता 210 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read पैंसा पैसों का मतलब होता हैं विकास , होशियार। शुद्ध रूप में प्रचलित है आज | पैसों वालों का हमेशा रहा हैं ठाठ बिन पैसे के भूखे,नंगे,भिगमंगे हम । सबसे बड़ा... Hindi · कविता 221 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read सरलता नहीं जानती भाग्य का लेखा , मानवता की कसौटी । कर्तव्य पूर्णता मानव कार्य , नयेपन का अहसास लिए । खड़ी मानवता ताज लिए। कहाँ खो जी पाती । मानवीय... Hindi · कविता 171 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read बेटी जीवन सुरक्षा कौन करेगा। बेटी गर्भ से लेकर यौवन , तक रक्षा कौन करेगा । जीवन की कटु सच्चाई । इसलिए तो पति, भाई है। दुनियाँ की आधी आबादी की... Hindi · कविता 469 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 2 min read बेटी घर की इज्ज़त नारी विभिन्न रूपों में आज भी, आश्रिता ,भोग्या, वस्तु,समान , आज भी बोझ है। सब तरह की सोच है, जब, कहती हैं माँ शर्मिंदा हूँ। कहते है पिता नाक कटवा... Hindi · कविता 231 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read मानव मानव मधुराई खोते पल-पल जीवन संगीत मधुर कलरव खो रहा क्यों मानव हरपल l जीवन नींव जीवन संगीत मानव चहेरों से आड़ हुए, मानव क्यों अपनी झलक से, विमुख मानव... Hindi · कविता 274 Share Dr.sima 6 Jan 2022 · 2 min read उपेक्षिता टपकते रिश्ते में खून(रक्त )होती, तो ये नासूर न होते । क्या मिला वजूद अपने आप को। जिंदगी के लय में बिखरे हुए क्रम से खुद से उलझते वक्त के... Hindi · कविता 184 Share Dr.sima 6 Jan 2022 · 1 min read विकास विकास के नाम , पर तय कर लिया वक्त ने दूरी। तंग रास्ते बढ़ते तनाव झिझकते अपने बढ़ते सपने सिर्फ दूरी वक्त के साथ क्या सचमुच , व्यक्ति ने किया... Hindi · कविता 161 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read खुद से या खुदा से राह चाहत में तुम्हारी दिल रोता है अक्सर ऐ खुदा कहाँ है तेरी मोहब्बत अक्सर राह मेरी सोहबत खड़ा हैं । ऐ खुदा तू तो बड़ा है। उलझे खड़ी हूँ... Hindi · कविता 1 2 588 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read परशुराम परशुराम का फरसा निकला रेणुका का तन डोला । कैसी दुविधा भगवान हमें देने पड़ेंगे प्राण रेणुका बोली मुख से बोली विष सी विषैली जवानी , प्रिय ( ऋषि जमदग्नि... Hindi · कविता 1 300 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read निर्भया मुद्दतों का दर्द शहर का वो पहर घातक बन गई । खौफनाक वो पल प्राणघातक बन गई । बेमौत मार दिया जाना। यूँ ही साँसें उखाड़ देना I बरबाद कर... Hindi · कविता 208 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read रावण रूद्र के पुजारी वो महान अहंकारी। वो विद्वता ,मर्मज्ञ बड़ा भारी I शिव पुजारी ॥ छल और प्रपंच था, क्योंकि रावण राक्षस का अंश था। वो अत्याचारी ,वो अहंकारी ।... Hindi · कविता 315 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read सीता - राम सीता से राम आपसे दूर चाहत के पास मेरे नसीब का कैसा हिसाब_ सीता देख समर्पण रोता झरते आखें _ राम प्यार और सार जो हम बिताए साथ पल वो... Hindi · कविता 251 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read क्षोभ अंतिम निर्णय निर्दयता की जननी बनी। निष्पक्ष न्याय होती तो मानवता जीती हैं। आकांक्षा प्यासी है, इतिहास साक्षी हैं। सत्य हमेशा मौन रहा। अहट्टास करती है, झूठी शान। बधेरती बदलती... Hindi · कविता 199 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read ?जन्म-जाति , नारी? मेरे प्यार का इजहार कभी देखा नहीं किसी ने हर लम्हें बाँधे हमने बिखर सार । मुद्दतो का दर्द ढूंढती वक्त में,तोड़ती ,मोह ,भ्रम। । _ (जन्म ) तूने जो... Hindi · कविता 150 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read थोड़ा ( कुछ ) दर्द शमाँ घटती जिंदगी सांसो का आश कभी मरती नहीं। तिनको को जोड़ा टूटते हुए, कगार पर फिर मुझे मंजिल तिनकों को नया रूप करनी चाही थी ,मजबूती टूटती चाह... Hindi · कविता 147 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read अपना तिनका - तिनका लगता मेरा । टूट बिखर भी मेरा । दबाये चली खुशी , कभी जिंदगी होगी ,खुली । सोचा था,एक सपना , होगा कोई पल अपना । जिंदगी... Hindi · कविता 1 2 234 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read ईश्वर हरेक पल टूट रहा दम (साँस ) घुट रहा हैं। ईश्वर कह रहा दास्तान मंदिर , मस्जिद, गिरजाघर, नहीं। हमने बनायें थें इंसान तंग आ गए। हकीकत से न्याय इंसाफ... Hindi · कविता 291 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तमाशा इकट्ठे हुए सब देखने उस शख्स को ,जो शिकार बना । हरेक मोड़ पर ,बन गयी तमाशा। ज़िन्दगी में, मौत में ,समाज में, बना दी गई,शव,मुर्दा,राखI खाक हो रहे,वो खास,जिसे... Hindi · कविता 383 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read संन्यासी साँसों के संग , रहते हरदम। हरपल मस्तान । साँसों संग संन्यासी I तोड़े मन मोही । संग, संन्याने जोड़े, जिंदगी , हकीकत में , हमी सा दीखें। वक्त शमाँ... Hindi · कविता 1 188 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तवायफ किस रिश्तों ने नही किया शर्मसार ऐसा कौन नहीं, जिसने न किया हो प्यार । जलती हुई वफा हूँ, लवारिस तकदीर का कैसी दिलदार हूँ , अपने नसीब का ।... Hindi · कविता 2 2 257 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read नाम छोड़पति नई राहें नया नजराना छोड़पति देता है । छोडने वाले पति नाचीज की आरजू मत करना । कहते है क्यों? आऊ प्रेम होता तब ना आता । छोड़ पति बोलते... Hindi · कविता 366 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read लड़की किस पर नाज ( गर्व ) करू I किस पर विश्वास करू । हृदय मंथन की मारी हूँ। अपने में ही बेचारी हूँ । बंदिशों के गृह में, क्या स्वीकार... Hindi · कविता 1 2 445 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तलाक कोई कहे तीन शब्द । कोई तोड़े मन,वचन, कर्म | टूटते इरादे मरती संवदेनायें । वेवक्त कहर जेहन दर्द त्रासद जिंदगी त्रस्त व्यक्ति (स्त्री, पुरूष ) मोहब्बत या सोहबत दोनो... Hindi · कविता 2 2 175 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read कृष्णमय बनूँ नया रूप धरूं, कृष्णमय बनूँ I अनोखी भक्त बनूँ I कृष्णमय बनूँ । राधा, मीरा, चैतन्य महाप्रभु । जितने भक्त हुए , उन सब से अगल बनूँ । अनोखी भक्त... Hindi · कविता 234 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read नया साल नया साल मंगलमय हो । संभावनाओं के क्षेत्र में , अपने परिवेश में, नया साल मंगलमय हो । कर्ममय का अविचल पथ हो । कुटिल, कुत्सित का हार हो। नया... Hindi · कविता 148 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read परिवेश ( वातावरण) अच्छे - बुरे सब घायल हैं आज I व्यक्ति पैसों के पीछे पागल है आज । परिवार के परिवेश में भी पराई सोच है। इल्जाम लगाने पर ही जोर है।... Hindi · कविता 1 2 470 Share Previous Page 2 Next