Minal Aggarwal Tag: कविता 988 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Minal Aggarwal 20 Apr 2022 · 1 min read चाहे टूटे तेरे सपने बार बार चाहे टूटे तेरे सपने जीवन में बार बार पर ऐ सपनों के सौदागर तू सपने देखना कभी मत छोड़ना तू उनको देख एक बार नहीं दो बार नहीं सौ बार... Hindi · कविता 122 Share Minal Aggarwal 19 Apr 2022 · 1 min read उसके घर का दर्पण टूटे तो टूटे उसके घर का दर्पण टूटे तो टूटे मेरे घर का जुड़ा रहे उसका घर तिनका तिनका बिखरे तो बिखरे मेरा घर संवरा संवरा निखरा रहे उसका घर एक खंडहर सा... Hindi · कविता 2 2 139 Share Minal Aggarwal 19 Apr 2022 · 1 min read उस औरत की खातिर उस औरत की खातिर सारे रिश्ते ही ताक पर रख दिये उसने सारे खून के रिश्तों का खून कर दिया उस खून पीने वाली एक डायन के कारण। मीनल सुपुत्री... Hindi · कविता 125 Share Minal Aggarwal 19 Apr 2022 · 1 min read आत्मसम्मान की कमी क्या है वह औरत एक मांस का लोथड़ा ही तो है न दिल उसके पास न उसमें भरा किसी के लिए कोई प्यार फिर क्या दीवानगी, क्या पागलपन, क्या बेचारगी... Hindi · कविता 1 1 202 Share Minal Aggarwal 19 Apr 2022 · 1 min read मां के दिल से पूछो जग को लगता हो चाहे कैसा भी एक मां के लिए उसका बच्चा सबसे प्यारा इस दुनिया में सबसे सुंदर सबसे अनमोल मां के दिल से पूछो उसके दिल के... Hindi · कविता 1 1 149 Share Minal Aggarwal 18 Apr 2022 · 1 min read दिल नहीं मिलता हो जिससे दिल नहीं मिलता हो जिससे उससे एक दूरी बना लीजिए बिना बात सताकर न प्यार करने की उसे इतनी बड़ी कोई सजा दीजिए। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग... Hindi · कविता 1 111 Share Minal Aggarwal 18 Apr 2022 · 1 min read अंगारों के पथ पर चलकर अंगारों के पथ पर चलकर मिले फूलों के गांव मुझे अंगारों ने जी भर कर जलाया तो फिर फूलों ने अपना आंचल खोल एक मां के सच्चे अप्रतिबंधित प्रेम सा... Hindi · कविता 142 Share Minal Aggarwal 17 Apr 2022 · 1 min read ऐसे थे मेरे पिता जिनके गुणों का वर्णन करने के लिए शब्द ही न मिलें ऐसे थे मेरे पिता मेरी दुनिया थे वह मेरे भगवान थे वह मां से बढ़कर भी जो प्यार करे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 11 12 508 Share Minal Aggarwal 17 Apr 2022 · 1 min read यह रिश्ता जब भी मुंह खोलता है यह रिश्ता जब भी मुंह खोलता है अभद्र भाषा का ही प्रयोग करता है बोलने से तो बेहतर है यह खामोश ही रहे पहाड़ियों पर जमी बर्फ की शांति अच्छी... Hindi · कविता 135 Share Minal Aggarwal 17 Apr 2022 · 1 min read ऐ मेरे प्यारे गुलमोहर के पेड़ के फूलों ऐ मेरे प्यारे गुलमोहर के पेड़ के फूलों तुम इस पेड़ की डाल पर कब तक लटके रहोगे हवा के आते जाते झोंकों के संग संग झुलते रहोगे मेरी आंखों... Hindi · कविता 199 Share Minal Aggarwal 17 Apr 2022 · 1 min read दिल से बंधी दिल की तार दिल से बंधी दिल की तार एक रोज जरूर टूटती है टूटती नहीं तो कमजोर पड़ती है एक तरफ से नहीं तो दूसरी तरफ से उखड़ती है संगीत का कंपन... Hindi · कविता 114 Share Minal Aggarwal 16 Apr 2022 · 1 min read तू मुझमें ही तो समाया है तू मुझमें ही तो समाया है फिर मैं परेशान होकर तुझे मारी मारी कहां ढूंढती रहती हूं जब तेरी देह थी तब तू कभी मुझसे अलग भी तो दिखता था... Hindi · कविता 149 Share Minal Aggarwal 16 Apr 2022 · 1 min read अपना दायित्व भूला तो एक पेड़ खुद तक सीमित न रहे मिट्टी में फैली अपनी जड़ों को पकड़कर गर न रखे तो पनप नहीं पायेगा आसमान को तेज बहती हवाओं के साथ झूम झूमकर... Hindi · कविता 117 Share Minal Aggarwal 16 Apr 2022 · 1 min read यह जग खुश हो तो यह जग खुश हो तो मैं भी सीख लूं उसके साथ खुश होना तो बेहतर है जीवन अकेले नहीं सबको साथ लेकर ही कटता है यह हुनर मैं सीख लूं... Hindi · कविता 138 Share Minal Aggarwal 15 Apr 2022 · 1 min read मेरा घर इतने घरों में कोई घर अपना नहीं लगता अपना घर भी अब तो अपना नहीं लगता जहां बिठा दो मुझे मेरा तो वही स्थान घर हो जाता है मेरी यात्रा... Hindi · कविता 122 Share Minal Aggarwal 15 Apr 2022 · 1 min read मेरा दिल ही न रास्ता तय करना है न मंजिल को पाने की हसरत है तू मेरे दिल में बसता है मेरा दिल ही मेरी काशी, मक्का और मदीना है मेरा दिल ही... Hindi · कविता 138 Share Minal Aggarwal 12 Apr 2022 · 1 min read एक बहुत ही गंदी राजनीति घर में राजनीति घर से बाहर भी राजनीति और जो बात सबसे दुखद वह यह कि एक बहुत ही गंदी राजनीति इस खेल का खुद जीतने का दूसरे को हराने... Hindi · कविता 191 Share Minal Aggarwal 12 Apr 2022 · 1 min read दिल खाली करते हैं दिल इस दुनिया से खाली करते हैं और इसे कायनात के रंगों से भरते हैं फिर देखना हम भी कैसे एक गुलशन में खिले एक नये नये फूल की खुशबू... Hindi · कविता 157 Share Minal Aggarwal 8 Apr 2022 · 1 min read एक बार आकृतियां उभरेंगी, अंधेरे छटेंगे एक बार सहारा देने को हाथ तो आगे बढ़ा। मुझे ऐसा लगना चाहिए कि यह मेरा अपना ही दूसरा हाथ है मुझे ऐसा महसूस होना चाहिए... Hindi · कविता 133 Share Minal Aggarwal 7 Apr 2022 · 1 min read होश में जाना होता है कहां पहुंच जाती हूं जाने कहां मैं होश में ही नहीं हूं होश में आ जाऊं ऐसी फिलहाल मुझसे कोई बात भी न करो। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 119 Share Minal Aggarwal 7 Apr 2022 · 1 min read यह साथ जीवन खत्म हो जाये पर यह साथ कभी न छूटे। दिल से बंधी जो दिल की डोर, हाथों में मेरे जो तेरे जीवन की बागडोर वह कभी न टूटे। अपना... Hindi · कविता 1 1 133 Share Minal Aggarwal 6 Apr 2022 · 1 min read दर्द की इंतहा दर्द की जब इंतहा हो जाती है तो खामोशी लबों को चूमने लगती है वह सुर्ख लाल रंग से हल्के गुलाबी फिर सफेद फिर भूरे फिर काले से पड़ने लगते... Hindi · कविता 162 Share Minal Aggarwal 6 Apr 2022 · 1 min read आज मैं कल तुम आज मैं तुम्हें चलना सिखाता हूं कल तुम मुझे चलाना आज मैं हूं तुम्हारा सहारा कल तुम मेरे बनना जब हो मेरे जीवन की ढलती सांझ उसमें मेरा हौसला बढ़ाते... Hindi · कविता 147 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read खुद पर कालिख यह तो जिस भी शीशे की तरफ देखती है वह तभी का तभी खुद पर कालिख पोतने लगता है झूठ वह बोल नहीं पायेगा सच का आईना जो दिखाया तो... Hindi · कविता 135 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read बिना घर से बाहर निकले एक दिन रहना बिना घर से बाहर निकले एक कमरे की चारदीवारी में बंद समझ आये तुम्हें तब शायद कि किसी की न रूह को उसके दिल में न ही... Hindi · कविता 132 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read फिर वह मेरा अपना फिर वह मेरा अपना क्या हुआ जिसके इतना करीब होते हुए भी मैं एक गैर सा महसूस करूं अपने घर में रहते हुए भी मैं इसे एक बंद दरवाजे और... Hindi · कविता 165 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read इस रिश्ते का बोझ इस रिश्ते का बोझ कितना भारी है कि जिसने मेरा दिल मेरे सीने से बाहर निकालकर उसे खाली ही कर दिया अब इसके आगे की यात्रा का अनुभव मुझे नहीं... Hindi · कविता 140 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read मुझे न देखे इतना भी मैं गैर नहीं कि कोई नजर भरकर भी मुझे न देखे सामने पड़ने पर बेशक मुझे न देखे पर अकेले में मेरी तस्वीर तो जी भरकर देखे। मीनल... Hindi · कविता 116 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2022 · 1 min read उम्मीद उजड़े चमन में भी हो दिल में किसी फूल के खिलने की इच्छा तो इसे उम्मीद कहते हैं पतझड़ को भी हम आशावादी एक बहार कहते हैं। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 141 Share Minal Aggarwal 4 Apr 2022 · 1 min read आसमान के लबों को जमीन को पकड़े रखूं और गगन छू लूं बादलों की चुनर ओढूं आसमान के रंगों से सोलह श्रृंगार करूं आसमान के लबों को अपना कद अपने कदमों पर कुछ और... Hindi · कविता 420 Share Minal Aggarwal 31 Mar 2022 · 1 min read केशव सेवा धाम केशव सेवा धाम एक ऐसा स्थान है जहां केशव का स्वयं वास है उत्कृष्ट सेवा देने का निरंतर संकल्प एवं प्रयास है चारों धामों की यात्रा हो गई हो जैसे... Hindi · कविता 402 Share Minal Aggarwal 30 Mar 2022 · 1 min read वह बच्चा सच में भूखा था वह बच्चा सच में भूखा था मैंने आइसक्रीम खाते हुए उससे पूछा कि क्या तुम भी आइसक्रीम खाओगे वह बोला 'नहीं' रोटी खाऊंगा मैंने अपने ड्राइवर से कार में बैठे... Hindi · कविता 234 Share Minal Aggarwal 27 Mar 2022 · 1 min read दुख में जब किसी पर दुख पड़ता है तो लोग उस व्यक्ति के दुख में शामिल नहीं होना चाहते पत्थर के बन जाते हैं रूखेपन से भर जाते हैं बहुत ही बुरा,... Hindi · कविता 164 Share Minal Aggarwal 27 Mar 2022 · 1 min read रोशनी को भी जो रोशनी और अंधेरे में कुछ तो फर्क होता है फिर रोशनी को भी जो अंधेरा समझे वह तो सचमुच का ही अंधा हुआ। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग... Hindi · कविता 130 Share Minal Aggarwal 25 Mar 2022 · 1 min read मैं एक वट वृक्ष हूं मैं एक वट वृक्ष हूं तुम पर असीम प्यार लुटाता तुम्हारे मां बाप के ही आशीर्वाद की तरह। मैं एक वट वृक्ष हूं अपनी बलिष्ठ बाजुओं सी जटायें फैलाकर तुम्हें... Hindi · कविता 1 1 325 Share Minal Aggarwal 23 Mar 2022 · 1 min read रंगों भरे मौसम में रंगों भरे मौसम में प्यार का मौसम भी प्रीत के रंग भी एक रंग तेरा भी एक रंग मेरा भी कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन की पुकार भी राधा... Hindi · कविता 121 Share Minal Aggarwal 23 Mar 2022 · 1 min read सफलता एक पुष्प का कली से विकसित होकर फूल बनकर खिलना फिर बिखर जाना क्या यह सफलता है एक हद तक तो सफलता खुशी दे सकती है लेकिन इसके बाद त्याग,... Hindi · कविता 158 Share Minal Aggarwal 22 Mar 2022 · 1 min read एक जो तू नहीं तो धरती, आकाश एक बर्फीला तो कभी एक गीला सा अहसास पेड़ों की नरम छांव, फूलों का गांव सब सुंदर है, अति सुंदर है, मनमोहक है पर एक जो तू नहीं... Hindi · कविता 1 499 Share Minal Aggarwal 21 Mar 2022 · 1 min read हम बच्चे हैं हम बच्चे हैं जीवन की कठिनाइयों के बारे में अभी कुछ जानते नहीं तो विपरीत परिस्थितियों में भी खुश हो लेते हैं खेल लेते हैं मिट्टी की नरम कोख पटी... Hindi · कविता 190 Share Minal Aggarwal 12 Mar 2022 · 1 min read गिराना ही था तो कोई चांद का टुकड़ा गिराते गिराना ही था तो कोई चांद का टुकड़ा गिराते किसी का घर रोशन करते किसी बस्ती को आबाद करते यह क्या वहशी दरिंदों की तरह आसमान से बारूद गिराये जा... Hindi · कविता 288 Share Minal Aggarwal 11 Mar 2022 · 1 min read मैं प्रभु के चरणों में क्यों जाती मैं प्रभु के चरणों में क्यों जाती जो यह दुनिया मुझे समय रहते अपना लेती और दर दर की ठोकरें न खिलवाती अब जब प्रभु ही पुकार रहे मुझे तो... Hindi · कविता 171 Share Minal Aggarwal 11 Mar 2022 · 1 min read भगवान का मंदिर ही बदलने दो उन्हें जो हर पल ही एक गिरगिट की तरह अपने रंग बदलते हैं अपने चेहरे के असली रंग तो अकेला पड़ने पर ही दिखाते हैं नहीं तो न... Hindi · कविता 210 Share Minal Aggarwal 11 Mar 2022 · 1 min read जमीन से आसमान को देखती हूं तो जमीन से आसमान को देखती हूं तो दिल में बस उसको लेकर एक ही ख्याल आता है कि यह विस्तृत और विशाल है असीमित है पर मेरी सीमायें हैं सबसे... Hindi · कविता 205 Share Minal Aggarwal 11 Mar 2022 · 1 min read क्यों होते नहीं शर्मसार शिक्षा के स्थान पर मजदूरी का भार बेटी के गले में फूलों का नहीं बल्कि कांटों का हार बेटे के सिर पर ताज नहीं अपितु परिवार का पत्थर की शिला... Hindi · कविता 320 Share Minal Aggarwal 9 Mar 2022 · 1 min read मेरी हिम्मत तुमने मेरा हाथ क्या थामा मेरी हिम्मत तो कई गुना बढ़ गई मैं आसमान में उड़ने लगी जमीन की चाह अब किसे है। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग... Hindi · कविता 154 Share Minal Aggarwal 9 Mar 2022 · 2 min read मैं एक औरत हूं मैं एक औरत हूं पर हां एक जीती जागती सांस लेती इंसान भी हूं यह जीवन मिला है तो इसे भरपूर जीना चाहती हूं इसके हर पहलू को समझना चाहती... Hindi · कविता 377 Share Minal Aggarwal 8 Mar 2022 · 1 min read खुद में ही कहीं खुद में ही तुझे कहीं पाऊं नहीं तो तू ही बता न जीऊं मर जाऊं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड अलीगढ़ (उ.प्र.) –... Hindi · कविता 1 1 144 Share Minal Aggarwal 8 Mar 2022 · 1 min read तुम्हारे साथ गुजारे लम्हों की तरह तुम्हारे जाने से हुई जो कुर्सी खाली उसपर अब मैं बैठता हूं खुद को तुम्हारे फिर कुछ ज्यादा करीब पाता हूं जब तुम्हारे सामान, तुम्हारी पीछे छूटी तुम्हारी चीजों को... Hindi · कविता 298 Share Minal Aggarwal 7 Mar 2022 · 1 min read कब तक भ्रमित खुद को आखिर कब तक भ्रमित करोगे इस रिश्ते को चलाने के लिए बहुत से खून के रिश्ते पानी में बह जायेंगे इस एक इकलौते देखा जाये तो बेकार से... Hindi · कविता 233 Share Minal Aggarwal 7 Mar 2022 · 1 min read आंख में काजल लगाओ तो आंख में काजल लगाओ तो जैसे पोत ली हो कोयले की कालिख ऐसा मालूम पड़ता है आंसुओं को जमाना पड़ता है एक पिंघलकर फिर जमे मोम सा काली घटाओं के... Hindi · कविता 632 Share Previous Page 2 Next