Dr. Harimohan Gupt Tag: मुक्तक 97 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr. Harimohan Gupt 4 Aug 2018 · 1 min read श्रृद्धांजलि राष्ट्र कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त के प्रति, राष्ट्र कवि श्री मैथिली शरण गुप्त= सुप्त राष्ट्र जाग्रत करने में, कौन था उनके सद्दश, उद्घोषक, युग द्दष्टा का ही, फैलता जाता सुयश. यह रहा इतिहास कवि ही, राष्ट्र का... Hindi · मुक्तक 282 Share Dr. Harimohan Gupt 23 Jul 2018 · 1 min read श्रद्धांजलि श्रद्धेय श्री नीरज को श्रद्धांजलि जिन्दगी का मौत से ऐसा लगाव है, बदले हुये लिवास में आना स्वभाव है. थककर सफर में कोई सुस्ताने लगे पथिक, मैं सोचता हूँ मौत... Hindi · मुक्तक 1 249 Share Dr. Harimohan Gupt 11 Jul 2018 · 1 min read कर्म किये जा. धर्म आचरण का पालन कर, धर्म जिये जा, अहंकार को छोड़, छिपा यह मर्म जिए जा. काम, क्रोध, मद, लोभ, सदा से शत्रु रहे हैं, फल की इच्छा क्यों करता,... Hindi · मुक्तक 215 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Jul 2018 · 1 min read जितनी कम जिसकी इच्छाएं जितनी कम जिसकी इच्छायें, उसकी सुखी रही है काया, विषय भोग में लिप्त रहा जो, उसने दुख को ही उपजाया. सब ग्रन्थों का सार यही है, सुख दुख की यह... Hindi · मुक्तक 229 Share Dr. Harimohan Gupt 2 Jul 2018 · 1 min read सामर्थ है तुममें फौलाद की चट्टान को भी फोड़ सकते हो, कोई कठिन अवरोध हो तुम तोड़ सकते हो l तुम युवा हो, बस इरादा नेक सच्चा चाहिये, सामर्थ है तुम में, हवा... Hindi · मुक्तक 1 233 Share Dr. Harimohan Gupt 29 Jun 2018 · 1 min read कवि कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता केवल वाणी के ही बल पर, सम्मोहित सारा जग करता, सीधी, सच्ची, बातें कह कर, मर्म स्थल को वह... Hindi · मुक्तक 212 Share Dr. Harimohan Gupt 17 Jun 2018 · 1 min read थलचर प्राणी नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं, थलचर प्राणी क्यों आपस में लडे कटे हैं, हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें, मिल कर रहना सीख सकें हर जगह... Hindi · मुक्तक 876 Share Dr. Harimohan Gupt 15 Jun 2018 · 1 min read प्रतिभा शाली जिसकी बुद्धि प्रखर होती है,वही व्यक्ति मेधावी होता, मेधावी ही आगे बढ़ कर, प्रज्ञावान प्रभावी होता l अगर विवेकी बनना है तो, बस सत्संग सदा आवश्यक, गुणी, पारखी और विवेकी,... Hindi · मुक्तक 673 Share Dr. Harimohan Gupt 10 Jun 2018 · 1 min read नारी की पीड़ा, जो पीड़ित हो बलात्कार से , इस में उसका दोष रहा क्या ? कब तक वह प्रस्तरवत होगी , पूँछ रही है आज अहल्या ? Hindi · मुक्तक 436 Share Dr. Harimohan Gupt 7 Jun 2018 · 1 min read देश जाग्रत है सदा साहित्य से, जग प्रकाशित है सदा आदित्य से, हम प्रगति करते सदा सानिध्य से, कोई माने, या न माने सत्य है, देश जाग्रत है सदा साहित्य से l Hindi · मुक्तक 291 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Jun 2018 · 1 min read मेरी कवितायें जग में जो जन्मी प्रतिभायें, उनकी हों जग में चर्चायें, मिल पाए सम्मान यथोचित उनके हित मेरी कवितायें - डॉ. हरिमोहन गुप्त Hindi · मुक्तक 200 Share Dr. Harimohan Gupt 3 Jun 2018 · 1 min read सेवा भाव सेवा भाव समर्पण ही बस, मानव की पहिचान है, जिसको है सन्तोष हृदय में, सच में वह धनवान है l यों तो मरते,और जन्मते,जो भी आया यहाँ धरा पर, करता... Hindi · मुक्तक 890 Share Dr. Harimohan Gupt 31 May 2018 · 1 min read जब हम रंग मंच पर जाते पहली बार पाँव कँपते हैं, जब हम रंग मन्च पर जाते, किन्तु सतत अभ्यासी बन जो, कला मन्च का धर्म निभाते l द्दढता, साहस, सदाचरण से, तन मन उत्साहित हो... Hindi · मुक्तक 324 Share Dr. Harimohan Gupt 21 May 2018 · 1 min read बीते युग को छोड़, नये युग का निर्मार्ण करो, बीते युग को छोड़, नये युग का निर्मार्ण करो, आने वाले कल का तुम बढ़ कर सम्मान करो l “बीती ताहि विसारो” का सिद्धान्त हमारा, किन्तु नहीं हम गत को... Hindi · मुक्तक 515 Share Dr. Harimohan Gupt 17 May 2018 · 1 min read बहता पानी स्वच्छ और निर्मल होता है, बहता पानी स्वच्छ और निर्मल होता है, आगे बढने का प्रयास प्रतिपल होता है l सागर कब किसको मिठास दे पाया जग में ठहरे पानी में अक्सर दलदल होता है... Hindi · मुक्तक 374 Share Dr. Harimohan Gupt 16 May 2018 · 1 min read निस्वार्थ भावना, सदा रहे निस्वार्थ भावना, हो जग का कल्याण, सतत साधना के ही बल पर,बनती निज पहिचान, सहें यातना, किन्तु ह्रदय में, भारत माँ का मान, कर्मठ, सदा साहसी जग में... Hindi · मुक्तक 425 Share Dr. Harimohan Gupt 14 May 2018 · 1 min read परछाईं के पीछे भागो, नहीं पकड़ में आये, परछाईं के पीछे भागो, नहीं पकड़ में आये, उसे छोड़ कर आगे जाओ, तो वह पीछे धाये, माया, ममता, और तृषा का यही हाल है मानो, उसके प्रति बस मोह... Hindi · मुक्तक 158 Share Dr. Harimohan Gupt 11 May 2018 · 1 min read अंहकार तजो, सघन वृक्ष ही सदा उखड़ते, वेत सलामत सदा रही है, सहज नम्रता और समर्पण, कारण बनता बात सही है l पर्वत को भी चीर सकी है, सरिता अपनी राह बनाती,... Hindi · मुक्तक 1 256 Share Dr. Harimohan Gupt 8 May 2018 · 1 min read तिमिर स्वयम छटता जाता है, तिमिर स्वयम छटता जाता है, पा कर पुंज प्रकाश. जटिल प्रश्न तक हल हो जाते, लेकर द्दढ विश्वास l विषम और गम्भीर परिस्थिति माप दण्ड है सच के, जीवन में... Hindi · मुक्तक 233 Share Dr. Harimohan Gupt 30 Apr 2018 · 1 min read जीवन में संघर्षों का क्रम चलता आया है, जीवन में संघर्षों का क्रम चलता आया है, और रात की गोद प्रात पलता आया है l चिर अशांति या पीड़ित मन आलोकित करने, सम्बन्धों का स्नेह सदा जलता आया... Hindi · मुक्तक 425 Share Dr. Harimohan Gupt 29 Apr 2018 · 1 min read जिसकी बुद्धि प्रखर होती है, जिसकी बुद्धि प्रखर होती है,वही व्यक्ति मेधावी होता, मेधावी ही आगे बढ़ कर, प्रज्ञावान प्रभावी होता l अगर विवेकी बनना है तो, बस सत्संग सदा आवश्यक, गुणी, पारखी और विवेकी,... Hindi · मुक्तक 354 Share Dr. Harimohan Gupt 28 Apr 2018 · 1 min read पुत्र पिता से जाना जाता यही नियम है, पुत्र पिता से जाना जाता यही नियम है, पिता पुत्र से जाना जाये होता कम है l पिता धन्य है जिसका पुत्र सवाया होता, दशरथ जाने गये राम से यह... Hindi · मुक्तक 192 Share Dr. Harimohan Gupt 26 Apr 2018 · 1 min read लक्ष्य सामने रखने वाले, कभी नहीं रुकते हैं लक्ष्य सामने रखने वाले, कभी नहीं रुकते हैं जो श्रम के आदि हो जाते , कभी नहीं थकते हैं धीरे धीरे चलो , सामने लक्ष्य बनाओ निश्चित कितनी भी कठिनाई... Hindi · मुक्तक 403 Share Dr. Harimohan Gupt 19 Apr 2018 · 1 min read जो सोचते हैं जग भला,तो हुआ उनका भला, जो सोचते हैं जग भला,तो हुआ उनका भला, मन मिलेंगे दूर होगा, दूरियों का सिलसिला l आपसी सद भाव का जो पाठ पढ़ते सर्वदा, देश हित में सोचते, सम्मान उनको... Hindi · मुक्तक 232 Share Dr. Harimohan Gupt 17 Apr 2018 · 1 min read आपस में सौहार्द बढाता है अपनापन, आपस में सौहार्द बढाता है अपनापन, आपस में सद्भाव जगाता है निज चिन्तन, वैचारिक मतभेद कभी भी हो सकते हैं, यदि होगा मनभेद, नष्ट होता है जीवन. Hindi · मुक्तक 184 Share Dr. Harimohan Gupt 16 Apr 2018 · 1 min read आयु होती क्षीण, यदि निन्दा करें विद्वान की, आयु होती क्षीण, यदि निन्दा करें विद्वान की, तप नष्ट होता जायेगा, यदि मान्यता अभिमान की l झूठ बोला तो समझ लो, नष्ट होगा यज्ञ फल, दूसरों से यदि कही,... Hindi · मुक्तक 538 Share Dr. Harimohan Gupt 16 Apr 2018 · 1 min read मन में जब भी दूरी बढती, तो उसका परिणाम कलह है, मन में जब भी दूरी बढती, तो उसका परिणाम कलह है, तिरिस्कार जब भी मिलता है, उसकी कोई रही बजह है l माना यह सबको समझोते, करना पड़ते हैं जीवन... Hindi · मुक्तक 158 Share Dr. Harimohan Gupt 15 Apr 2018 · 1 min read योग योग ऐश औ आराम से जीवन कटे, यह भोग है, असंतुलित भोजन करें परिणाम इसका रोग है l परमात्मा से मन सहज हम जोड़ कर देखें सही, स्वस्थ हो तन... Hindi · मुक्तक 480 Share Dr. Harimohan Gupt 13 Apr 2018 · 1 min read चन्दन हर पौधा महकाए जो समीप है, चन्दन हर पोधा महकाये जो समीप है, जग को जो आलोकित कर दे वही दीप है l पत्थर चोट सहे, पर फल दें वृक्ष यहाँ पर, पानी पी कर मोती... Hindi · मुक्तक 230 Share Dr. Harimohan Gupt 26 Mar 2018 · 1 min read सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी, सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी, सत्यमेव जयते की हमने पढ़ी कहानी, ऐक झूठ सौ बार कहें क्या सच हो सकता, सच तो सच है, यही बात जानी पहिचानी... Hindi · मुक्तक 183 Share Dr. Harimohan Gupt 25 Mar 2018 · 1 min read सत्य निष्ठा राम में होना जरूरी है, सत्य निष्ठा राम में होना जरूरी है, यदि समर्पण भाव है, तो फिर न दूरी है l छल,कपटव्यवहार,निन्दा यदि रही मन में, चाह कर भी साधना रहती अधूरी है l Hindi · मुक्तक 256 Share Dr. Harimohan Gupt 20 Mar 2018 · 1 min read बसन्त ‘बसन्त’ गेहूँ की बाल देख, सबने सुख पाओ है, सरसों जो फूल रही, चेहरा मुस्काओ है. कोयल की कू कू सुन, आम बोराओ है, होरी मनाबे खों, बसन्त आज आओ... Hindi · मुक्तक 361 Share Dr. Harimohan Gupt 16 Mar 2018 · 1 min read कवि ही ऐसा प्राणी है, कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता केवल वाणी के ही बल पर, सम्मोहित सारा जग करता, सीधी, सच्ची, बातें कह कर, मर्म स्थल को वह... Hindi · मुक्तक 361 Share Dr. Harimohan Gupt 13 Jan 2018 · 1 min read सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी, सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी, सत्यमेव जयते की हमने पढ़ी कहानी, ऐक झूठ सौ बार कहें क्या सच हो सकता, सच तो सच है, यही बात जानी पहिचानी... Hindi · मुक्तक 288 Share Dr. Harimohan Gupt 12 Jan 2018 · 1 min read कर्म प्रधान मानते जग में, वे रहते सानन्द l कर्म प्रधान मानते जग में, वे रहते सानन्द सिद्धि साधना में रत जो हैं, पाते परमानन्द l जागो,उठो,बढो तुम आगे, तुम्हें लक्ष्य तक जाना, सत्य आचरण जो अपनाये, वही विवेकानन्द... Hindi · मुक्तक 572 Share Dr. Harimohan Gupt 29 Dec 2017 · 1 min read मिले सफलता जीवन में तुम हार न मानो मिले सफलता जीवन में तुम हार न मानो, छू सकते आकाश, स्वयम को तो पहिचानो l जो करते अभ्यास नितन्तर, आगे बढ़ते, तुम में है सामर्थ, मन्त्र यह मेरा मानो... Hindi · मुक्तक 255 Share Dr. Harimohan Gupt 28 Dec 2017 · 1 min read जब अधर्म बढ़ता धरती पर जब अधर्म बढ़ता धरती पर, कोई सन्त पुरुष आता है, हमको ज्ञान मार्ग दिखलाने, भारत ही गौरव पाता है l संत अवतरित हुये यहाँ पर, विश्व बन्धु का पाठ पढ़ाने,... Hindi · मुक्तक 464 Share Dr. Harimohan Gupt 3 Dec 2017 · 1 min read यों ही कोई बदनाम नहीं होता यों ही कोई बदनाम नहीं होता, वे बजह कोई गुमनाम नहीं होता l गलत इरादे यदि चित्त में हों कभी, तो कोई भी शुभ काम नहीं होता Hindi · मुक्तक 230 Share Dr. Harimohan Gupt 15 Nov 2017 · 1 min read कवि धर्म गांधी विश्वामित्र बन, माँग लिया मोती से लाल, सुख धन,वैभव छोड़ राष्ट्रहित आय जवाहर लाल l सत्य अहिंसा का आश्रय ले, पंचशील के अनुयायी, भारत के प्रधान मंत्री रह ऊंचा... Hindi · मुक्तक 341 Share Dr. Harimohan Gupt 13 Nov 2017 · 1 min read देश,परिस्थिति और काल देश,परिस्थिति और काल का जिसको रहता ज्ञान, साहस, शोर्य जगाने का ही, जो करता अभियान, वैसे तो वह सरल प्रकृति का, प्राणी है पर- कवि मिटता है आन,वान पर यह... Hindi · मुक्तक 418 Share Dr. Harimohan Gupt 11 Nov 2017 · 1 min read जिनका नहीं बहता पसीना बनो कर्मठ, यही तो सब बताते हैं, बढ़े साहस, यही गुरुजन सिखाते हैं l वक्त पर जिनका नहीं बहता पसीना, मानिये वे सदा, आँसू बहाते हैं l Hindi · मुक्तक 193 Share Dr. Harimohan Gupt 11 Nov 2017 · 1 min read वक्त पर ही तुम वक्त पर ही तुम बुरी आदत बदल लो, नहीं तो बदल जायेगा तुम्हारा वक्त भी l Hindi · मुक्तक 438 Share Dr. Harimohan Gupt 9 Nov 2017 · 1 min read नेताओं की चरण वन्दना नेताओं की चरण वन्दना, या अभिनन्दन, उसका यह परिणाम,आज जनजन में क्रन्दन l कुछ तो त्याग हमें बढ़ करके करना होगा, ले लें हम संकल्प, अगर करना परिवर्तन l Hindi · मुक्तक 1 423 Share Dr. Harimohan Gupt 6 Nov 2017 · 1 min read नेह से नाता रहा मनमीत का नेह से नाता रहा मनमीत का, है समर्पण सार ही बस प्रीत का l गीतकारों ने सदा से यह कहा, दर्द से रिश्ता पुराना गीत का l Hindi · मुक्तक 573 Share Dr. Harimohan Gupt 4 Nov 2017 · 1 min read संकल्प नेताओं के चरण वन्दना, या अभिनन्दन, उसका यह परिणाम,आज जनजन में क्रन्दन l कुछ तो त्याग हमें बढ़ करके करना होगा, ले लें हम संकल्प, अगर करना परिवर्तन l Hindi · मुक्तक 458 Share Dr. Harimohan Gupt 3 Nov 2017 · 1 min read योग योग ऐश औ आराम से जीवन कटे, यह भोग है, असंतुलित भोजन करें परिणाम इसका रोग है l परमात्मा से मन सहज हम जोड़ कर देखें सही, स्वस्थ हो तन... Hindi · मुक्तक 635 Share Dr. Harimohan Gupt 27 Oct 2017 · 1 min read साहित्य जग प्रकाशित है सदा आदित्य से, हम प्रगति करते सदा सानिध्य से, कोई माने, या न माने सत्य है, देश जाग्रत है सदा साहित्य से l Hindi · मुक्तक 1 638 Share Previous Page 2