Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 posts
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
हो रही बरसात झमाझम....
हो रही बरसात झमाझम....
डॉ. दीपक मेवाती
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
डॉ. दीपक मेवाती
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
चुप रहना ही खाशियत है इस दौर की
चुप रहना ही खाशियत है इस दौर की
डॉ. दीपक मेवाती
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
डॉ. दीपक मेवाती
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
डॉ. दीपक मेवाती
समझदार तो मैं भी बहुत हूँ,
समझदार तो मैं भी बहुत हूँ,
डॉ. दीपक मेवाती
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
डॉ. दीपक मेवाती
पुस्तक समीक्षा - अंतस की पीड़ा से फूटा चेतना का स्वर रेत पर कश्तियाँ
पुस्तक समीक्षा - अंतस की पीड़ा से फूटा चेतना का स्वर रेत पर कश्तियाँ
डॉ. दीपक मेवाती
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
डॉ. दीपक मेवाती
कवि कृष्णचंद्र रोहणा की रचनाओं में सामाजिक न्याय एवं जाति विमर्श
कवि कृष्णचंद्र रोहणा की रचनाओं में सामाजिक न्याय एवं जाति विमर्श
डॉ. दीपक मेवाती
अनिल बिड़लान जी द्वारा दीपक मेवाती की कविता की समीक्षा....
अनिल बिड़लान जी द्वारा दीपक मेवाती की कविता की समीक्षा....
डॉ. दीपक मेवाती
भीम - कविता
भीम - कविता
डॉ. दीपक मेवाती
पुस्तक समीक्षा - 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान
पुस्तक समीक्षा - 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान
डॉ. दीपक मेवाती
मैं भी तो शहीद था
मैं भी तो शहीद था
डॉ. दीपक मेवाती
बड़ा बैचैन सा हूँ मैं....
बड़ा बैचैन सा हूँ मैं....
डॉ. दीपक मेवाती
माँ
माँ
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...