Sanjay ' शून्य' 282 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay ' शून्य' 24 Jun 2024 · 1 min read मनुष्य बनिए स्वस्थ्य तन मन है नहीं, स्वस्थ्य जन कैसे सृजित हों। स्वस्थ्य जब भोजन नहीं, क्यों न मानव दिग्भ्रमित हो।। फिर रहे बाजार में, बड़के सौदाई बने। जो मनुज ही बन... Hindi 1 0 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। नेताजी दिल्लीवालों को सिर्फ पानी चाहिए।। बेपानी को नेता चुनकर खुद बिनपानी होगई दिल्ली। मौसी समझ सत्ता सौंपा तो सारा दूध ही पीगई... Quote Writer 1 6 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read पथप्रदर्शक प्रभाव में रहना, प्रवाह में बहना अफवाहों की महफिल है मूर्खों का गहना। चुनते है खुद के रास्ते सच्ची नियति के साथ, संघर्ष के सफर पर चुनते है चलते रहना।।... Hindi 1 7 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, फिर कैसा अभिमान ज्ञान का। कर न सके जन में स्व जागृत, क्या मतलब फिर स्वाभिमान का। Quote Writer 2 17 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read गलतफहमी दीवाना बना फिरता था मैं जिसके इश्क में, मासूमियत से उसने हसरत बता दिया। रखना खयाल मेरे बूढ़े अब्बू जान की, शौहर से मिला करके नफरत जता दिया। अब क्या... Hindi 1 18 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jun 2024 · 1 min read बयार ये उल्टी बयार है, है ये खतरा बड़ा, दिखाने का नीचा, चलन चल पड़ा। चढ़ूंगा शिखर पर, दमन तेरा करके, नए युग का ज्वर, सर है सबके चढ़ा।। ये प्रतियोगी... Hindi 1 18 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read राम मंदिर राम भूख हैं, राम प्यास हैं। राम कर्म हैं, वह प्रयास हैं। राम धैर्य हैं, राम आस हैं। राम दृष्टि हैं, राम स्वांस है। राम बिना जग सूना यारों। बिना... 1 32 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read एक छोर नेता खड़ा, एक छोर नेता खड़ा, दूजे छोर है चोर। कतहुं में चोरी करें, देश होय कमजोर।। नेता जी विनती सुनो, इनको भेजो जेल। अबकी जनता कर रही, सब चोरन को फेल।। Quote Writer 1 35 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read कपट मैं जीने के लिए खेलता हूं खेल जिंदगी का, तुम्हे शौक जीतने का तुम खिलाड़ी अजीब हो। मैं हारता रहूंगा मगर और खेलता रहूंगा खेल, तुम जीत कर भी कितने... 1 46 Share Sanjay ' शून्य' 20 May 2024 · 1 min read पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पर सर नहीं चढ़ने दिया, मैं अपने यार को।। Quote Writer 1 29 Share Sanjay ' शून्य' 19 May 2024 · 1 min read मनुष्य और प्रकृति मेरा किरदार समझने के लिए, खुद का सुख चैन गंवाना होगा। अपना सर्वस्व निछावर करके, खुशी से गालियां खाना होगा।। खुशी से दे सको अपने वस्त्र, और परसी सामने की... Hindi 1 32 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का... Poetry Writing Challenge-3 1 32 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। वह बिंदास बेखबर जाता है, जब इंसान अपने घर जाता है।। "संजय" Quote Writer 1 54 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का सूत्रधार... Hindi 1 28 Share Sanjay ' शून्य' 5 May 2024 · 1 min read दूरी जरूरी का करिहौ अवधेश, झूठ की हो गई शादी। मिली दुल्हनिया चोर, सुनो हो गई बर्बादी।। मां की ममता बनी रही, जो झूठ को पाला। पिता झूठ का बाप, जो तोड़ई... Hindi 1 32 Share Sanjay ' शून्य' 4 May 2024 · 1 min read प्रेम मिटना पड़ता सदा प्रेम में, अस्तित्व मिटाना पड़ता है। स्वादहीन पानी शर्बत हो, चीनी को मिटना पड़ता है।। मूल्यहीन जल दूध में मिलकर, खुद को दूध बना लेता है। भाग्य... Hindi 1 37 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अधिकार और साधन समझ लेते हैं। उदार और स्वार्थी मनुष्य का यही भेद है। जय सियाराम Quote Writer 1 47 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। भर गया हो पेट मौतों से तो अब तौबा करो।। Quote Writer 1 41 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read नेता जी मन के अंदर मैल भरा, आभा जिनका मटमैला है। मस्तक बड़ा और चमकदार, पर अंदर बैठा बैला है।। चोर चोर का शोर मचा, खुश हो लो उसको बुरा लगेगा। उसकी... Hindi 1 34 Share Sanjay ' शून्य' 30 Apr 2024 · 1 min read न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की दुश्वारियां। कट रही है ठाट से हाथ फैलाने से गर, जागकर मैं क्यूं खरीदूं सैंकड़ों बीमारियां।। Quote Writer 1 36 Share Sanjay ' शून्य' 28 Apr 2024 · 1 min read अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। गर नहीं तो कोई बात नहीं, बनाना मेरे दोस्त।। औरों की कृपा से, यदि जगह भी मिल जाए। ऐसे मुसीबतों से खुद... Quote Writer 1 58 Share Sanjay ' शून्य' 24 Apr 2024 · 1 min read चुनाव 2024.... उम्मीदों पर खरे रहे हो, अभी कहां तुम पीछे हो। हर गहराई मात खा गई, तुम जो इतने नीचे हो।। था प्रयास की आ जाओगे, मानवीय पहुंच के पास कहीं।... Hindi 1 40 Share Sanjay ' शून्य' 12 Apr 2024 · 1 min read लक्ष्य मंत्रमुग्ध हो सुनो गालियां, व्रत पूरा हो जाने तक। धैर्य धरो यदि मिले तालियां, वचन पूर्ण हो जाने तक।। करो चक्र संधान धर्म हित, शिशुपाल अंत हो जाने तक। अपमान... Hindi 1 42 Share Sanjay ' शून्य' 11 Apr 2024 · 1 min read निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा हैं। शक्ति को समर्पित कर शक्तिवान बनें। जय मां जगदम्बे Quote Writer 1 62 Share Sanjay ' शून्य' 9 Apr 2024 · 1 min read सीख मेरे हिस्से के पाप, भी उसने कर डाले। झूठ मूर्ति बन मुझको सत्य सीखा डाले।। आवारापन बन मुझको सही दिशा दे दी। नफरत ने उसके मुझको खूब दया दे दी।।... Hindi 1 31 Share Sanjay ' शून्य' 7 Apr 2024 · 1 min read मनुष्य जो मनुज उदाहरणार्थ है, वही तो प्रश्ननार्थ है। उसी को जगत देखता, वही तो दर्शनार्थ है।। जिसके कर्म में परमार्थ है, वही तो जग हितार्थ है। जो दूर रहे दंभसे,... 1 50 Share Sanjay ' शून्य' 6 Apr 2024 · 1 min read शिकारी संस्कृति के राम को राम और खुदा को खुदा रहने दो। दोनो अलग संस्कृति है इन्हे जुदा रहने दो।। मत वृद्धि के खातिर इन्हे तुम मत मिलाओ। राम व खुदा को तुम... Hindi 1 41 Share Sanjay ' शून्य' 4 Apr 2024 · 1 min read जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। कर्म मूल है और कोई बात नहीं।। जय श्री सीताराम Quote Writer 1 75 Share Sanjay ' शून्य' 2 Apr 2024 · 1 min read जीयो हूं तो हूं, वरना तो मैं बिल्कुल नहीं हूं। मैं नहीं कहता कि मैं बिल्कुल सही हूं।। बाज़ है क्या वास करता दूसरों की नीड़ में। साधु चलता है अकेला... Hindi 1 1 50 Share Sanjay ' शून्य' 30 Mar 2024 · 1 min read बदलते रिश्ते प्रेम व्रेम इश्क विश्क यारी वारी, सब शब्दों की अय्यारी है। चांद सा मुखड़ा दिल का टुकड़ा, कवियों की मक्कारी है।। संपूर्ण समर्पण कर जिसने भी, हम सबको है सृजित... Hindi 1 1 79 Share Sanjay ' शून्य' 29 Mar 2024 · 1 min read माफिया जैसा कातिल है वैसी ही मौत की सजा। दरिंदे चीखपुकार रहे है, लोग ले रहे मजा। थे सरेआम लूटते घसीटते निचोड़ते समाज को। पापी, राजा बने हुए थे, वो तड़प... Hindi 1 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 28 Mar 2024 · 1 min read रिश्ते रिश्ते जीयो गम पियो, कम खाओ गम खाओ। सत्य प्रेम करुणा से, अंदर का अहम खाओ।। रिश्ते नहीं खुद को संभालो, रिश्ते खुद सम्हल जायेंगे। खुल के रोओ और हंसो,... Hindi 1 55 Share Sanjay ' शून्य' 26 Mar 2024 · 1 min read कलियुग है उद्यम जिसका कर्ज हो, झूठ बनाए फर्ज। इनसे रहियो दूर जी, ये कलयुग के मर्ज।। मन रथ पर बैठा हुआ, जिह्वा जिसकी तीर। काम बसत जिनके नयन, हो कलयुग में... Hindi 1 1 63 Share Sanjay ' शून्य' 24 Mar 2024 · 1 min read केजरू अन्ना की अंगुली पकड़ चला एक किरदार। गला फाड़ कर के कहे सबमें भ्रष्टाचार।। आंदोलन की पीठ पर चढ़ बैठा बलवान। अनशन, भाषण , वचन से बनता रहा महान।। लोकपाल... Hindi 1 58 Share Sanjay ' शून्य' 19 Mar 2024 · 1 min read इश्क अमीरों का! मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी, मकबरे तो देखो शाही का फ़कीर का। मरने बाद बैठी है मुमताज ताज में, सौ ईंट में बस बन गया चौरा कबीर... 1 52 Share Sanjay ' शून्य' 19 Mar 2024 · 1 min read मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी, मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी, मकबरे तो देखो शाही का फ़कीर का। मरने बाद बैठी है मुमताज ताज में, सौ ईंट में बस बन गया चौरा कबीर... Quote Writer 1 75 Share Sanjay ' शून्य' 18 Mar 2024 · 1 min read व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि विचार और संबंध में चुनना हो तो संबंध चुने। हमारे महाकाव्य बताते हैं कि विचारों की उत्पत्ति संबंधों... Quote Writer 1 57 Share Sanjay ' शून्य' 18 Mar 2024 · 1 min read विकल्प न सिया विलाप से, न जटायु युद्ध से। मंदोदरी के प्रेम न माल्यवान प्रबुद्ध से।। न तो लंका दहन से, न पुत्र के हनन से। पुत्र के सलाह से, न... 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 16 Mar 2024 · 1 min read मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो विकल्प नहीं हैं। जनता के लिए काम करे, दिखता नहीं कोई, राष्ट्र समर्पित कोई व्यक्तित्व... Quote Writer 1 98 Share Sanjay ' शून्य' 14 Mar 2024 · 1 min read वाह नेता जी! चाटत चाटत घिस गया, नेता जी का जूत। नेता बिन पनही हुए, हम हो गए कपूत।। नेता जी का न बचा, पिछला कोई सबूत। हम भी घर बाहर हुए, पापा... Hindi 1 63 Share Sanjay ' शून्य' 12 Mar 2024 · 1 min read नहीं बदलते रोटी सच की खाते हैं, पर झूठ पोषते है। ऐसे नर पशु जीवन में, ईश्वर को कोसते हैं।। धर्म कथा कोई भी, इनके लिए व्यर्थ है। कर्मधर्म यह मोक्ष न... Hindi 1 63 Share Sanjay ' शून्य' 10 Mar 2024 · 1 min read ब्राह्मण जिस भी ब्राह्मण में, रावण अब तक जिंदा है। परशुराम, वशिष्ठ, नारद, भृगु उससे शर्मिंदा हैं।। ब्राह्मण की साधुता स्वयं विष्णु से। बन गोपियां वो करते प्रेम कृष्ण से।। नारद... Hindi 1 69 Share Sanjay ' शून्य' 10 Mar 2024 · 1 min read रिश्ते घर में करता बाप जहां बच्चों के बीच दलाली होगा। धीरे धीरे घर का कुनबा एक एक कर खाली होगा।। बच्चों की तुम बात ही छोड़ो, रहेगा वहां पिता ही।... Hindi 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 8 Mar 2024 · 1 min read शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम। शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम। सिद्धि बांटे जगत में, स्वयं रहे निष्काम।। प्रभु गुरुओं के हो गुरु, देवों के हो देव। कालों के हो काल, कहते सब... Quote Writer 2 121 Share Sanjay ' शून्य' 7 Mar 2024 · 1 min read *है गृहस्थ जीवन कठिन *है गृहस्थ जीवन कठिन माया मोह अनंत। कर्म धर्म देखत हसत, देव, दनुज अरू संत।* जय सीताराम Quote Writer 2 116 Share Sanjay ' शून्य' 7 Mar 2024 · 1 min read प्रदर्शन "प्रदर्शन" चकाचौंध जो देख रहे हो, वो सब केवल हौआ है। धवल हंस है घूम रहा, अंदर से काला कौआ है।। कपड़ों से कैसे पहचाने, पढ़ा लिखा या बउआ है।... 1 61 Share Sanjay ' शून्य' 6 Mar 2024 · 1 min read कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ, कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ, पूर्णिमा के चांद में दिखता है उन्हे दाग। सबसे जलील शख्स है जो अपने शहर का, कहता है कि दुनिया में कोई... Quote Writer 1 113 Share Sanjay ' शून्य' 5 Mar 2024 · 1 min read नदी की बूंद है नदियों क्या प्रभाव, हम सबको सभी विदित है। हिमखंडो की शिहरन सी, अविरल भाव निहित है।। हिम से बूंदे जलधारा बन, अविराम यात्रा करती है। पर्वत मालाओं से लड़ती,... Hindi 1 95 Share Sanjay ' शून्य' 2 Mar 2024 · 1 min read जुबां गर समझ लो जिंदगी ज़ुबान को। तो जीत लोगे गर्दीशी तूफान को।। गर तेरी ज़ुबान यूं चलती रहेगी। खुद मरेगी जिंदगी को मार देगी।। न अधिक मीठा न बोलो ढेर... Hindi 1 71 Share Sanjay ' शून्य' 2 Mar 2024 · 1 min read Good morning 🌅🌄 Good morning 🌅🌄 जीवन की शुभता में थे जो....आज नही धरती पर वो। तुम तारा बन मुझको साहस देते रहना, सब है पता भला तुमसे क्या कहना।। ऊर्जा अक्षुण है... Quote Writer 1 1 127 Share Page 1 Next