Dhriti Mishra Tag: क्षितिज 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read क्षितिज आकाश में विचरते नभचर अनेक, उड़ती हैं पतंगे रंगित अनेक. विचरती उतरती दूर नभ में क्षितिज तक...पंख पसारती, पर बंधन है, डोर है, नभचर तो बे-डोर हैं क्षितिज का रस... Poetry Writing Challenge · आकाश · कविता · क्षितिज · नभचर · मृगतृष्णा 219 Share