DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 205 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 11 Apr 2024 · 1 min read कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर पर तो मुक्त दिखाई देता है परन्तु वास्तविकता में मानसिक और आत्मिक दृष्टि से मुक्त नहीं हो पाता.....बल्कि समय... Quote Writer 447 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 14 Apr 2023 · 1 min read औरों की उम्मीदों में औरों की उम्मीदों में जीवन जाया ना कर... उम्मीदों के पूरा होते ही, खामियों का सिलसिला शुरू हो जाएगा.... ✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Quote Writer 2 629 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 6 Apr 2023 · 1 min read आपके शब्द आपके अस्तित्व और व्यक्तित्व का भार वहन करते है... आपके शब्द आपके अस्तित्व और व्यक्तित्व का भार वहन करते है... कृपया इन्हें ज़िम्मेदारी से खर्च करें। ✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Quote Writer 2 979 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 4 Sep 2022 · 1 min read मैं उसकी ज़िद हूँ ... मैं उसकी ज़िद हूँ वो मुझे बाँट नहीं सकता... हो जाए लाख खता पर मुझे डाँट नहीं सकता.... कुछ अच्छे तो कुछ बुरे वक्त के पहलू में मंजर कैद हैं...... Hindi 2 945 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 1 Sep 2022 · 1 min read बड़ी शिद्दत से... बड़ी शिद्दत से मैंने तुम्हें सालों पढ़ा है... तुम्हें पहचानने का तज़ुर्बा एक -एक रोज़ करके आया... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi 4 2 364 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 27 Aug 2022 · 1 min read कुछ लोग... कुछ लोगों का जीवनभर Ego satisfied नहीं होता... ऐसे लोग सामने वाले को पूरी तरह से तोड़कर रख देते हैं... फिर भी इन्हें लगता है कि शायद अभी और गुंजाइश... Hindi 1 389 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 27 Jul 2022 · 1 min read प्रवाह... जीवन में केवल परिवर्तन होना निश्चित एवं स्थायी है। जीवन की धाराप्रवाह में बहना सीखिए... ज़टिल होकर कुछ पकड़े रहने की, बाँधने की कोशिश में, खुद को बिखेर दोगे, खो... Hindi 2 573 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 26 Jul 2022 · 1 min read विपरीत... आपकी वास्तविक 'प्रतिभा' का निर्माण केवल विपरीत परिस्थितियाँ कर सकती हैं। -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi 447 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 23 Jul 2022 · 1 min read नियत... व्यर्थ विवाद, हृदय की व्यथा का विस्तार करता है.... परन्तु व्यर्थ मौन नि:संदेह जीवनभर के पश्चाताप का कारण बनता है। उचित समय की प्रतिक्षा करने के स्थान पर, समय को... Hindi 1 555 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 28 Jun 2022 · 1 min read अलग... तमन्नाओं के शहर में, बला की शोहरतें होती हैं... मग़र मुफ़लिसी में मोहब्बत निभाने का अलग मज़ा है... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi 2 4 555 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 22 Jun 2022 · 1 min read प्रगति... प्रगति के लिए परिवर्तन आवश्यक होता है। परिवर्तन का परिणाम सदैव पराजय या पतन हो, यह आवश्यक नहीं। परिणाम केवल प्रयास पर निर्भर करता है। प्रयास ही पाने की सही... Hindi · कविता 1 2 429 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 18 Apr 2022 · 1 min read मित्र मित्र को दुष्कर्म करते हुए देखकर के ना टोकने वाला व्यक्ति गुप्त शत्रु के समान होता है। Hindi · कोटेशन 2 709 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 24 Mar 2022 · 1 min read तय रास्ते... तय रास्ते की मंज़िल का मुसाफिर नहीं हूँ मैं... मेरे कदम अपनी पगडंडियों को बनाना जानते हैं... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 527 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 18 Feb 2022 · 1 min read वजूद... जिनकी अपनी कोई रीढ़ नहीं वो मेरे वजूद को क्या ललकारेंगे... Hindi · कोटेशन 497 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 15 Feb 2022 · 1 min read मेरी नेकियाँ... मेरे वजूद की ना फ़िक्र कर ए 'फरेबदिल'... मेरी नेकियाँ, मेरे गुनाहों पर भारी रहीं हैं... -देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 1 619 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 10 Feb 2022 · 1 min read चट्टान... भले ही मेरा वक़्त नाजुक हो... मग़र मुझे कमज़ोर समझेंने की भूल तुम ना करना... आँधी महज़ धूल उड़ा सकती है दरख़्त गिरा सकती है मग़र चट्टान हूँ मैं... Hindi · कविता 427 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 9 Feb 2022 · 1 min read शायद... अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए आँगन को कब तक टेढ़ा बताओगे... कभी आईने की धूल हटाकर देखो शायद हकीकत से रूबरू हो जाओगे... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · कविता 2 1 531 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 8 Feb 2022 · 1 min read महत्वपूर्ण... कर्त्तव्य निर्वहन करना जितना महत्वपूर्ण है, उतनी ही महत्वपूर्ण निजी प्रतिबद्धता भी है। -✍️ देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · कोटेशन 581 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 7 Feb 2022 · 1 min read सदियों का सफऱ... सदियों का सफऱ एक लम्हें में तय हो जाता... ग़र तुममें अहम् लेशमात्र भी कम हो जाता... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 703 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 6 Feb 2022 · 1 min read युग का अंत... स्वरकोकिला... माँ शारदा का वास स्थान आपका जाना... एक युग का अंत... Hindi · कविता 509 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 5 Feb 2022 · 1 min read बेहतर... शर्तों और शिकायतों की वफ़ा से खुदगर्जी की बेवफाई बेहतर है... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · कोटेशन 1 2 839 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 4 Feb 2022 · 1 min read आवश्यकता... किसी भी विषय को समझने के लिए सूक्ष्म दृष्टि एवं व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · कोटेशन 648 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 3 Feb 2022 · 1 min read मुक़म्मल चाहत... औरों से मुक़म्मल चाहत का ख़्वाब ही झूठा है... हर कोई चाहता है अपनी-सी मुहब्बत सबसे... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 636 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 2 Feb 2022 · 1 min read कायदे... बड़ी कठोर है उसूलो की दुनिया... अपनी बारी पर कायदे बदल देते हैं... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 535 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 1 Feb 2022 · 1 min read यथार्थ... जीवन का यथार्थ मात्र असत्य से सत्य तक की यात्रा... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · कोटेशन 465 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 31 Jan 2022 · 1 min read बचपन... उम्र के दरिया में कतरा-कतरा दिन बहते गए ... उम्रदराज़ हुए तो देखा बचपन किनारे खड़ा था... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 451 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 30 Jan 2022 · 1 min read आदतों... जो मेरी आदतों में शुमार नहीं उसके होने का खोखला दावा किसकदर करुँ... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 1 406 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 29 Jan 2022 · 2 min read विचारणीय... नमस्कार सभी को...आज मन में एक विचार आया है... आप सबसे साझा करना चाहती हूँ... मेरा निवेदन है कृपया मेरी किसी बात को अन्यथा ना लें ?... मुझे बचपन का... Hindi · लेख 592 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 28 Jan 2022 · 1 min read नाराज़गी... नाराज़गी का रिश्ता अपनेपन से होता है... जिस दिन अपनापन ख़त्म, नाराज़गी ख़त्म... -✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता' Hindi · शेर 560 Share DEVSHREE PAREEK 'ARPITA' 27 Jan 2022 · 1 min read अथक... हालातों के आगे कभी गिरती, कभी उठती... कभी-कभी तो दिन को आखरी, समझ जीती... प्रतिक्षण प्रतीक्षा समर्पित समभाव का संधान करती... वेदना का मर्म छिपाए संघर्ष को साथी बनाए अथक... Hindi · कविता 524 Share Page 1 Next