दीपक झा रुद्रा Tag: हिंदी कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2022 · 1 min read मर्ज आलिंगन भर कर लेते तो ,तेरी खुशबू देह में होती। नाहक ही विरहा झेला हूं,जीवन को संतत्पित मानो। मैं आकाश प्रेम लुटाता,तेरे नाम पर गीत बनाता। किंतु अब आहें लिखता... Hindi · प्रेम · हिंदी कविता 2 2 165 Share दीपक झा रुद्रा 2 Jul 2022 · 1 min read एक हो भाई एक हो चारा भाई चारा भाई चारा... एक हो भाई एक हो चारा भाई चारा... भाई चारा... गौ माता के हत्यारों से... अस्मत के दुत्कारों से... कन्हैया के चितकारों से कमलेश के रक्तिम... Hindi · कविता · खोखली हिंदूवाद · हिंदी कविता · हिंदूवाद 2 115 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2022 · 1 min read पिता संघर्षी पथ चलने वाले पिता पुरौधा होते हैं। हर संकट से लड़ने वाले एकल योद्धा होते हैं। उनके सपनों में संतानों की ही शोहरत होती है। उनके मन में संतानें... Hindi · पिता · हिंदी कविता 1 180 Share