दीपक झा रुद्रा Tag: दीपक झा रुद्रा 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक झा रुद्रा 20 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल होती है। अश्क आंखों में जो आए तो, ग़ज़ल होती है.... मेरी सांसों में तू छाए तो, ग़ज़ल होती है। लफ़्ज़ पर दस्तरस कइयों को है मगर जानाँ। आह,मिसरे में सजाए, तो... Hindi · ग़ज़ल · दीपक झा रुद्रा · हिंदी ग़ज़ल 2 1 318 Share दीपक झा रुद्रा 2 Apr 2024 · 1 min read छंद *घनाक्षरी* प्रास प्रोत का प्रयास प्रवर प्रकाश पुंज प्रेषण प्राचीर पुरूषार्थ प्रतवाण है। प्राण की प्रदिप्तता की प्रथा से परे पुरुष प्रेम पंथ के पुनीत हित परिहाण है। प्रचंडता के... Hindi · अनुप्रास · अलंकार · घनाक्षरी · छंद · दीपक झा रुद्रा 2 1 317 Share