Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
मैंने जब मैंने मां लिखा
कवि दीपक बवेजा
अपनी खुशी को कुरबा किया जाता है
कवि दीपक बवेजा
फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
कवि दीपक बवेजा
मैंने उस पर ताजी गजलें लिखी है
कवि दीपक बवेजा
बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे
कवि दीपक बवेजा
मेरी कलम क्यों उदास है
कवि दीपक बवेजा
कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है
कवि दीपक बवेजा
कई चेहरे पड़े गुनाहगार हमने
कवि दीपक बवेजा
संभाल के रखना यह शीशे का दिल
कवि दीपक बवेजा
जो अंदर है , वह बाहर दिखता कहां है पहले से खत आशिक लिखता कहां है,
कवि दीपक बवेजा
ख्वाबों को हकीकत में बदल दिया
कवि दीपक बवेजा
आईना किसी को बुरा नहीं बताता है
कवि दीपक बवेजा
इससे बड़ा हादसा क्या
कवि दीपक बवेजा
तेरा आईना हो जाऊं
कवि दीपक बवेजा
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा