Davender Rawat 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Davender Rawat 20 Jan 2022 · 1 min read अभिलाषा अब अश्वेत केश नहीं नैन तीव्र नहीं आयु भी ज्यादा रही नहीं आयु अद्रशतक से अतुलित हो गयी अभिलाषा पूरी हुईं नहीं चलो चलें संगी अब भ्रमण को पांचों ताल... Hindi · कविता 135 Share