दशरथ रांकावत 'शक्ति' 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दशरथ रांकावत 'शक्ति' 7 Dec 2022 · 1 min read समय वीर का जग नहीं सुनता कभी आर्त दुर्बल की पुकार, सर झुकाता है कि जिसकी है खड्ग की तेज धार। रक्त शत्रु या कि मेरा युद्ध में निश्चित बहेगा, हां युगों तक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 275 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 1 Dec 2022 · 1 min read परिस्थितियां फिर आ गया मारीच स्वर्ण मृग रूप धर कर के, और ज्यादा बढ़ गये है दशानन तो मर कर के। राम संभलें नहीं राक्षस के छल से इस बार, ये... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक · शेर 2 334 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 27 Nov 2022 · 1 min read फितरत एक ही थाप से दरिया उफ़ान पर आ गया, जो दिल में था सब ज़बान पर आ गया। जो बुलाते थे कभी आना घर हमारे, रंग बदला मकान से दुकान... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 2 225 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 15 Nov 2022 · 1 min read बाधाओं से लड़ना होगा संघर्षों के जीवन रण में बाधाओं से लड़ना होगा। ठोकर पग पग पर रोकेगी सहकर आगे बढ़ना होगा। जंगम से रस्तों पर तुमको, एक अकेले चलना होगा। .....….......बाधाओं से लड़ना... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · बाल कविता · शेर 3 2 349 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 9 Nov 2022 · 1 min read कौन बोलेगा मतलबी दुनिया में मीठे बोल कौन बोलेगा, सब रूठेंगें तो मन की गांठें कौन खोलेगा। हर कोई ढूंढ रहा है सिर्फ फ़ायदा रिश्तों में, तो बेटा"खुश रहो मौज करो" कौन... Hindi · कविता · ग़ज़ल · लघु कथा · शेर 3 324 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 5 Nov 2022 · 1 min read बंधन ज्यों बसती है जान किसी जादूगर की तोते में, त्यों ही जान बसा करती है दादा की पोते में। लाख भंवर दिन भर में जिनको डरा नहीं पाते है, शाम... Hindi · कविता · प्रेम · मुक्तक · वात्सल्य · शेर 3 2 347 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 4 Nov 2022 · 1 min read महाराणा महाकाल ज्यों जटा खोल टूटा हो अरि पर, त्यों राणा की चंद्रहास गरजी बैरी पर। बज उठी दुंदुभी और साथ रणभेरी बोले, वीरों का देख समर मही अंबर डोले। जब... Hindi · अनूप अंबर हिंदी साहित्य · कवि गोष्ठी · कवि सम्मेलन · कविता · कविताहिन्दी 2 2 250 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read ज़िंदा घर सन्नाटा है घर के अंदर टपक रही है और छत भी, लगता है तन्हाई में मैं ये घर भी छुप छुप रोता है। कभी बबूल भी उगा नहीं था जब... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · शेर 1 2 406 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read सच्चा आनंद जीवन की आपाथापी में कहां कोई स्वछंद है, कौन दुखों से दुखी नहीं यहां सबका जीवन जंग है। सुख दुख दोनों बहुत जरूरी यही निखारे जीवन को, बस कर्म करो... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · मुक्तक 2 4 386 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 2 min read कवि कर्म जब अंतस में आग लगी मन जब भी डांवाडोल हुआ, मैंने पीड़ा को शब्द दिये जख्मों का सच्चा मोल हुआ। द्वंद्व उठा जब चित्त विवेक में मन से हर बार... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 3 331 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read बदलाव तेरे शहर में कबूतरों को कोई कोना नहीं नसीब, हमारे गांव आये मुसाफ़िर को भी रूक के जाना हैं। ख़ुशी में सब मिल के हंसते हैं गमों में साथ रोते... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 232 Share