दशरथ रांकावत 'शक्ति' Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दशरथ रांकावत 'शक्ति' 1 Dec 2022 · 1 min read परिस्थितियां फिर आ गया मारीच स्वर्ण मृग रूप धर कर के, और ज्यादा बढ़ गये है दशानन तो मर कर के। राम संभलें नहीं राक्षस के छल से इस बार, ये... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक · शेर 2 303 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 27 Nov 2022 · 1 min read फितरत एक ही थाप से दरिया उफ़ान पर आ गया, जो दिल में था सब ज़बान पर आ गया। जो बुलाते थे कभी आना घर हमारे, रंग बदला मकान से दुकान... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 187 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 5 Nov 2022 · 1 min read बंधन ज्यों बसती है जान किसी जादूगर की तोते में, त्यों ही जान बसा करती है दादा की पोते में। लाख भंवर दिन भर में जिनको डरा नहीं पाते है, शाम... Hindi · कविता · प्रेम · मुक्तक · वात्सल्य · शेर 2 2 305 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read सच्चा आनंद जीवन की आपाथापी में कहां कोई स्वछंद है, कौन दुखों से दुखी नहीं यहां सबका जीवन जंग है। सुख दुख दोनों बहुत जरूरी यही निखारे जीवन को, बस कर्म करो... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · मुक्तक 2 4 296 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read बदलाव तेरे शहर में कबूतरों को कोई कोना नहीं नसीब, हमारे गांव आये मुसाफ़िर को भी रूक के जाना हैं। ख़ुशी में सब मिल के हंसते हैं गमों में साथ रोते... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 198 Share