©️ दामिनी नारायण सिंह Language: Hindi 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 ©️ दामिनी नारायण सिंह 23 Jun 2021 · 1 min read "नहीं बनना दुर्बल" ️ परवरिश ने माना बचपन ने थामा नियत में रहता ईश्वर हमेशा...☀️ नहीं धर्म कोई मानवता से ऊपर, नींव में रहता; जहाँ नेक पत्थर, बस वहीं फुल खिलते इंसानियत का सुन... Hindi · कविता 2 254 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 23 Jun 2021 · 1 min read "मैं प्रभात का नवसृजन" मैं प्रभात का नवसृजन; जीवनचक्र की परिभाषा, नहीं रुकता समय का पहिया; बस उतरार्द्ध दर्शाता। गर्भ में ले कल की गरिमा; जो इस चक्र को समझ जाता, पथ फिर निर्जन;... Hindi · कविता 3 4 449 Share Previous Page 2