Chhaganlal garg 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chhaganlal garg 4 Feb 2021 · 1 min read Karmyogi shri krisna विषय- कर्म योगी श्री कृष्ण! विधा - गीत! कृष्ण योगी पूर्ण मानव , न्याय चाहा कर्म में! साधना तज सिद्धि पाई , युद्ध लीला मर्म में! ब्रह्म चेतन तत्व जाना... Hindi · गीत 3 7 418 Share Chhaganlal garg 28 Sep 2019 · 1 min read प्रभात ||मतगयंद सवैया || लोचन रश्मि निहार मनोहर ,अंतर नेह अलौकिक जागे ! क्षीर प्रभात चिरंतन बिंबित, नूतन अंबर निश्छल लागे ! नागर श्याम विराट विखंडित, प्राण सदा रस सागर माँगे... Hindi · कविता 615 Share Chhaganlal garg 30 Aug 2019 · 1 min read आँखें विषय - नयन / आँखें विधा - गीत ! वृहद स्वप्न ले उड़ती पाँखे ! देखी है मैंने वे आँखें !! संमोहन जादू से लज्जित ! निखरे नित नीरज हो... Hindi · गीत 1 700 Share Chhaganlal garg 30 Aug 2019 · 1 min read मेला विषय- मेला ! विधा - मंदाक्रांता छंद! विधान~ [{मगण भगण नगण तगण तगण+22} ( 222 211 111 221 221 22) 17 वर्ण, यति 4, 6,7 वर्णों पर, 4 चरण [दो-दो... Hindi · कविता 2 585 Share Chhaganlal garg 12 Mar 2019 · 1 min read आलस ||विधाता छंद || विधान - २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु ! ( १,८,१५ व २२ वी मात्रा लघु) 1222 1222... Hindi · कविता 1 800 Share Chhaganlal garg 16 Feb 2019 · 1 min read श्रृद्धांजलि श्रृद्धांजलि विधाता छंद! जवानों की दिलेरी में सदा आधार पाया है! रखी है लाज माता की सदा वादा निभाया है! लड़े हैं देश रक्षा में मिटें गोदी छिपाना है !... Hindi · कविता 505 Share Chhaganlal garg 7 Feb 2019 · 1 min read नैन विषय- नैन! विधा- छंद आधारित गीतिका! मापनी- 2122,2122,2122,2122 हैं कटीले नैन तेरे देख प्रेमी भूल जाते ! रोशनी के तेज से ही दर्द सारे भूल जाते !! लो नशे की... Hindi · कविता 1 444 Share Chhaganlal garg 5 Feb 2019 · 1 min read बंधन विषय - बंधन! विधा - छंद आधारित गीतिका 2122,2122, 2122, 2122 देह बंधन प्राण से मन पिंजरे में कैद साथी ! बदलते प्रिय रात दिन है जिंदगी में केंद साथी... Hindi · कविता 1 572 Share Chhaganlal garg 1 Feb 2019 · 1 min read भोर का श्रृंगार ||गीतिका आधार छंद मनोरम || वाचिक मापनी : 2122, 2122 =14 मात्रा भोर का श्रृंगार साथी नेह की आभा नवेली ! गूंजते पक्षी निराले कंठ ने खोली पहेली! आह देखो... Hindi · कविता 420 Share Chhaganlal garg 29 Jan 2019 · 1 min read बाँसुरी विषय - बाँसुरी! विधा - विधाता छंद ! विधान - २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु ! ( १,८,१५ व २२... Hindi · कविता 405 Share Chhaganlal garg 28 Jan 2019 · 1 min read नील गगन विषय- नील गगन! विधा - विधाता छंद ! विधान - २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु ! ( १,८,१५ व २२... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share Chhaganlal garg 24 Jan 2019 · 1 min read बहारें विषय - बहारें ! विधा - कुकुभ छंद ! विधान – ३० मात्रा, १६, १४ पर यति l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l अंत मे २,२! कोमल... Hindi · कविता 556 Share Chhaganlal garg 22 Jan 2019 · 1 min read चंचल विषय- चंचल !! हंस दोहा विधान - १४ गुरु २० लघु ! मृदुल मुदित मन माधुरी, नैना घेरी लाज! मुग्धा मधुमय मोहिनी , चंचल चित अंदाज !! लाली लब ले... Hindi · दोहा 353 Share Chhaganlal garg 20 Jan 2019 · 4 min read रोटी ||रोटी || लघुकथा पुलियें की चढान घुटनों के दर्द को बढा देती है पर मंदिर जाने की आस्था नयी तरावट के साथ कदमो में जोश भरने लगती है, पीछे से... Hindi · लघु कथा 401 Share Chhaganlal garg 20 Jan 2019 · 1 min read कुहासा विषय - कुहासा! विधा -कुकुभ छंद ! विधान – ३० मात्रा, १६, १४ पर यति l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l अंत मे २,२! लो वह बदली... Hindi · कविता 417 Share Chhaganlal garg 20 Jan 2019 · 1 min read भक्ति गीत ||सरसी छंद पर आधारित गीतिका|| प्राण चहे माधव प्रियवर को, धूप खिली नव भौर! धर्म कर्म की किरणें उठती , बढ़ा भक्ति का ज़ोर !! शांत हुआ मन राम नाम... Hindi · कविता 450 Share Chhaganlal garg 19 Jan 2019 · 1 min read किसान विषय- किसान !! ||कलाधर छंद|| विधान---गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु! अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु। इस प्रकार 31 वर्ण प्रति चरण,चार चरण समतुकान्त ! देख लो... Hindi · कविता 466 Share Chhaganlal garg 18 Jan 2019 · 1 min read माँ विषय - मां ! विधा- दुर्मिल सवैया ! दुर्मिल सवैया । विधान - ८ सगण, २४ वर्ण । ममता चित मे रहती नित मां , तुम हो अवलंब अलौकिक सी!... Hindi · कविता 972 Share Chhaganlal garg 20 Dec 2017 · 1 min read आँधी कुण्डलियाँ छंद । आँधी अंतर में उठी ,देखा जड संसार । नैनो की आशा गयी ,लूटा मन व्यवहार । लूटा मन व्यवहार, देह छल ठहरे कैसे । मिले चित को... Hindi · कुण्डलिया 348 Share Chhaganlal garg 18 Dec 2017 · 3 min read अभिनय संस्मरण विस्मित सा उस नौजवान को गौर से देखने पर भी यादास्त में नही आ रहा , वह पैरो मे झुकने के बाद बोला "सर , मै विक्रम हूँ ,... Hindi · लघु कथा 645 Share Chhaganlal garg 18 Dec 2017 · 2 min read किशोरावस्था तनाव । विषय किशोरावस्था मे मानसिक तनाव व कारण । विधा - गद्य । किशोरावस्था जीवन का परम मंगल काल हैं मनुष्य की श्रेष्ठता की शुरुआत का शुभ द्वार हैं ,सर्वश्रेष्ठ जीवन... Hindi · लेख 1k Share