Chitra Bisht Tag: कविता 113 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chitra Bisht 19 Oct 2025 · 1 min read हो चाहे गरीब या धन्ना सेठ हो चाहे गरीब या धन्ना सेठ दीपक की लौ न फर्क करे वही रौशनी हर आंगन खिले बस यही सोच दीपक जले चित्रा Hindi · कविता 37 Share Chitra Bisht 8 Sep 2025 · 1 min read अगर कभी... गर रिश्ते पसंद से बन पाते जिंदगी को मायने मिल जाते अपनापन पाते फिर अपनो से दूरी ना बनती सपनों से मेरी खुशी पर वो भी खुश होते शायद रोने... Hindi · कविता 1 63 Share Chitra Bisht 2 Sep 2025 · 1 min read रोशनी से नहाए शहर रोशनी से नहाए शहरों में अंधेरा भी बसता है कहीं चमचमाते मकानों के साथ होती टिमटिमाते दियों की आंख मिचौली हर दिन त्योहार सा बनता कहीं कहीं भूख से फाके... Hindi · कविता 136 Share Chitra Bisht 29 Aug 2025 · 1 min read सालों बाद जो आज मिले सालों बाद जो आज मिले यकीनन लुत्फ़ तो आया होगा यारों की गुफ्तगू में कोई हमारा जिक्र भी लाया होगा Hindi · कविता 111 Share Chitra Bisht 27 Aug 2025 · 1 min read गणपति बप्पा मोरिया सुख समृद्धि दीजो गजानन आवन से तेरे हुआ घर पावन सेवा में प्रस्तुत घर परिवार आनंद में डूबा सारा संसार विघ्नहर्ता करो दुख का निवारण मोदक पंचामृत करूं मैं अर्पण... Hindi · कविता 1 132 Share Chitra Bisht 27 Aug 2025 · 1 min read थोड़ी मोहलत तो दे जिंदगी बहुत कुछ करने की चाहत है थोड़ी मोहलत तो दे जिंदगी हसरतों की छोटी सी फेहरिस्त है मुकम्मल तो कर इसे जिंदगी खुश रहता हूं हर हाल में लेकिन कभी... Hindi · कविता 62 Share Chitra Bisht 24 Aug 2025 · 1 min read खोजती है फिर आंखें खोजती है फिर आंखें कुछ जाने पहचाने चेहरे बांट जोहती है पल पल शायद आए कोई अपने संग बैठे हंसे खिलखिलाए कुछ मेरी सुने कुछ अपनी बताऐं ना वक्त की... Hindi · कविता 89 Share Chitra Bisht 23 Aug 2025 · 1 min read उसमें भी जीवन होता है उसमें भी जीवन होता है दर्द वो भी महसूस करता है तो जान की उसके मोल ना लगाओ मासूम को धरती से ना मिटाओ है बेजुबान बेजान नहीं क्या हुआ... Hindi · कविता 74 Share Chitra Bisht 18 Aug 2025 · 1 min read फोन की घंटी घंटी जब फोन की बजती है उम्मीद की डोरी सजती है आया है मां का फोन अभी अब होगी बातें पुरानी नई सब हाल चाल पहले पूछे फिर तीज त्यौहार... Hindi · कविता 59 Share Chitra Bisht 22 Jul 2025 · 1 min read घर थे जो कभी घर थे जो कभी अब मकान से लगते हैं अपने रहते थे यहां अब अंजान बसते हैं आते जाते नजरें टकरा जाती है कभी निगाहें मिलाने से बचकर कतरा के... Hindi · कविता 78 Share Chitra Bisht 4 Jul 2025 · 1 min read आधुनिकता की आड़ में आधुनिकता की आड़ में अंधाधुन दौड़ में नई नई चीजें इजाद हुई पुरानी रिवायतें खाक हुई पहले असबाब अलग हुए फिर हुए दिल जुदा हर चीज का बंटवारा हुआ हर... Hindi · कविता 114 Share Chitra Bisht 30 Jun 2025 · 1 min read Jab Umrao met tapori 😃 अरे दिल क्या आइटम है बीडू अपुन तेरे को जान देगा बस अपुन जो बोला, वो करने का हटेली, वरना टपका डालेगा चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 72 Share Chitra Bisht 29 Jun 2025 · 1 min read उमराव जान अदा एक ख़ूबसूरत ग़ज़ल जो फिर से होठों पे सजी है खुशरंग हिना एक बार फिर नाजुक हथेलियों पर रची है नफ़ासत में डूबे अल्फाज़ दिलकश रूमानी अंदाज, ऐसी मिसाल और... Hindi · कविता 116 Share Chitra Bisht 28 Jun 2025 · 1 min read खुश्किस्मत ऐसा भी कुछ दिनों पहले की है बात दुर्घटना हुई दोस्त के साथ बाइक चलाते-चलाते कार से टकरा गया बाइक तो टूटी फूटी ही, खुद भी लपेटे में आ गया डॉक्टर ने... Hindi · कविता 89 Share Chitra Bisht 26 Jun 2025 · 1 min read इंसानियत को मानो स्कूलों में पढ़ना पढ़ाना तो फिर भी आसान है गैर मामूली सीख वो जो बनाती अच्छे इंसान है जोड़ना घटाना पैसा कमाना तो फिर भी आ जाएगा किसी की खुशियों... Hindi · कविता 113 Share Chitra Bisht 20 Jun 2025 · 1 min read जिंदगी की शाम गर जिंदगी की शाम है खुद का हाथ थाम के खुदी को सहारा दे दो उलझनों से किनारा कर लो औरों से है क्यों बाॅध रहा उम्मीदों की ये ङोर... Hindi · कविता 72 Share Chitra Bisht 14 Jun 2025 · 1 min read एयर इन्डिया विमान दुर्घटना कुछ ही पलों में ख़त्म हुई जिंदगी हंसते खिलखिलाते चेहरे बन गये कहानी कभी हादसे, कभी बीमारी की चादर ओढ़ती है मौत, तू भी आने के बहाने ढूंढती है रह... Hindi · कविता 76 Share Chitra Bisht 13 Jun 2025 · 1 min read संयम धर के क्यों जीना है संयम धर के क्यों जीना है जब जीवन ही कुछ दिन का है इच्छाओं पर क्यों काबू हो हर सपने को पूरा कर लो क्या बनना है कहां रहना है... Hindi · कविता 75 Share Chitra Bisht 9 Jun 2025 · 1 min read नवरस नवरस है कहा भावों को मगर हर रस कहां मन भाता है कोई करे हृदय को आह्लादित कोई घृणा भाव उपजाता है श्रृंगार रूप यौवन जो करे हृदय में प्रेम... Hindi · कविता 124 Share Chitra Bisht 10 May 2025 · 1 min read निराश न हो, मुस्कुराओ जब दिल में अँधेरा बसने लगे बाहर की रोशनी चुभने लगे जब गम की अपने थाह न पाओ निराश न हो, मुस्कुराओ जब करे अकेलापन कमज़ोर सन्नाटा फैला हो हर... Hindi · कविता 75 Share Chitra Bisht 2 May 2025 · 1 min read याद करो जलियांवाला बाग उस बार जो आई बैसाखी हृदयों में रोष की ज्वाला थी अन्याय पे फिर आवाज़ें उठी अब और नहीं अब और नहीं अपनी ज़मीन अपना गगन बाहरवाले क्यों करे दमन... Hindi · कविता 68 Share Chitra Bisht 30 Mar 2025 · 1 min read नीर, तुझ संग रिश्ता है इस तरह... नीर, तुझ संग रिश्ता है इस तरह तब तब मन की गहराइयों से जन्मा जब जब कोई घाव लगा, गहरा नीर, तुझ संग रिश्ता है इस तरह कभी दबे कदमों... Hindi · कविता 102 Share Chitra Bisht 25 Mar 2025 · 1 min read रिहाई सभी की होती है हो राजा या फिर रंक कोई विदाई सभी की होती है बेड़ियां रिश्तों की टूटती है रिहाई सभी की होती है सहेजा बहुत सामानो को अपनों के दिए निशानों को... Hindi · कविता 100 Share Chitra Bisht 14 Feb 2025 · 1 min read वैलेंटाइन डे आज एक धुन सी है चढ़ी कि वैलेंटाइन डे मनाऊं जाकर कहीं मिले कोई आवारा, पागल, दीवाना नहीं, जान नहीं देनी बस एक गुलाब ले आना आंखों में आंखें डाल... Hindi · कविता 159 Share Chitra Bisht 1 Feb 2025 · 1 min read विनती विनती है बस इतनी प्रभु संतोष दे दो दान में उम्मीदों की डोर ना जुड़े कहीं भी किसी इंसान से ना मसीहे की आस ना रहनुमा की तलाश बस आभार... Hindi · कविता 132 Share Chitra Bisht 21 Jan 2025 · 1 min read आजाद भारत सदियाँ बीती आज़ाद हुए क्या मन से है आज़ाद सभी जकड़ा अनदेखी बेड़ियों में क्यों आज हर भारतवासी आगे बढ़ने की दौड़ में पीछे करने की होड़ में भुला बैठे... Hindi · कविता 1 145 Share Chitra Bisht 17 Jan 2025 · 1 min read खामोशी की जुबान आजकल गुफ्तगू कुछ कम होती है, जरूरत हो तो नजरें बोलती है अल्फाज बेजा से हो गए हैं, ये हालात कुछ नए नए हैं तू कुछ न कहे और मैं... Hindi · कविता 1 105 Share Chitra Bisht 17 Jan 2025 · 1 min read बहू नहीं, बेटी बहू नहीं, बेटी चाहिए बेफिक्र होकर मन बनाइये घर की लक्ष्मी बनकर रहेगी घर आंगन पर राज करेगी भगवान का दिया सब कुछ है रुतबा, पैसा भर-भर के बस संभालने... Hindi · कविता 1 108 Share Chitra Bisht 31 Dec 2024 · 1 min read अलविदा, 2024 तेरे जाने की ख़ुशी में सब मग्न है आदिम की बस्ती में आज जश्न है पर क्यों, तूने तो बहुत कुछ दिया हसीन लम्हे, कुछ मीठा कुछ तीखा हाँ, थोड़ा... Hindi · कविता 2 2 180 Share Chitra Bisht 15 Dec 2024 · 1 min read उम्मीदें कातिलाना होती हैं उम्मीदें कातिलाना होती हैं खेलती मासूम जज्बातों से उलझाती मुश्किल हालातों में बांधती अनगिनत सवालातों में मायूसी का नजराना देती हैं उम्मीदें कातिलाना होती हैं चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 1 209 Share Page 1 Next