पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" Tag: Poem 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 May 2024 · 1 min read सरपरस्त क्यों ताक-झांक कर रहे पड़ोसी, इसका मुझको पता नहीं। कब-कब पकी घर मेरे खिचड़ी, इसका मुझको पता नहीं।। हम क्या कहते और क्या सहते हैं, बात नहीं यह अपनें जानें।... Hindi · Humour · Memoir · Poem · कविता · ग़ज़ल 2 165 Share