Umesh Chavan 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh Chavan 5 Nov 2018 · 1 min read माँ अवधूत के ह्रदय में नित गूँजती गुँजन हैं माँ ! अलख सृष्टी के आशाओं की नित्य निरंजन हैं माँ ! फुलों के अंतरंग में फ़ुहारती मधु गंगा हैं माँ !... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 122 1k Share