370
posts
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
बीज अंकुरित अवश्य होगा
VINOD CHAUHAN
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
VINOD CHAUHAN
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
लो फिर गर्मी लौट आई है
VINOD CHAUHAN
आज बगिया में था सम्मेलन
VINOD CHAUHAN
मेघों का इंतजार है
VINOD CHAUHAN
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
VINOD CHAUHAN
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
VINOD CHAUHAN
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
VINOD CHAUHAN
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
VINOD CHAUHAN
दिन गुजर जाता है ये रात ठहर जाती है
VINOD CHAUHAN
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
VINOD CHAUHAN
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
VINOD CHAUHAN
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN