चंदा भूपेंद्र 'चेतना' Tag: मुक्तक 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 24 Mar 2023 · 1 min read सार्थक टूटी हुई जिन्दगी से, किसी की जिन्दगी संवर जाए। एक जिन्दगी को , ठिकाना जो मिल जाए। तो टूटी जिन्दगी भी, सार्थक बन जाए । Hindi · मुक्तक 1 144 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 7 Aug 2022 · 1 min read तरस मुसीबत में , जब कोई तुम्हें पुकारे तो समझना कि उसके लिए तुम्हारी कीमत बहुत है। उसे यकीन है , कि तुम उसे उस मुसीबत से निकाल लोगे जब मुसीबत... Hindi · मुक्तक 1 130 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Jan 2022 · 1 min read "फल" श्रीकृष्ण ने सच ही कहा है , सिर्फ कर्म करो फल ना चाहो । फल तो मीठा होता है पर , अप्राप्ति बहुत कड़वी होती है। जिस कड़वेपन से जिंदगी... Hindi · मुक्तक 1 2 250 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 31 Dec 2021 · 1 min read "आज का सिकंदर" धैर्य समय की सबसे बड़ी औषधि है , समय पर मिलने वाली चोट पर धैर्य का मलहम लगाना उचित है । धैर्य में बहुत बड़ी ताकत है , जो धैर्यवान... Hindi · मुक्तक 1 208 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Nov 2021 · 1 min read "इश्क का रंग" कहते है, इश्क का रंग होता है लाल। इश्कबाज ,इश्क में दिखते हैं सुर्ख लाल। खतरे का रंग भी, होता है लाल। इश्कबाज पर ही चढ़ता है ,खतरे का गुलाल।... Hindi · मुक्तक 3 2 274 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 11 Nov 2021 · 1 min read "परिंदा की सीख" एक परिंदा उड़ रहा ,शब्दों के संसार में। शब्द दिखलाए ,सीख सिखाए, शब्दों के भंडार में।। नन्हे परिंदे साथ हो लिए, इस सीखने के संसार में। उड़ते -फिरते ,गिरते -... Hindi · मुक्तक 1 2 555 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 26 Sep 2021 · 1 min read अज्ञानता कुछ लोग ठहाका मारकर हंसते हैं, कि हमने उसे हरा दिया। लेकिन ! उन्हें नहीं पता कि मैं जहां पहुंचूं, मेरी मंजिल की सीढ़ी वहीं से शुरू होती है।। Hindi · मुक्तक 1 242 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Sep 2021 · 1 min read "ईश्वर का खिलौना" ऊपर वाले तूने क्या ,सोचकर दुनिया बनाई होगी। दुनिया बनाई तो ठीक , सुख के साथ दुख क्यों । क्या तुझे हंसती खेलती, दुनिया रास नहीं आ रही थी। तुझे... Hindi · मुक्तक 1 464 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 8 Sep 2021 · 1 min read "एक शिकायत तुझसे" तेरे दर पर मेरा यूं, बार-बार भटकना हैरत में डालता है मुझे, जिस पर हो तेरा हाथ, वह अनोखा है फिर कैसा ?उसका बार-बार भटकना , क्या तू भी उन... Hindi · मुक्तक 1 214 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 22 Aug 2021 · 1 min read "क्या लिखूं" सोचती हूं कुछ लिखूं, शब्द आएं लिख ना पाए, मन में भाव लहरों से आएं बनते बनते फिर मिट जाएं इस असमंजस में, मै क्या लिखूं ! कभी कभी मन... Hindi · मुक्तक 1 253 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 19 Jul 2021 · 2 min read सफर -ए -कोरोना प्रथम स्थिति कोरोना की जब भारत में आया था, धीरे धीरे लगा लॉकडाउन सबका मन हरसाया था ! वर्षों से थका शरीर आराम बहुत ही पाया था, आज कचौड़ी ,कल... Hindi · मुक्तक 3 3 246 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 18 Jul 2021 · 2 min read "मास्टर जी का पाठ" मास्टर जी भी कमाल करे हैं, कोरोना में बच्चों, से, दूरी बनाए थे मामा -मामी ,चाचा -चाची के घर, शादी में धूम मचाए थे, कोरोना का नहीं है डर, वे... Hindi · मुक्तक 1 2 466 Share