चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 50 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 22 Oct 2016 · 1 min read हुस्न के शह्र में आ गए हो मियाँ आ रहीं यूँ जो बेताब सी आँधियाँ शर्तिया है निशाना मेरा आशियाँ मैंने देखा है झुरमुट में इक साँप है और हैं बेख़बर सारी मुर्गाबियाँ मान लूँ क्या के अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 505 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 21 Oct 2016 · 1 min read गया जो देखकर इक बार चारागर, नहीं लौटा किसी दिल के दरीचे से कोई जाकर नहीं लौटा जूँ निकला अश्क राहे चश्म से बाहर, नहीं लौटा वो क़ासिद, जो भी मेरा ख़त गया लेकर तेरी जानिब न कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 686 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 20 Oct 2016 · 1 min read एक अदना दिल तो था लेकिन मुझे टूटा लगा अब वही बेहतर बताएगा के उसको क्या लगा इश्क़ में नुक़्सान मेरा पर मुझे अच्छा लगा यूँ शिकन आई जबीं पर उसके, मुझको देखकर वह मुझे फ़िलवक़्त मेरे दर्द का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 480 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 8 Oct 2016 · 1 min read मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ तू जाने है के मरना चाहता हूँ? मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ।। अगर है इश्क़ आतिश से गुज़रना, तो आतिश से गुज़रना चाहता हूँ। न सह पाता हूँ ताबानी-ए-रुख़,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 573 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 5 Oct 2016 · 1 min read मुझे क्यूँ तीरगी में रौशनी मालूम होती है चले तू जब तो बलखाती नदी मालूम होती है मुझे फिर जाने जाँ क्यूँ तिश्नगी मालूम होती है तू मेरे सिम्त जब भी आ रही मालूम होती है मेरे ज़ेह्नो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 431 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Sep 2016 · 1 min read तुह्मत तो लाजवाब मिले, होश में हूँ मैं मुझको तो अब शराब मिले, होश में हूँ मैं और वह भी बेहिसाब मिले, होश में हूँ मैं सच्चाइयों से ऊब चुका हूँ बुरी तरह अब इक हसीन ख़्वाब मिले,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 602 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 24 Sep 2016 · 1 min read बड़ी मग़रूर किस्मत हो गई है हमें जबसे मुहब्बत हो गई है मुहब्बत भी सियासत हो गई है चलो फिर इश्क़ में खाते हैं धोखा हमें तो इसकी आदत हो गई है गया चैनो सुक़ूँ यानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 21 Sep 2016 · 1 min read सोचता था लिखूँ तुझको उन्वान कर तू मना कर दिया जाने क्या जानकर सोचता था लिखूँ तुझको उन्वान कर पा लिया मैं ख़ुशी उम्र भर की सनम दो घड़ी ही भले तुझको मिह्मान कर फिर रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 14 Sep 2016 · 1 min read मुझे ज़िन्दगी का नशा सा हुआ है नहीं जानता तू के याँ क्या हुआ है ग़ज़ब, तूने जो भी कहा था, हुआ है फ़लक़ से यहाँ रात बरसी है आतिश सहर कोहरे का तमाशा हुआ है अरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 422 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 14 Sep 2016 · 1 min read हुस्न कोई गर न टकराता कभी तू बता मेरी तरफ देखा कभी और देखा तो बुलाया क्या कभी चाहेगा जब पास अपने पाएगा क्या मुझे है ढूढना पड़ता कभी तू नहीं करता परीशाँ गर मुझे तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 12 Sep 2016 · 1 min read दरमियाँ अपने ये पर्देदारियाँ जल रहीं जो याँ दिलों की बस्तियाँ कब गिरीं इक साथ इतनी बिजलियाँ बातियों में अब नहीं लज़्ज़त रही अब बिगाड़ेंगी भला क्या आँधियाँ अंजुमन भी किस तरह का अंजुमन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 315 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 10 Sep 2016 · 1 min read मेरा सादा सा दिल है और सादी सी ही फ़ित्रत है जला है जी मेरा और उसपे मुझसे ही शिक़ायत है न कहना अब के ग़ाफ़िल यूँ ही तो होती मुहब्बत है मुझे तो होश आ जाए कोई पानी छिड़क दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 645 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Aug 2016 · 1 min read क्या आँच दे सकेंगे बुझते हुए शरारे गुल सूख जाए हर इक या ग़ुम हों चाँद तारे गाएंगे लोग फिर भी याँ गीत प्यारे प्यारे ऐ अब्र! है बरसना तो झूमकर बरस जा है गर महज़ टहलना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 495 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Aug 2016 · 1 min read ग़ाफ़िल की सुह्बतों का असर भी तो कम नहीं रुख़ यूँ सँवारने का हुनर भी तो कम नहीं। आरिज़ पे आँसुओं का गुहर भी तो कम नहीं।। सैलाब और प्यास नमू एक ही जगह, ऐसी ख़ुसूसियत-ए-नज़र भी तो कम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 380 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 16 Aug 2016 · 1 min read वो ग़ाफ़िल को ताने सुनाने चले हैं बताओ जी क्या क्या बनाने चले हैं अदब के जो याँ कारख़ाने चले हैं जो हों कानफाड़ू जँचें बस नज़र को अब ऐसी ही ख़ूबी के गाने चले हैं न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 11 Aug 2016 · 1 min read जो अपने थे कभी मुझको तो सारे याद रहते हैं भले तुझको नहीं उल्फ़त के किस्से याद रहते हैं मुझे हर बेमुरव्वत वक़्त गुज़रे, याद रहते हैं कभी अपने नहीं थे जो उन्हें अब याद करना क्या जो अपने थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 454 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 2 Aug 2016 · 1 min read मुहब्बत का मेरे भी वास्ते पैग़ाम आया है मिला चौनो क़रारो बेश्तर आराम आया है सुना है जी चुराने में मेरा भी नाम आया है न कोई राबिता था तब न कोई राबिता है अब मगर फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 683 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 30 Jul 2016 · 1 min read मगर जाता है क्यूँ बताता है नहीं दोस्त किधर जाता है और जाता है तो किस यार के घर जाता है पास आ मेरे सनम जा न कहीं आज की रात या मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 513 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 28 Jul 2016 · 1 min read भूल जाओ किसका आना रह गया क्या बताऊँ? क्या बताना रह गया सोचता बस यह, ज़माना रह गया क्या यही चारागरी है चारागर! जख़्म जो था, वो पुराना...! रह गया लोग आए, शाम की, जाते बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 834 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Jul 2016 · 1 min read रात ही जब हुई मुख़्तसर आदाब दोस्तो! आज रात फ़िलबदीह में हुई बहुत ही छोटी बह्र की एक ग़ज़ल कुछ यूँ- मतला- गो है आवारगी बेश्तर हो गए शे’र अपने मगर एक क़त्आ- क्या गुमाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 593 Share Previous Page 2