भरत कुमार सोलंकी Tag: ग़ज़ल 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ मान जिन्दगी ने हमें निकम्मा बना दिया अन्धेरी चाहत ने हमें शम्मा बना दिया बोझ जिन्दगी का उठाये फिर रहा हूँ प्रतीक्षा की अंगार पर खुद को रख आज राख बना... Hindi · ग़ज़ल 61 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read में बेरोजगारी पर स्वार विसय. बेरोजगारी पर सवार विधा. मुक्तक दिनांक. २०:५:२०२४ 212 212. 212. 22 जिन्दगी का एक पल अब हावि हैं". बन्दगी की सादगी आजादी है ! बरस कई बीत गये यही... Hindi · ग़ज़ल 81 Share भरत कुमार सोलंकी 19 May 2024 · 1 min read मन के सवालों का जवाब नाही " मन के सवाल का जवाब नहीं विचारशील मै बैठकर कागज कलम की तन्हाई पर कुछ सवाल उभरे हैं। एकान्त की पराकाष्ठा पर इस मन की गहराई के सवाल का... Hindi · ग़ज़ल 110 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 83 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Hindi · ग़ज़ल 74 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज की जरूरत नहीं लोगो की परम्परा को तोड़ उस अमानत की दर को जोड़ खुद से कहूंगा मुझे दहेज की जरूरत नही भाग्य ने मुझे वो खुशहाली सोप मेरे बदनसीब को रोक मुझसे... Hindi · ग़ज़ल 78 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read मै ना सुनूंगी "ना सुनूंगी " भोली सुरत लेके तु मुझको क्यो बहकाता है। आलाप ना कर, तेरी मैं ना सुनगी बहाना लेके तु मीठे बोल से क्यों समझाता है । आलाप ना... Hindi · ग़ज़ल 1 91 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read भूल ना था भुल ना था पश्चाताप के आलम में मैअपना वजूद खोज रहा विग्रह् के मनोरम मे मै रख कलम कुछ सोच रहा क्यो मैं अपने मां बाप की भूल था उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल 79 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read प्रेम का वक़ात 3.5.37 वक्त के दरियों में कुदने की मेरी औकात नही रक्त के दरिया में नहाने की मेरी सोगात लगी निश्छल भाव से किसी गैर के मन में समाया था। रक्त... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 75 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read आक्रोश तेरे प्रेम का अटल इरादा रख मून म पटल पर देख क्यों खामोश बनी? इसी विचार पर रख मन को नकल कर सका फिर क्यों आक्रोश था ? लिखी अपनी कलम से तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 70 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read आक्रोश प्रेम का अटल इरादा रख मून म पटल पर देख क्यों खामोश बनी? इसी विचार पर रख मन को नकल कर सका फिर क्यों आक्रोश था ? लिखी अपनी कलम से तेरे... Hindi · ग़ज़ल 85 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read Sahityapedia Sahityapedia मेरी ओकात क्या” समय के फेर बदल में मैं सैकण्ड की सुई टिक टिक कर टिक रहा घण्टा में आसानी से प्यादे के संग में बेखौफ होकर बिक रहा... Hindi · ग़ज़ल 110 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read " मेरी ओकात क्या" " मेरी ओकात क्या" समय के फेर बदल में मैं सैकण्ड की सुई टिक टिक कर टिक रहा घण्टा में आसानी से प्यादे के संग में बेखौफ होकर बिक रहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 99 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read जीवन को नया जीवन को नया खुद को खुद से ज्यादा खुद पर भरोसा है नास्तिक हूँ इसीलिए दिखावट से परे हूँ आडम्बर का रख बहाना चून , चापलुसी की चतुराई को पतवार... Hindi · ग़ज़ल 66 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read जीवन की नैया जीवन की नैया खुद को खुद से ज्यादा खुद पर भरोसा है नास्तिक हूँ इसीलिए दिखावट से परे हूँ आडम्बर का रख बहाना चून , चापलुसी की चतुराई को पतवार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 82 Share