बृजेश पाण्डेय 'विभात' 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बृजेश पाण्डेय 'विभात' 16 Nov 2018 · 1 min read लुटे गुलशन में तुम आए लुटे गुलशन में तुम आए चमन में बहार बन छाए। कहीं था कोई न सहारा, तुम खेवनहार कहलाए। रहे जो बन्द अधर मेरे, कली सी खिल के छितराए। तुम्हें मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 317 Share बृजेश पाण्डेय 'विभात' 13 Nov 2018 · 1 min read माँ की ममता माँ ममत्व की मूर्ति सदा तुम, धार पीयूष की बूँदें। निमिष मात्र में संकट टाले, शीत तपन आँचल मूँदें। असहनीय पीड़ा सहकर भी, आनन्दित सुन किलकारी। पग के शूल सभी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 26 1k Share