विलक्षण उपाध्याय "भारमल गर्ग" 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid विलक्षण उपाध्याय "भारमल गर्ग" 1 Apr 2022 · 1 min read क्या बना दिया ? देख रहे हो ऐसे यह तुमको नहीं ख़बर यह आद'मी था कभी धुआं बन गया ।। जिस मांझी ने हमको बताया तू है कहां ? उस मांझी ने दिखाया मेरा... Hindi · कविता 140 Share