भारमल गर्ग Language: Hindi 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भारमल गर्ग 27 Jun 2025 · 1 min read पावन पीर हे पावस, भेजो पिया पास यह मेरी अरदास रे। बरस-बरस स्मृति उनकी अश्रु बन बरसाती जास रे॥ घन गरजे, गगन डोले, मन मेरा भी डोले रे। कौन कहे उनको यहाँ,... Hindi · कविता 60 Share भारमल गर्ग 26 Jun 2025 · 1 min read प्रेम गुत्थी यह प्रेम सरल नहीं, सागर तरंग सा डोला। सुख-दुख के मिलन में, वसन्त-शरद जैसा खोला॥ कभी मधु बन बहता, मीठी बयार सा छाया। कभी विषधर सा डसता, जीवन में अँधेरा... Hindi · कविता 109 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 12 min read पिता का मौन तप राजस्थान के मारवाड़ प्रदेश में बसा छोटा-सा गाँव था सुंदरसर। यहाँ की बलुई धरती सूर्य की तपिश सहती थी, रेतीले टीलों के बीच हरे-भरे खेत बाजरे की फसल से लहलहाते... Hindi · कहानी 111 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 1 min read हृदय का आर्तनाद हेमाभ नितम्बिनी, नयन विशाल विस्फारित प्रिये। हृदय-पद्म में प्रेम-मधुप मुग्ध बसा लिया प्रिये।। यमुनातटे वसन्ते जब बजी मुरली मधुर स्वर। तव अधरामृत पान को तरसे उर अहर्निश। "दीपक जलता रजनी... Hindi · कविता 80 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 1 min read समाज की विसंगति यह विषमता, यह क्रूर व्यथा किसने रची? इस दुर्दशा का उत्तरदायी कौन?? वृक्ष हरितिमा, नदियाँ जीवन, सब निर्ममता से लूटा। प्रकृति का सारा उपहार व्यर्थ ही सूखा। विकास के नाम... Hindi · कविता 105 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 6 min read जादुई जंगल का रहस्य (बाल कहानी) सोनिया आठ साल की जिज्ञासु और बहादुर लड़की थी। उसका घर एक छोटे से गाँव के किनारे था, जिसके पीछे फैला था विशाल, रहस्यमय 'नीले पहाड़ों का जंगल'। बड़े-बुजुर्गों के... Hindi · कहानी 156 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 2 min read जंगल का जादू लौटाना (बाल कविता) नीले पहाड़ों के जंगल में, छाई थी उदासी गहरी। पत्ते झर रहे, फूल मुरझाए, चुप थे सब पशु-पंछी सारे। सोनिया बेटी जिज्ञासु बहुत, दादी के संदूक में पाया रत्न। "नीले... Hindi · कविता 133 Share भारमल गर्ग 23 Jun 2025 · 1 min read विरहिनी का संशय (कविता) क्या यह पथिक तू आया प्रिय? या मृगतृष्णा सी छाया रे? चलता है धीरे-धीरे दूर, भ्रम हुआ नयनों से पिया रे... साँझ की लाली उस अंग में, वही सुंदर चाल... Hindi · कविता 89 Share