Bharat Bhushan Pathak Tag: तेवरी 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bharat Bhushan Pathak 30 Nov 2019 · 1 min read जाग मातृभूमि जाग मातृभूमि जाग प्रलय का ले आग कर अब ताण्डव तू फिर भेंट चढ़ी है तेरी ही एक बेटी विकृत मानसिकता वाले दनुजसम मनुज की जाग मातृभूमि जाग गा विध्वंश... Hindi · तेवरी 1 2 374 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Aug 2019 · 1 min read विधा-मुक्त छंद जय, जय माँ भारती। सिंह-सुता दहाड़ती।। आगे कभी, पीछे कभी नीचे कभी, ऊपर कभी घूम-घूम अग्नि बाण मारती जय, जय माँ भारती । सिंह-सुता दहाड़ती।। मार्ग दुष्कर था,लक्ष्य अटल था।... Hindi · तेवरी 503 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Jun 2019 · 1 min read उठ जाग बेटी उठ जाग बेटी अब हो प्रबल। चुप्पी तोड़ तलवार ले। शमशीर सम हथियार ले।। करले स्वयं ही संरक्षण। गर हो मान का मर्दन ।। उठ जाग बेटी । तीर संग... Hindi · तेवरी 310 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Feb 2019 · 1 min read सुधरोगे नहीं तुम सुधरोगे नहीं तुम । कितनी बार काटी है हमने तेरी दुम हिम्मत था गर तुझमें पुलवामा में दो हाथ कर लेते पता चल जाता तुझको कितना है तुझमें दम और... Hindi · तेवरी 1 264 Share Bharat Bhushan Pathak 16 Feb 2019 · 1 min read सिर्फ कैंडल मार्च नहीं सिर्फ कैंडल मार्च नहीं। हुँकार करो... सिर्फ विचार नहीं । प्रहार करो। सिर्फ कैंडल मार्च नहीं । गरलयुक्त अजगर बन फुँफकार करो । सिर्फ कैंडल मार्च नहीं भारत अर्जुन सम... Hindi · तेवरी 287 Share Bharat Bhushan Pathak 13 Jan 2019 · 1 min read युवा दिवस के अवसर पर उठो जागो हे मेरे प्यारे युवाओं । भारतवंश के तूफ़ानी जलधाराओं ।। राह कठिन हो या सरल हो। पीने को यदि भी गरल हो।। सामने फैला चाहे अनन्त छल हो।... Hindi · तेवरी 272 Share Bharat Bhushan Pathak 18 Nov 2018 · 1 min read आज सिंहनाद करना होगा:-वीर रस का प्रयास आज सिंहनाद करना होगा। माँ भारती की अस्मिता खतरे में है... गिद्धधों से लड़ना होगा।। आज विजयघोष करना होगा। असंख्य असुरों के अनाचार से... स्वयं को रक्षित करना होगा।। आज... Hindi · तेवरी 3 1 369 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read है अर्जुन उठा लो गाण्डीव आज ये रणभूमि है। रणचण्डी का द्वार।। हे अर्जुन उठा लो गाण्डीव आज। है नहीं वो हस्तिनापुर न है कोई एक दुशासन आज।। हे अर्जुन लक्ष्य संधान कर लो खंडित हो... Hindi · तेवरी 1 597 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read कुछ दिन कुछ दिन गरीब और रह जा ऐ जिन्दगी । राह में तेरे बेशक असंख्य सैलाब आए। फर्क क्या पड़ता है तुझे उनसे बह जा या ठहर ले जब तक न... Hindi · तेवरी 2 278 Share