श्रीभगवान बव्वा 65 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next श्रीभगवान बव्वा 7 Feb 2019 · 1 min read पीड़ा जब जब है बढ़ी पीड़ा जब जब हैं बढ़ी,किया यही उपचार। सूरत उनकी देख ली,जिनसे करते प्यार ।। जिनसे करते प्यार , लोग वो होते बूटी । अपने आते काम,और सब दुनिया झूठी ।।... Hindi · कुण्डलिया 1 383 Share श्रीभगवान बव्वा 7 Feb 2019 · 1 min read भले बुरे की सीख मिलती है परिवार से,भले बुरे की सीख । आदर्शों में जो पला , बना सदा तारीख़ ।। बना सदा तारीख़ , ज़मानें गुण हैं गाते । जो भी रहें विनीत,... Hindi · कुण्डलिया 1 387 Share श्रीभगवान बव्वा 7 Feb 2019 · 1 min read थम जाती जब सांस तज देते सब मोह को,थम जाती जब सांस । तीख़ा देते घाव वो , जो हों दिल के पास ।। जो हों दिल के पास , लोग वो बड़ा सताते... Hindi · कुण्डलिया 1 490 Share श्रीभगवान बव्वा 7 Feb 2019 · 1 min read ऊंची तेरी शान ! ऊंची तेरी शान है , ऊंचा तेरा मान । सबके विष को पी लिया,तुमने अपना जान ।। तुमने अपना जान , ग़ैर को गले लगाया । भटके जो भी लोग,... Hindi · कुण्डलिया 1 728 Share श्रीभगवान बव्वा 15 Dec 2018 · 1 min read कुण्डलिया अभिमन्यु है बना दिया , बालक था नादान । उस कुल को भाया नहीं, था जिस कुल की शान।। था जिस कुल की शान , उसी ने मुझे मिटाया ।... Hindi · कुण्डलिया 424 Share श्रीभगवान बव्वा 15 Dec 2018 · 1 min read कुंडलिया नागों ने है कर लिया, निर्णय मिलकर आज। छुपकर जो भी काट ले,उस पर होगा नाज़।। उस पर होगा नाज़, वही बस नेता होगा । कुलषित करे समाज,वह ही विजेता... Hindi · कुण्डलिया 422 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read कुण्डलिया देश तरक्की कर रहा , कहते हैं सब लोग। सब कुछ हरा-हरा दिखे,नहीं दिखे है रोग।। नहीं दिखे है रोग , यहां सब गड़बड़झाला। कल तक थे जो चोर,आज हैं... Hindi · कुण्डलिया 421 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read कुंडलिया झूठ दौड़ती जा रही , सच ने साधा मौन । तुम अगर अब नहीं लड़े, कहो लड़ेगा कौन?। कहो लड़ेगा कौन , कौन बदले तकदीरें । हो गई अब पहाड़... Hindi · कुण्डलिया 368 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read प्रदूषण रोको ज्यादा बढ़ रहा , प्रदूषण का जाल । ख्याल न किया अगर अभी,कर देगा बेहाल ।। कर देगा बेहाल , हवा को भी तरसोगे । देख गगन की ओर... Hindi · कुण्डलिया 618 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read हवाओं को सोता हूं महकती हुई हवाओं के साथ सदा होता हूं मैं, झोंका दुर्गंध का आता है तो बस रोता हूं मैं। बूढ़ा बाप हूं तुम्हारा ये कांधे कभी नहीं हारेंगे, यह मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read कुण्डलिया हर किसी के शब्द कहें,किसका क्या है मोल। जो व्यर्थ है बोलता , खोले अपनी पोल।। खोले अपनी पोल, सामने सच आ जाता । बिना करे आवाज, चना थोथा रह... Hindi · कुण्डलिया 585 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read कुण्डलिया एक अनार हो गई,अब सरकारी नौकरी । एक सौ बीमार हैं, क्या करेंगे चौधरी ।। क्या करेंगे चौधरी , बेहद बेरोजगारी । हर कोई चाहता,मिले नौकरी सरकारी ।। कहे श्री... Hindi · कुण्डलिया 638 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Dec 2018 · 1 min read कुण्डलिया झूठ दौड़ती जा रही , सच ने साधा मौन । तुम अगर अब नहीं लड़े, कहो लड़ेगा कौन?। कहो लड़ेगा कौन , कौन बदले तकदीरें । हो गई अब पहाड़... Hindi · कुण्डलिया 2 691 Share श्रीभगवान बव्वा 3 Mar 2018 · 1 min read होली कोरडा आल्ली होली,इब तै हो ली यार, भौजाई अर देवर का, ना रय्हा वो प्यार । ना रय्हा वो प्यार,बदलगेे सब रिश्ते नाते, देवर-भाभी इकदूजे नै, कत्ती ना चाहते ।... Hindi · कुण्डलिया 521 Share श्रीभगवान बव्वा 27 Feb 2018 · 1 min read ग़ज़ल नफरतें बोने वालों का, बुरा हश्र देर-सवेर होता है, विस्फोट वहीं होता है, जहां बारूद का ढेर होता है। नोंच कर खा जाने वालों का, जमाना जा चुका,यारों, आज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 400 Share श्रीभगवान बव्वा 27 Feb 2018 · 1 min read शेर कोयलों को जब जब, चुप रहने का फरमान मिला है , कव्वो की काव-काव को,मधुरता का सम्मान मिला है । सतयुग हो या कलयुग हो, यह सच्चाई अटल रही है,... Hindi · शेर 590 Share श्रीभगवान बव्वा 4 Aug 2017 · 2 min read आ अब लौट चलें नाटक "आ अब लौट चलें" राजू: रामू ! रामू ! जल्दी करो, स्कूल का टाइम हो गया है । रामू: नहीं यार, मैं आज से स्कूल नहीं जाऊंगा । राजू:... Hindi · कविता 649 Share श्रीभगवान बव्वा 16 Jul 2017 · 1 min read मेरी ग़ज़ल के दो शेर चेहरे पर मुखौटा , तेरे शहर के लोग लगाए रहते हैं । दिल में कुछ और होता है ,जुबां से कुछ और कहते हैं। नए आये हैं हम तो, तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share श्रीभगवान बव्वा 10 Jul 2017 · 1 min read मेरी ग़ज़ल के दो शेर तेरे शहर में रिश्तो का कोई सम्मान नहीं होता , मेरे गांव की तरह मेहमान, भगवान नहीं होता ।। अपने हाथों से लिखते हैं तकदीर- ऐ -इबारत, हम गरीबों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 568 Share श्रीभगवान बव्वा 20 Jun 2017 · 1 min read उत्कर्ष खेल खेल में हंसते-गाते ज्ञान के दीप जलाएंगे उत्कर्ष हमारा नाम है हम देश का मान बढ़ाएंगे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना हम साकार करेंगे नाश करेंगे अशिक्षा का रूढ़ियों पर... Hindi · कविता 846 Share श्रीभगवान बव्वा 14 May 2017 · 1 min read माँ आंचल तुम्हारा दरख्तों की छाया है माँ, हर धूप से टकराना तुमने सिखाया है माँ, तुम बेशक कहीं दूर सितारों में रहने लगी, मेरे सर पर हमेशा तुम्हारा ही साया... Hindi · कविता 678 Share श्रीभगवान बव्वा 15 Jan 2017 · 1 min read "बेटी" "बेटी" मन लगाकर पढ़ती हूं , और शान से जीती हूं ! मैं तो अपने पापा जी की अच्छी वाली बेटी हूं !! भ्रूण हत्या जो करते हैं, एक दिन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 696 Share श्रीभगवान बव्वा 1 Jan 2017 · 1 min read जोड़कर बढ़ो रूढियों को पीछे , छोड़कर बढ़ो, जो भी टूटा है उसे जोड़कर बढों । यूं तो हर वर्ष आता है नया साल, इस बार अहम् को तोड़कर बढ़ो । बहुत... Hindi · कविता 354 Share श्रीभगवान बव्वा 30 Dec 2016 · 1 min read हम हमारे जैसा ही होना चाहकर भी, जब हो नही पाते हैं । हमारे काम करने के अन्दाज़ से वो लोग जल जाते हैं ! हम तो हमेशा उन ही को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 710 Share श्रीभगवान बव्वा 30 Dec 2016 · 1 min read उस बाबा को भूल गए ? अभिव्यक्ति की आजादी,किसने दी थी बोल ? उस बाबा को भूल गए ? कैसा है मैखोल ! कैसा है ये मैखोल, शर्म तुमको नहीं आती, बदल गई है दुनिया, यहां... Hindi · कुण्डलिया 510 Share श्रीभगवान बव्वा 29 Dec 2016 · 1 min read "नया साल" नया साल दहलीज पे,खङा रहा है बोल। सूरज बांटे रोशनी,चित के पट को खोल।। चित के पट को खोल,अन्धेरे डर कर भागेंगे। सोये हुये हैं भाग्य तेरे तो वो भी... Hindi · कविता 420 Share श्रीभगवान बव्वा 15 Nov 2016 · 1 min read सबको सच्चा प्यार मिले ! हर बालक- बालिका को शिक्षा का अधिकार मिले, थोड़ा कम ज्यादा हो बेशक,सबको सच्चा प्यार मिले! छोटे- छोटे बच्चों को भी, चाय बेचनी पड़ती है , हाॅकर बन अखबार बेचते,... Hindi · कविता 940 Share श्रीभगवान बव्वा 5 Nov 2016 · 1 min read अच्छी बेटी सभी बेटियों को समर्पित ! मन लगाकर पढ़ती हूं , और शान से जीती हूं ! मैं तो अपने पापा जी की अच्छी वाली बेटी हूं !! भ्रूण हत्या जो... Hindi · कविता 1 1 626 Share श्रीभगवान बव्वा 28 Oct 2016 · 1 min read "दिवाली यूं मनाते हैं.." चलों, इस बार दिवाली कुछ यूं मनाते हैं ! किसी भूखे को भर पेट खाना खिलाते हैं ! ठिठुरता रहता है वो सर्द रातों में बेचारा, उस बुढे के लिए... Hindi · मुक्तक 352 Share श्रीभगवान बव्वा 23 Oct 2016 · 1 min read "शहर को दुआ देते हैं" किसी के आसूंओं को पोंछ कर, हंसा देते हैं ! इस बार, दिवाली कुछ इस तरह मना लेते हैं !! बहुत शोर हो रहा है , बम-पटाखों का यहां, चलो,... Hindi · शेर 437 Share Previous Page 2 Next