Basant Nayak 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Basant Nayak 22 Jan 2017 · 1 min read जूही-गुलाबों सी बेटियाँ (०-१ साल ) मेरे घर चिड़ियाँ आई, सबके चेहरे पे खुशियाँ लाई, सब हँसते, वो दमदम रोती , ये देख नज़ारा,आँखे नम होती , ये मेरा कोरा कागज, मेरी अमिट... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 298 Share