बसंत कुमार शर्मा Tag: मुक्तक 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बसंत कुमार शर्मा 19 Aug 2018 · 1 min read माँ तपती हुई दुपहरी में भी, शीतल मंद हवा है माँ बच्चों की भूख मिटाने को, चूल्हा आग तवा है माँ घर आँगन का अनुशासन है, पूजा से भी पावन है... Hindi · मुक्तक 566 Share बसंत कुमार शर्मा 14 Apr 2017 · 1 min read कहाँ बदली गई (१) कभी घर पर नहीं करते, कभी बाहर नहीं करते किसी भी धर्म की निन्दा, किसी भी दर नहीं करते दिखे मंदिर, दिखे मस्जिद, झुका देते हैं सिर अपना निवासी... Hindi · मुक्तक 457 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Dec 2016 · 1 min read फूल हमेशा खुश रहते हैं दवा नहीं है दर्द-ए-दिल की, यूँ जग में उपचार बहुत हैं खुला हुआ कोई न मिलेगा, शहर गाँव घर-द्वार बहुत हैं खुश रहना हो हर हालत में, गम से फिर... Hindi · मुक्तक 277 Share बसंत कुमार शर्मा 13 May 2017 · 1 min read माँ और बेटियाँ पाप अपने कुछ मिटाने चल दिए लोग गंगा में नहाने चल दिए तीर्थ घर में है हमारे सोचकर पैर माँ के हम दबाने चल दिए स्कूल में पढना पढ़ाना आ... Hindi · मुक्तक 294 Share