बसंत कुमार शर्मा Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बसंत कुमार शर्मा 9 Aug 2017 · 1 min read कहने को शर्मीली आँखें झील सी’ गहरी नीली आँखें हैं कितनी सकुचीली आँखें प्रेम अगन सुलगाने को तो हैं माचिस की तीली आँखें खो देता हूँ सारी सुध बुध उसकी देख नशीली आँखें यादों... Hindi · कविता 312 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Mar 2017 · 1 min read हिय से मत दूर मुझे करना आज करूं तुमसे विनती हिय से मत दूर मुझे करना सोंप दिया तन सोंप दिया मन मान सदा दिल का रखना क्लेश न हो कुछ द्वेष न हो अपने मन... Hindi · कविता 568 Share