मिथिलाञ्चल विश्व मे ,ज्ञान गरिमाक धाम छल।
मिथिलाञ्चल विश्व मे ,ज्ञान गरिमाक धाम छल। सभ्यताक विस्तृत क्षेत्र मे, विद्वताक ठाम छल।। नैतिकताकेर बनिञा,जखनहिं नगरमे जन्मलेल। मिथिलाक संस्कृति संङ पाण्डित्य,तखनहिं विलुप्त भेल।। विद्वताक स्थान ग्रहण कएने ,शराब अछि।...
Maithili · कविता