Awadhesh Singh Language: Hindi 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Awadhesh Singh 29 Jun 2024 · 1 min read कविता तुम से कविता तुम से *********** दरअसल कविता शब्द दर शब्द अनुभूति का प्रवाह है जिसे मैं कागज पर लिखता हूँ बस कविता बनाना वैसा ही है जैसे मन को बनाना बिना... Hindi · Best Love Poetry · कविता 1 200 Share Awadhesh Singh 29 Jun 2024 · 1 min read जून की कड़ी दुपहरी जून की कड़ी दुपहरी ***************** प्रिय तुम , स्मृतियों की शीतलता टांक दो मेरी कमीज पर ऊपर से तीसरी बटन की जगह ताकि यह हृदय के ऊपर ही रहे इस... Hindi · Hindi Poems Of Love · कविता 1 209 Share Awadhesh Singh 29 Jun 2024 · 1 min read जरूरी तो नहीं जरूरी तो नहीं ************ प्रेम संबंधों की जड़ें लंबी हो जरूरी नहीं …. रिश्ते की उपजाऊ जमीं हो यह भी नहीं आवश्यक …. भावनाओं में सैलाब हो जरूरी तो नहीं... Hindi · Hindi Poems Of Love · कविता 194 Share Awadhesh Singh 29 Jun 2024 · 1 min read मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो ************************************ उम्र की आधी सदी के पार लफ्जों से नहीं बल्कि इशारों में उमड़ता है प्यार किचन के लिए मेरी पसंद –... Hindi · Hindi Poems Of Love · कविता 154 Share Awadhesh Singh 30 May 2024 · 1 min read नज़्म - चांद हथेली में नज़्म - चांद हथेली में *************** चांद यूं आसमां पर तन्हा अकेला है चांदनी यूं जमी पर तन्हा अकेली है... फिजा में खुद को खुद से खोजता हूं ये अनबूझी... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love · Love Poem · Love Poetry · कविता 1 305 Share Awadhesh Singh 30 May 2024 · 1 min read वैनिटी बैग वैनिटी बैग ************ आज पहलीबारी तुमसे छुपा फुरसत में खोल ही लिया तुम्हारे हाथ में यह जो रहता है यदि देखा जाए तो वह मेरे हाथ की जगह है काश... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love Lines · Love Poem · Love Poetry · कविता 2 170 Share Awadhesh Singh 29 May 2024 · 1 min read खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी ************************ तुम कितने बदले जैसे बदलता रहता है यह मौसम बस नहीं है इस पर किसी का तुम कितना दूर दूर रहे जैसे पहाड़ी घरों... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love · Love Poem · Love Poetry · कविता 1 316 Share Awadhesh Singh 25 May 2024 · 2 min read अलसाई सी तुम अलसाई सी तुम ************* 1. बहुत अच्छी लगती रही नींद भरी आंखो से मुझको देखती अलसाई सी तुम, हसीन सपने देखना ज़ोर से ठहाका लगा के हँसना या मुखड़े को... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love · Love Lines · Love Poem · कविता 2 190 Share Awadhesh Singh 25 May 2024 · 1 min read दोनों हाथों की बुनाई दोनों हाथों की बुनाई *************** ऐसा नहीं कि पलकें कभी भीगी न हों, ऐसा नहीं कि वो काजल की काली लकीर आंसुओं से मिटी न हो, ऐसा नहीं कि मैं... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love Life · Love Lines · Love Poem · कविता 4 385 Share Awadhesh Singh 23 May 2024 · 1 min read चश्मा चश्मा ****** आँखें आज भी वैसी ही है जिसमें लहराता है झिलमिल आशाओं का अनंत आकाश हमारे अपने गढ़े ढेरों विश्वास आँखों पर चश्मा लग गया है मोटे ग्लास की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 236 Share Awadhesh Singh 23 May 2024 · 2 min read तुम - हम और बाजार तुम - हम और बाजार ****************** तुम्हारी आंखों में सपने थे मेरे पास थी उन सपनों की फेहरिस्त तुम रोज सपने देखती थीं मैं रोज देखता था अखवार का वह... Poetry Writing Challenge-3 · Awadhesh Singh · Love Poetry · कविता 2 157 Share Awadhesh Singh 20 May 2024 · 1 min read तुम और बिंदी तुम और बिंदी ************ तुमसे मेरी बिंदी का एक रूमानी रिश्ता है बिंदी विवाहित जीवन का चंदन है सात्विक्ता पवित्रता का बेजोड़ बंधन है तुम हो तो बिंदी है तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Lovepoetry · कविता 1 218 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read सुर्ख बिंदी सुर्ख बिंदी ********* अपनी दोनों आँखों में भर कर तुम्हारे साथ के सपने तुम्हारी सुबह तुम्हारी शाम उनके ठीक बीच में लगा ली लाल सुर्ख बिंदी लेकर तुम्हारा नाम सुबह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 240 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read काजल की महीन रेखा काजल की महीन रेखा ****************** आँखों में वह काजल की महीन रेखा तुमने खींची थी लक्ष्मण रेखा सी थी वह जिसके अंदर धैर्य था जिसके अंदर शालीनता सऊर बसी थी... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Lovepoetry · कविता 1 195 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read बोलती आँखें बोलती आँखें ************ आँखें बोलती रहीं होंठ की भाषा बिना शब्द की ढेरों दिलासा अपलक निहारना - सकुचाना मुझ अकिंचन को यूं अपनाना , दूर गिरते झरने से फिसलती जल... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Lovepoetry · कविता 199 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read गर्म स्वेटर गर्म स्वेटर ******** मेरी ठिठुरन को दूर करने के लिए उन के मुलायम नर्म धागे से बुनती रही मेरे लिए गर्म स्वेटर अलग अलग रंग चित्रकारी के मैं तुम्हारी आँखों... Poetry Writing Challenge-3 · Awadhesh Singh · Lovepoetry · कविता 1 296 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read प्रेम की पाती प्रेम की पाती ********** प्रिय ,क्या है प्रेम में निभाना क्या है मिलना , क्या है उसका दूर जाना जब उसको छोड़ कर दूर रह कर उससे होते हैं उसके... Poetry Writing Challenge-3 · Awadhesh Singh · Love Poetry · कविता 270 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read प्रेम के मायने प्रेम के मायने ********** उसने कहा प्रेम निखालिस उधार है यह नकद नहीं इसका कोई कद नहीं यह आकार में निराकार है, जीवन में अजीवन सा पंखुरियों सा सुवासित कोमल... Poetry Writing Challenge-3 · Awadhesh Singh · Love Poetry · कविता 1 153 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read कहना क्या कहना क्या ********* प्रेम में कहना क्या चुप रहना क्या.... आँखों में कैद हैं कई सावन मन ने पाले पीड़ा क्रंदन दूरियां नजदीकियां के नए बंधन दूर क्षितिज तक बिखरे... Poetry Writing Challenge-3 · Awadhesh Singh · Love Poetry · कविता 1 210 Share Awadhesh Singh 19 May 2024 · 1 min read टूटी बटन टूटी बटन ********* दफ्तर जाते समय , जल्दी की हड़बड़ी में मेरी कमीज की टूटी बटन टाँकने में बेशक अब तुम्हारी अनुभवी उँगलियों द्वारा सुई मुझे नहीं चुभा करती है... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Love Poetry · कविता 200 Share Awadhesh Singh 16 May 2024 · 1 min read नज्म- नजर मिला नज्म- नजर मिला ========== कभी तू भी मुझसे नजर मिला कभी तू भी मेरी राह आ । कि तू मुद्दतों से दूर है ये दिल गमों से चूर है तनहाई... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Lovepoetry · Poetry · कविता 2 274 Share Awadhesh Singh 16 May 2024 · 1 min read बरक्कत बरक्कत ******** तुम डिब्बों में तलाशती रहीं घर की बचत कहती रहीं यही है बरक्कत मैं सब्जी की दुकान में छांटता रहा बासी के ढेर में पड़ी ताजी सब्जी... मैं... Poetry Writing Challenge-3 · Awadheshsingh · Lovepoetry · Poetry · कविता 2 169 Share