Atul "Krishn" 137 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Atul "Krishn" 14 Jun 2024 · 1 min read जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस परदे के पीछे छुप कर, बोलते भरम के बोल जला घर किसका मरा कौन आँच कहाँ है जाती रोते किसके माँ बाप हैं इनका उससे... Quote Writer 1 14 Share Atul "Krishn" 13 Jun 2024 · 1 min read आस भरी आँखें , रोज की तरह ही आस भरी आँखें , रोज की तरह ही झरोके से दूर तक , पगडण्डी के छोर पर टिका के बैठा हूँ अब तो चीड़ के पत्तों से बर्फ भी पिघल... Quote Writer 14 Share Atul "Krishn" 13 Jun 2024 · 1 min read सूली का दर्द बेहतर सूली का दर्द बेहतर उनकी दग़ा के शूल से अंत तो है दर्द का सूली पर ज़ाहिर है है बेवफ़ाई नासूर ना ही है मरहम ना ही चारागर अतुल "कृष्ण" Quote Writer 14 Share Atul "Krishn" 13 Jun 2024 · 1 min read "मन" भर मन पर बोझ "मन" भर मन पर बोझ का से बाटूँ मोय बोझ ना हो मन पर "मन" भर जाके मिला ना ऐसा कोय अतुल "कृष्ण" Quote Writer 13 Share Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read दग़ा भी उसने दग़ा भी उसने इतनी मासूमियत से की उनके इश्क़ के नश्तर की धार का एहसास ज़ेहन पे पड़े दाग़ से होता है . . . . . . . अतुल... Quote Writer 15 Share Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू हर रोज की तरह ही सुबह - सुबह चाय के प्याले के साथ तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू झरोखों से देखा है हमने कभी बर्फ से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 19 Share Atul "Krishn" 8 Jun 2024 · 1 min read जिंदगी के गिलास का पानी जिंदगी के गिलास का पानी बड़ा साफ़ और शांत था दग़ा का एक कंकर तुम्हारा जिंदगी को तार तार कर गया तुम्हारी एक बूँद काली स्याही सी दख़ल ने जिंदगी... Quote Writer 20 Share Atul "Krishn" 8 Jun 2024 · 1 min read ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं ये होठ मेरे सूखे नहीं रिसते लहू की है परत बस अंत की बाट जोहती आंखों में समुन्दर ना देख ये... Quote Writer 1 21 Share Atul "Krishn" 8 Jun 2024 · 1 min read सर्दी के हैं ये कुछ महीने सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Quote Writer 21 Share Atul "Krishn" 8 Jun 2024 · 1 min read बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए पांच तत्व का ये शरीर पाँचों गुण छुपाये लहू तरल है - स्वांस है वायु जठराग्नि - आग समेटे... Quote Writer 1 19 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है बड़ा ही मुश्किल है- अपना सच अपने से ही छुपा पाना तुम्हारा मन कुछ और है कहता जुबां... Quote Writer 1 16 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 3 min read जी हमारा नाम है "भ्रष्ट आचार" जी हमारा नाम "भ्रष्ट आचार" है हमारा स्वाद बड़ा ही तीखा और चटपटेदार है ! वैसे तो हम वैदिक काल से ही हैं ! पर मुग़ल के जमाने से मेरा... Hindi · लघु कथा · हास्य-व्यंग्य 20 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read "सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं .... पूछ के उम्र मेरी कम ना कर मेरी ज़िन्दगी के पल साक़ी , सालों बाद तो मिला हूँ फिर अपने आप से ... अभी - अभी तो सुरूर आया है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 24 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज" ब्रितानियों से सीखा लोगों को लड़ा दे और कर ले राज फिर "कूट कूट के लूट" ले जब तक करते "राज" हों खोट मिला के वोट बाँट दे इस वोट... Hindi · कविता 15 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read आइये - ज़रा कल की बात करें आइये - ज़रा कल की बात करें वो कल जो कल गुजर गया या वो कल जो कल आएगा ? कुछ वाक़िये आज भी कल की याद दिलाते हैं वो... Hindi · कविता 21 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read हर "प्राण" है निलय छोड़ता निलय निलय निकास नियम अडिग है तन तो बस है एक मिट्टी का घरोंदा "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल... Hindi · कविता 21 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read काँटों ने हौले से चुभती बात कही काँटों ने हौले से चुभती बात कही चमक उठी एक बूँद लहू की उँगलियों की पोर पर आखिर फूलों ने था क्या बिगाड़ा महज़ अपने शौख के लिए किया क्यों... Quote Writer 1 27 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं पलट कर जब पूछा जो उन्होंने क्या लिखते हो ? मुक्तक या छंद कविता या गज़ल हैरान रह गए हम ऐसे पेंचो-ख़म और सितमज़रीफ़ी से सवाल पर पता ना था... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 22 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read तुमने की दग़ा - इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया ख़ियाबां हमारा काँटों से भर दिया तुमने की तुमने दग़ा हर रिश्तों में और इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया यह भी जान ले बहुत अनजान है तू मेरे चश्म-ए-तल्ख के... Hindi 20 Share Atul "Krishn" 27 May 2024 · 1 min read रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं --- --- --- ---- रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं जब चलें नंगे पाँव हम कालीन पर चलने वालों को फर्श कितनी ठंढी है... Quote Writer 1 31 Share Atul "Krishn" 27 May 2024 · 1 min read घाव बहुत पुराना है घाव बहुत पुराना है वैसे चोट तो थी बहुत पहले लगी घाव पुराना भी हो गया अब तो याद भी नहीं रहता सालों का साथ जो हो गया बस टीस... Quote Writer 1 33 Share Atul "Krishn" 27 May 2024 · 1 min read तेज़ाब का असर तेज़ाब का असर कभी कुरेदा है गर्म राख को ? जल जाएंगे तुम्हारी उंगलियों के पोर बता देंगी तुम्हें मेरे दबे ज़ख्म के तेज़ाब का असर अतुल "कृष्ण" Quote Writer 26 Share Atul "Krishn" 27 May 2024 · 1 min read एक भ्रम जाल है एक भ्रम जाल है हर भीड़ में चलता हर आदमी जैसे साथ नहीं होता जो साथ दिखते हैं जेहन से होते हैं कहीं और बस एक भ्रम जाल है साथ... Quote Writer 27 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read फलसफ़ा फलसफ़ा जिंदगी का है यही लिखी जो इबादत, पैग़ाम हो, सच हो - या इश्क़ का हो इज़हार सागर की रेत पर मिटा देतीं है वज़ूद लहरें एक पल में Quote Writer 1 1 44 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव ही परम साध्य भी , शिव जीव भी, शिव बह्मा, शिव ही आराध्य हैं !! शिव भोग, शिव त्याग, शिव ही तत्व ज्ञान हैं !... Quote Writer 1 142 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read उफ्फ्फ उफ्फ्फ जो गुलाब यूँ तोड़ा एक काँटा चुभा जोर से बूँद लहू की चमकी उँगलियों की पोर पर कहा धीरे से फूलों ने क्या बिगाड़ा जो तोड़ा , और किया... Quote Writer 46 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read निलय निकास का नियम अडिग है तन तो बस है एक घरोंदा मिट्टी का "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल - और हलचल से कुछ हैं... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 55 Share Atul "Krishn" 13 Mar 2024 · 1 min read वो ऊनी मफलर सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read बूँद बूँद याद बूँद बूँद याद टपकती रही रात भर ज़ेहन में जमीं बर्फ़ से तन - मन गीला हो गया सीलन सी भर गयी कमरे में हर तरफ़ साँसें रुक गईं हैं... Quote Writer 85 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read सफर कितना है लंबा सफर कितना है लंबा होते रास्ते ख़तम कभी नहीं मुड़ जाते हैं हर छोर पर मील का पत्थर तो बस निशाँ हैं लिखा है जहां अभी सफ़र और बहुत बाक़ी... Quote Writer 96 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read राख के ढेर की गर्मी राख के ढेर की गर्मी देती है बता जलती थी आग वहाँ कभी सर्दियों की रात की थी वो राहत सेकें थे जहां हाथ कइयों ने रात भर . .... Quote Writer 75 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read कठिन समय रहता नहीं कठिन समय रहता नहीं हर वक़्त हर समय जीवन में दम हो जो जीवट आदम में रहता है काबिज़ हर पल - हर समय .......... अतुल "कृष्ण" Quote Writer 94 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है ये सर्दी - ये धुंध भी ना मेरी दुश्मन है औरों की तरह- ये खुशगवार नहीं है किसी ना किसी तरह , तेरी याद ताज़ा रखती है पहाड़ी पगडंडियों पर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 70 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read चाँद सबको अच्छा लगता है जब बड़ी अठखेलियां करता है ताल में अपनी छवि देख क्यों इतना इतराता है ना जाने किसे रिझाता है ? हर बार सिर्फ एक ही रूप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 53 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read "कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है सिर्फ ये मेरी ही बात नहीं हैं ये उतनी ही तेरी भी है कथा व्यथा की लिखना मुश्किल है क्या कहूँ ? कितना कहूँ ? अनुभव के अथाह से चंद... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 90 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read भोग कामना - अंतहीन एषणा भोग कामना - अंतहीन एषणा व्याकुल मन की बात करें क्या कलियुग की यही माया है चाह बढ़ी ऐश्वर्य की जैसे बस विवेक मर जाता है वित्तोषणा बढ़ जाती है... Quote Writer 1 80 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read सर्दी के हैं ये कुछ महीने सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Quote Writer 1 104 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ तलाशता हूँ हर शाम उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर आज भी जाता ही हूँ तलाशने तुम्हारे पैरों के निशाँ सालों... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 61 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read बड़ा ही अजीब है बड़ा ही अजीब है रिश्ता हमारा - तुम्हारा कमल के पत्ते पर चमकती पानी की इक बूँद की तरह साथ हो कर भी एक नहीं हुए कभी हुए जरा अलग... Quote Writer 115 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read कांटें हों कैक्टस के कांटें हों कैक्टस के या हो टूटे कांच के टुकड़े चुभन इनकी है बर्दाश्त के काबिल ज़ख़्म आपकी बेवफ़ाई का नाक़ाबिले बरदाश्त है .......... अतुल "कृष्ण" Quote Writer 62 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read क्या अजीब बात है क्या अजीब बात है सपनें और यादें बंद आँखों से ही "नज़र" आते हैं .......... अतुल "कृष्ण" Quote Writer 71 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना इतना आसाँ नहीं है अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना एक भरम है -... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 118 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में कॉन्टामिनेटेड रिश्ते नये - नये... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 78 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read देखते देखते मंज़र बदल गया देखते देखते मंज़र बदल गया धूप भी सिमट गयी बादलों के आग़ोश में पता नहीं पहाड़ों के बर्फ़ कब पिघलेंगे देवदार के पेड़ भी बर्फ़ की परतों से हैं बोझल... Quote Writer 2 93 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read वक़्त के वो निशाँ है वक़्त के वो निशाँ है चेहरे पर हमारे लिखे हुए हर हर्फ़ बारीक़ हैं पढ़ें ज़रा ग़ौर से कुछ ख़ुशियों के इज़हार हैं तो कुछ हैं ग़मज़दा आँखों का समन्दर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 71 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read और मौन कहीं खो जाता है दर्द -एक आम आदमी का एक आम आदमी का - दर्द गीली लकड़ी में लगी आग सा होता है लपट तो कम होती है घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 53 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 67 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read किरणों का कोई रंग नहीं होता किरणों का कोई रंग नहीं होता Quote Writer 1 95 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read धुंध इतनी की खुद के धुंध इतनी की खुद के हाथ नज़र नहीं आते बेवफ़ाई ने उनकी भरी धुंध इतनी ज़िन्दगी में मेरी मेरी जिंदगी ही नज़र आती नहीं .......... अतुल "कृष्ण" Quote Writer 1 86 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read जो हुआ वो गुज़रा कल था जो हुआ वो गुज़रा कल था वक़्त एक धुँआ है आज सिर्फ उस धुएं में कल की बस महक बाक़ी है अतुल "कृष्ण" Quote Writer 84 Share Page 1 Next