Atul "Krishn" Language: Hindi 90 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read काश यह मन एक अबाबील होता काश यह मन एक अबाबील होता और उड़ जाता परिंदे की तरह समय से परे जहां कुल्ल्ढ़ की चाय के साथ गुजारने को "वख्त" होता था अब तो वो बिना... Hindi 213 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read वसंत - फाग का राग है हवा में मस्ती का तरंग है , रंग का उल्लास है हर्षित हो उठा है मन मन में है शोख़ियाँ - अपनों का संग है वसंत का है आगमन फैला... Hindi 189 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य" इस संसार का यही सबसे बड़ा और एक अकाट्य सत्य के है जीवन के अंतिम क्षणों में तो अपना शरीर भी साथ नहीं जाता और हम अपने पीछे सिर्फ और... Hindi 147 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read फादर्स डे ( Father's Day ) अपने हर साँस के क़र्ज़दार हैं हम हरदम - हर दम में तुम हो हर ख़ुशी हर ग़म में तुम हो हर एक पल तुम्हारे साथ का एहसास है मेरे... Hindi 161 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read कलयुग और महाभारत गाँधारी - दुर्योधन और कर्ण इस कलयुग के महाभारत जीतने की आशा में गाँधारी ने अपने दुर्योधन को अपना (कुटिल) तेज़ और लौह शक्ति देने को जब अपने आँखों की... Hindi 155 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read बड़े एहसानफ़रामोश - बेगैरत हैं वो असर लहू का बदलता नहीं है बड़े एहसानफ़रामोश बेगैरत हैं वो जा ग़ैरों के आशियानें में जो अपने मुल़्क का खा कर नमक उसी को बदनाम करते है असर लहू... Hindi 79 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read वख्त का तक़ाज़ा है - ज़ख़्म अभी ताज़ा है वख्त का तक़ाज़ा है - ज़ख़्म अभी ताज़ा है कोशिश तो की बहुत परत दर परत डाल दूँ छुपा लूं - भुला दूँ बीते बरस दर बरस पर अब भी,... Hindi 145 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं दहशतगर्दी पर अब हैरान नहीं होता अब सीने में दिल नहीं हैवानियत धड़कती है ये सिर्फ वर्दी की वहशियत है कानों पे दरिंदगी की काई है दर्द ना सुनाई देती... Hindi 130 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read रेतीले तपते गर्म रास्ते मज़िल अभी दूर है रेतीले रास्ते तपते गर्म लंबा है सफ़र हाथ हैं पीछे बंधे हुए किस से कहें के पावं से काँटा निकाल दे Hindi 161 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read साया ही सच्चा रहगुजर तो राह ही मे गुज़र गए .. एक साया भर ही तो साथ था ज़रा हुआ और घना अंधेरा साया भी मेरा साथ छोड़ गया अब फिर उस सहर... Hindi 135 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read कैसा क़हर है क़ुदरत क़ुदरत का ये कैसा क़हर है साँझ से भोर तक जिंदगी का हर पल रहस्य लगता है लगता है गली के कुत्ते - और पेड़ों पे गौरैइया भी बौउरा गये... Hindi 160 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में कहीं कुछ बचपन अपनी साँस गुब्बारों में भर इनके बिकने का इंतज़ार करते हैं उन अमीरों के बच्चों का जो चंद... Hindi 85 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं इस दरिंदगी के ग़ुबार में अपने अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं धमाकों से फैली इस धुँध में वो सर्दियों सी ठंडक नहीं होती ज़िस्म और ज़ेहन -... Hindi 191 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read हैवानियत के पाँव नहीं होते! सच है कि हैवानियत के पाँव नहीं होते! अजीब सा मंज़र है - हर ओर चीख़ें हैं - दर्द है बस आँसुओं की सूखी लकीर है ! बेबस आँखें -... Hindi 171 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read है कश्मकश - इधर भी - उधर भी क़त्लेआम का सैलाब है द़िमाग में ज़नून और सब्र ज़मींदोज़ है इधर भी - उधर भी लहू के रंग मे ज़हर सा है घुल गया फैली फिज़ाँ में है दहशत... Hindi 119 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है तपाक से गले से लगने वाले अब तो नज़रें भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं इस ख़ौफ़ के सन्नाटे में - मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है बदलते वख़्त के... Poetry Writing Challenge-2 143 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है जीवन और मृत्यु आज और कल समय के सिक्के का हेड और टेल ही तो है आज हेड है सामने ग़र टेल में है “दो कल” छुपे हुए पर मशगूल... Poetry Writing Challenge-2 84 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं धमाकों से फैली इस धुँध में वो सर्दियों सी ठंडक नहीं होती ज़िस्म और ज़ेहन - सभी जल जाते हैं दस्तानों की ज़रूरत नहीं होती इस धुँध के छटनें पर... Poetry Writing Challenge-2 63 Share Atul "Krishn" 10 Feb 2024 · 1 min read तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर आज भी जाता ही हूँ तलाशने तुम्हारे पैरों के निशाँ सालों पहले जिन्हे बस अठखलियों में ही अल्हड़ लहरों ने... Poetry Writing Challenge-2 99 Share Atul "Krishn" 10 Feb 2024 · 1 min read हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर सब नियत है आना इस जहां में अकस्मात् नहीं है एक बीज - एक फूल के है मानिंद हर शख़्स का मुक़द्दर पहले से तयशुदा है कुछ बीज - पेड़... Poetry Writing Challenge-2 154 Share Atul "Krishn" 10 Feb 2024 · 1 min read क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन क्यों अटकता है मन हर पुरानी याद में कभी फाग के राग में क्यों हो जाता है मगन होली... Poetry Writing Challenge-2 176 Share Atul "Krishn" 10 Feb 2024 · 1 min read आफ़ताब हर शाम आफ़ताब जब जमीं को है चूमता वो फ़लक़ से शर्म से सुर्ख़ होता है तब शफक़ कुछ देर की ही बात है ओढ़ कर सुनहरा सा दुपट्टा दरिया... Poetry Writing Challenge-2 139 Share Atul "Krishn" 10 Feb 2024 · 1 min read हवेली का दर्द हवेली का दर्द है कर वीरान हवेली को जब अपने ही छोड़ जाते हैं बहुत करीब से देखा है इन हवेलियों को दर्द से कराहते हुए वक्त की झुर्रियों से... Poetry Writing Challenge-2 173 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं जिंदगी ग़र एक घर है रिश्ते हैं खिड़कियाँ कुछ खुलीं हैं अब भी कुछ बरसों से बंद हैं कुछ की लकड़ियाँ हैं पुरानी कुछ हैं अभी नयीं कुछ चरमरा रहीं... Poetry Writing Challenge-2 156 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read पूस की रात पूस की रात और कड़कती सर्दी शमशीर समीर की खेत के बीच की अलाव चीरती हाड़ तक सिहराती है उम्मीद की गर्मी का ये कम्बल और कुरेद आग अलाव की... Poetry Writing Challenge-2 145 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read ये दिल यादों का दलदल है ये दिल के चार दल यादों का एक दलदल है कुछ ख़ुशी गर है छुपी तो ये ग़म ज़दा भी है दर्द धड़कता है कुछ इस क़दर रखता है रक्तरंजित... Poetry Writing Challenge-2 124 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में लगता है कल रात सर्दी कुछ ज्यादा थी नींद ना जाने कहाँ ग़ुम थी क़तरा क़तरा वक़्त चुपचाप गुज़र गया बूँद... Poetry Writing Challenge-2 110 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई कौन कौन , कब - कब और किसने - तो कुछ ने आँखों से ही अनकही -... Poetry Writing Challenge-2 214 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी जब कभी - सर्दी में बारिश हुई कुछ बूंदों की फुहार ने ज्यूँ ही चेहरे को छुआ ना जाने क्यूँ फिर... Poetry Writing Challenge-2 178 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी काश आज अगर जो अम्माँ होती होते मेरे बाबूजी पैरों को उनके फिर गह लेते अम्माँ जहाँ थी ममता का सागर बाबूजी संबल... Poetry Writing Challenge-2 87 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........ अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को, तो आज तन यहां और मन वहाँ दौड़ता ना होता यूँ ही - यहीं बैठे बैठे कभी कभी अपने ही पुश्तैनी घर... Poetry Writing Challenge-2 118 Share Atul "Krishn" 9 Feb 2024 · 1 min read समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है जीवन और मृत्यु आज और कल समय के सिक्के का हेड और टेल ही तो है आज हेड है सामने... Poetry Writing Challenge-2 115 Share Atul "Krishn" 8 Feb 2024 · 1 min read बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है बस ये फेर है नज़र का काँटों के बीच है रहती हर कली की ये एक अपनी... Poetry Writing Challenge-2 126 Share Atul "Krishn" 8 Feb 2024 · 1 min read एक साक्षात्कार - चाँद के साथ एक साक्षात्कार - चाँद के साथ पूछा हमने चाँद से - कुछ सीधा सीधा सवाल क्यों आसमान नहीं होता रोशन - जब तुम आते हो ? क्यों झपका – झपका... Poetry Writing Challenge-2 1 2 105 Share Atul "Krishn" 6 Feb 2024 · 1 min read आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं हाथों की झुर्रियां आँखों का सूनापन अपनों से या अपनों का दर्द खामोशी से बताती हैं समय की लकीरें ललाट और चेहरे पे आती हैं मुस्कुराने की कोशिश में लकीरें... Poetry Writing Challenge-2 229 Share Atul "Krishn" 6 Feb 2024 · 1 min read ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं ये होठ मेरे सूखे नहीं रिसते लहू की है परत बस अंत की बाट जोहती आंखों में समुन्दर ना देख ये... Poetry Writing Challenge-2 170 Share Atul "Krishn" 6 Feb 2024 · 1 min read "रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो मेरी पंक्तियों का "रंग भले ही स्याह हो" - रंग तो अपने तुम घोलते हो जब पढ़ते हो अपने ही कुछ छुपे रंगों से खुद से परिचित कराते हो हमने... Poetry Writing Challenge-2 131 Share Atul "Krishn" 6 Feb 2024 · 1 min read हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है* "हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले .... देश अभी भी सोया है ....." ( भ्रष्ट ) नेता हों या (मौक़ापरस्त) कथाकार हो या हों ख़बर नवीस अलगाव के अलाव को... Poetry Writing Challenge-2 37 Share Atul "Krishn" 5 Feb 2024 · 1 min read सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है ( Challenge Poem #2 ) देर रात - तक जब नींद नहीं आती चुपचाप टेरेस में बैठ दूर... Poetry Writing Challenge-2 143 Share Atul "Krishn" 5 Feb 2024 · 2 min read कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें ( Poem Challenge # 1 ) वख्त बे वख्त - कुछ आज की बातें , कुछ बीते हुए पल... Hindi 151 Share Previous Page 2